EXPLAINER: दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। ये सम्मेलन 8 से 10 सितंबर तक होगा। शिखर सम्मेलन से पहले, सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल (एल-जी) वीके सक्सेना ने सभी इस सम्मेलन की तैयारियों को लेकर परियोजनाओं को 31 जुलाई तक पूरा करने का निर्देश दिया है। इस सम्मेलन के दौरान सुरक्षा को लेकर काफी एहतियात बरती जा रही है। ऐसे किसी भी संकट को रोकने के लिए, सरकार दिल्ली के सभी होटलों में "हाउस इंटरवेंशन टीम" यानी कि एचआईटी दस्ते की तैनात की जाएगी, जहां जी-20 मेहमानों के रुकने का कार्यक्रम है।
ये कर्मी चरम स्थितियों में क्षति को कम करने के लिए वरिष्ठतम अधिकारियों के विशिष्ट निर्देशों पर काम करेंगे और उनके पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए किसी गतिविधि के दौरान किसी की हत्या करने तक के आदेश होंगे।
क्या होता है एचआईटी दस्ता, कैसे करता है काम
HIT दस्ते के ये जवान किसी भी बंधक वाली स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह ट्रेंड होते हैं।
इन्हें खतरा देखते ही गोली मारने का आदेश प्राप्त होता है।
ये जवान अर्बन वॉरफेयर और नजदीकी लड़ाई लड़ने में माहिर होते हैं। ये पल भर में आतंकियों को ढेर करने की क्षमता रखते हैं।
ये कमांडो किसी भी बंधक वाली स्थिति या आतंकी हमले से निपटने में माहिर होते हैं। यही नहीं ये लोन बुल्फ अटैक से निपटने के लिए ट्रेंड होते हैं।
एचआईटी सुरक्षा तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और किसी भी स्थितियों में किसी भी हमले का मुकाबला करने में सक्षम होता है।
HIT दस्ते के सदस्य इजरायली टैवर TAR-21 असॉल्ट राइफल और अमेरिकन ग्लॉक 17 पिस्तौल जैसे हथियारों से लैस होते हैं।
इस दस्ते के सदस्यों के पास "कॉर्नर शॉट्स" से लैस ग्लॉक होंगे, जो विभिन्न कोणों से निशाना साधते समय सहायक होते हैं।
HIT के कमाडों बैक अप के लिए स्ट्रैटजिक लोकेशन पर स्नाइपर से लैस होते हैं।
HIT कमांडो को ऐसे प्रशिक्षित किया जाता है कि वे आतंकवादियों को मार गिराने और बंधकों को बचाने के लिए सीमित स्थानों में अपना काम सफलतापूर्वक करने में सक्षम होते हैं।
26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद सीमित क्षेत्रों में युद्ध जैसी स्थितियों से निपटने के लिए HIT टीमों का गठन किया गया था।
इन कमांडोज को कम अवधि के बचाव में प्रशिक्षित किया जाता है, जिसमें कवर बनाने और कम से कम समय में लक्ष्य को हिट करने के लिए धुआं ग्रेनेड और अन्य उपकरणों के उपयोग की आवश्यकता होती है।
चूंकि सीमित स्थान अपराधियों को खुद को छिपाने और सुरक्षा बलों तक पहुंच से वंचित करने की अनुमति देते हैं, ऐसी स्थितियों में संचालन के लिए एक अद्वितीय कौशल सेट की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थितियां अक्सर अंधेरी या खराब रोशनी वाली होती हैं, और इस प्रकार, बचावकर्ताओं के पास ऐसी परिस्थितियों में काम करने के लिए अपना स्वयं का प्रकाश स्रोत और प्रशिक्षण होना चाहिए।
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