नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है और सभी सियासी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दिल्ली में बहुजन समाज पार्टी और AIMIM जैसे छोटे सियासी दल आगामी विधानसभा चुनाव में 3 बड़े राजनीतिक दलों आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के मुकाबले में उतरने की रणनीति बना रहे हैं, ताकि उनका खेल बिगाड़ा जा सके। BSP ने जहां सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन 10 से ज्यादा मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है।
दिल्ली में हो सकती है BSP सुप्रीमो की रैली
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों पार्टियां चुनाव प्रचार में अपने सबसे बड़े चेहरों की रैलियों की प्लानिंग कर रहे हैं। यानी कि एक तरफ जहां BSP से पार्टी की सुप्रीमो मायावती रैली करती नजर आ सकती हैं तो दूसरी तरफ AIMIM से असदुद्दीन ओवैसी ने रैलियों की शुरुआत कर दी है। दिल्ली में छोटे राजनीतिक दल आगामी चुनाव में कड़ी चुनौती पेश करने के लिए कमर कस रहे हैं। वे मुस्लिम बहुल इलाकों में विभिन्न मुद्दों को हल करने, भ्रष्टाचार से निपटने और सुशासन समेत कई वादे कर रहे हैं।
केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे रायजादा
छोटे दलों में से एक भारतीय लिबरल पार्टी (BLP) भी है, जिसकी स्थापना हाल ही में अमेरिका में रहने वाले डॉक्टर मुनीश कुमार रायजादा और अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन से जुड़े लोगों ने की है। रायजादा ने कहा कि वह और अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन का हिस्सा थे, लेकिन अब उन्होंने ‘AAP’ को कड़ी टक्कर देने का फैसला किया है। लगभग 15 महीने पहले भारत लौटे रायजादा नई दिल्ली सीट से ‘AAP’ सुप्रीमो केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। इस सीट से पूर्व भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा भी चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को टिकट दिया है।
‘बेहतर अवसर प्रदान करने पर BSP का फोकस’
रायजादा ने कहा, ‘हम दिल्ली में सस्टेनेबल डिवेलपमेंट करेंगे। अगर BLP दिल्ली में सत्ता में आती है तो सबसे पहले हम भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (ACC) का गठन करेंगे।’ दलित और वंचित समुदायों के बीच अपना आधार मजबूत करने पर फोकस कर रही BSP ने सभी 70 सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है और उसे लगता है कि इससे उसके प्रतिद्वंद्वियों का रास्ता मुश्किल हो जाएगा। आने वाले दिनों में पार्टी मायावती की रैलियां करवाने के प्लान पर भी काम कर रही है। बीएसपी के केंद्रीय समन्वयक नितिन सिंह ने कहा कि पार्टी का ध्यान बेहतर अवसर प्रदान करने पर है।
‘हम अपना वोट शेयर वापस पाने के लिए लड़ेंगे’
सिंह ने कहा, ‘2008 से 2012 के बीच बीएसपी के पास महत्वपूर्ण वोट शेयर था। हमारे लोगों को केजरीवाल के झूठे वादे से गुमराह किया गया। 5 फरवरी होने वाले चुनाव में, हम अपने वोट शेयर को वापस पाने के लिए लड़ेंगे और कड़ी टक्कर देंगे।’ वहीं, हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM 10-12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने अब तक 2 उम्मीदवारों, मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन और ओखला से शफा उर रहमान के नाम का ऐलान किया है। दोनों 2020 के दिल्ली दंगा मामलों में आरोपी हैं। दिल्ली में एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
‘हम बीजेपी का सीधा मुकाबला करेंगे’
दिल्ली AIMIM के अध्यक्ष शोएब जमई ने कहा कि पार्टी ने पहले ही 2 मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है जो CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का प्रमुख चेहरा थे। जमई ने कहा कि पार्टी का मेन फोकस मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में BJP के साथ सीधी लड़ाई पर है। उन्होंने कहा, ‘हम जिन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, उन सभी पर सीधे तौर पर बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को यह समझ लेना चाहिए कि इन सीटों पर उनकी मौजूदगी की जरूरत नहीं है। हम बीजेपी का सीधा मुकाबला करेंगे।’
‘BJP को रोकने के लिए कर सकते हैं गठबंधन’
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उन विधानसभा क्षेत्रों में कुछ रैलियां कर सकते हैं जहां पार्टी ने अपने कैंडिडेट उतारे हैं। जमई ने कहा कि अगर AIMIM कुछ सीट जीत जाती है और गठबंधन बनाए जाने की जरूरत पड़ती है, तो पार्टी BJP को रोकने के लिए दूसरे दलों के साथ गठबंधन कर सकती है। पार्टी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के न होने, आवास और ट्रैफिक से जुड़ी समस्याओं जैसे मुद्दों को हल करने का वादा किया है। (भाषा)