Crude Oil FY24 Review : अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच पिछले 12 महीनों में कच्चे तेल के वायदा भाव में काफी उतार-चढ़ाव आया है। यह उतार-चढ़ाव मुख्य रूप से तेल उत्पादक देशों के संगठन (OPEC) और उसके सहयोगी देशों (OPEC+) द्वारा घोषित उत्पादन कटौती और इजरायल-हमास युद्ध के कारण आया है। सऊदी अरब और रूस जैसे प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती का बचाव करते हुए इसे 'ऑयल मार्केट की स्टेबिलिटी' के लिए एक एहतियाती कदम बताया था। कुछ अन्य कारणों में रूसी रिफाइनरियों पर यूक्रेन के ड्रोन हमले और ओपेक द्वारा 2024 के मध्य तक आपूर्ति में कटौती बढ़ाने से भी कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आया। कुल मिलाकर, सितंबर 2023 में इजरायल-हमास युद्ध के शुरू होने के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमत वित्त वर्ष 2024 में 97.69 डॉलर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। वहीं, सबसे निचला स्तर मई 2023 में ओपेक की जून की पॉलिसी बैठक से पहले 71.28 डॉलर प्रति बैरल था।
वित्त वर्ष 2024 में कैसी रहीं कच्चे तेल की कीमतें
- अप्रैल 2023 में ओपेक+ ने एक आश्चर्यजनक फैसले में लगभग 1.16 मिलियन बैरल प्रति दिन के तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा की थी। सऊदी अरब के नेतृत्व में इस चौंकाने वाली कटौती ने कच्चे तेल की कीमतों को तुरंत 8 फीसदी का इजाफा कर दिया। इससे भाव बढ़कर 83.95 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जो उस समय एक वर्ष से अधिक समय में सबसे अधिक वृद्धि थी। स्वैच्छिक कटौती मई 2023 से शुरू हुई और साल के आखिर तक चलने के लिए निर्धारित की गई थी।
- जून 2023 में ओपेक+ ने अपनी तेल उत्पादन पॉलिसी बैठक में 2024 से कुल उत्पादन टार्गेट्स को कुल 1.4 मिलियन बैरल प्रति डॉलर कम करने की घोषणा की। ओपेक देश दुनिया के लगभग 30 प्रतिशत कच्चे तेल का उत्पादन करते हैं। सऊदी अरब इस कार्टेल का सबसे बड़ा तेल उत्पादक है, जो 10 मिलियन बैरल प्रति दिन से अधिक का उत्पादन करता है। ओपेक+ दुनिया के लगभग 40 प्रतिशत कच्चे तेल का उत्पादन करता है।
- हालांकि, ओपेक कार्टेल के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब ने घोषणा की कि वह अकेले जुलाई से शुरू होकर 1 मिलियन बीपीडी की बड़ी उत्पादन कटौती करेगा, जो व्यापक उत्पादन-सीमित करने वाले ओपेक+ समझौते का हिस्सा है, क्योंकि ग्रुप को तेल की घटती कीमतों और आपूर्ति में आने वाली अतिरिक्त मात्रा का सामना करना पड़ रहा था। अन्य ओपेक उत्पादकों ने तब 2024 के अंत तक आपूर्ति में पहले की कटौती को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की थी।
- एक महीने बाद, रूस सऊदी अरब के साथ मिलकर 3,00,000 बैरल प्रतिदिन के अतिरिक्त तेल निर्यात में कटौती की घोषणा करने में शामिल हो गया। सितंबर में, सऊदी अरब और रूस ने संयुक्त रूप से घोषणा की कि वे साल के अंत तक 1.3 मिलियन बीपीडी से अधिक की तेल आपूर्ति में कटौती को बढ़ाएंगे। तेल कंपनियों द्वारा जुलाई में पहली बार घोषित उत्पादन कटौती के कारण अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई और यह लगभग एक साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
- सितंबर 2023 के आखिर तक कच्चे तेल की कीमतों में तीन महीनों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ब्रेंट 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को छूने लगा था। यह तेल उत्पादक कंपनियों द्वारा आपूर्ति में कटौती के कारण हुआ था। अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल (WTI) 29 प्रतिशत और ब्रेंट वायदा जुलाई-सितंबर के बीच 27 प्रतिशत बढ़ा।
- अक्टूबर 2023 में इजराइल-हमास युद्ध ने कच्चे तेल की कीमतों को 3-6 प्रतिशत और बढ़ा दिया। हालांकि, वैश्विक मांग की चिंताओं के कारण यह तेजी बरकरार नहीं रह सकी। 30 नवंबर की पॉलिसी बैठक में, ओपेक+ ने अगले साल की पहली तिमाही के लिए उत्पादन में कुल 2.2 मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती पर सहमति व्यक्त की। 2024 में फरवरी के अंत तक तेल की कीमतें काफी हद तक सीमित रहीं। लेकिन मार्च 2024 में रूसी रिफाइनरियों पर यूक्रेन के ड्रोन हमले के बाद कीमतें पांच महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। लगातार भू-राजनीतिक तनावों के कारण ब्रेंट 87 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को छू गया। ओपेक+ कार्टेल ने स्वैच्छिक तेल उत्पादन में 2.2 मिलियन बीपीडी की कटौती को दूसरी तिमाही या 2024 के मध्य तक बढ़ा दिया।
क्या FY25 में 100 डॉलर के पार जाएगा कच्चा तेल?
हालिया भू-राजनीतिक उथल-पुथल के कारण कीमतों में तेजी के बाद कमोडिटी एनालिस्ट और ब्रोकरेज फर्म्स ने वित्त वर्ष 2025 के लिए ब्रेंट क्रूड ऑयल फ्यूचर्स के अपने अनुमान को बढ़ा दिया है। कुछ का मानना है कि अमेरिका द्वारा बाजार में अत्यधिक सप्लाई कर दी गई है और इसलिए ओपेक कृत्रिम रूप से कीमतें बढ़ाकर अपनी बाजार हिस्सेदारी खो रहा है। लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में ब्रेंट क्रूड ऑयल की औसत कीमत 87-92 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहेगी, क्योंकि यूएस फेड द्वारा जून में अपेक्षित रेट कट से ग्रोथ सेंटीमेंट को बल मिलेगा। वहीं, आईसीआईसी बैंक ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा, "निकट भविष्य में, भू-राजनीतिक तनावों के बने रहने की संभावना से कीमतों में अचानक उछाल आ सकता है। हमें निकट भविष्य में 90 डॉलर/बैरल से 95 डॉलर/बैरल तक बढ़ने की संभावना दिखाई दे रही है।" रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म शेयरखान के मोहम्मद इमरान ने कहा, "जब तक हम यह नहीं देखते कि मध्य पूर्वी युद्ध बड़े पैमाने पर छिड़ जाता है, जिसमें क्षेत्र के प्रमुख उत्पादक शामिल होते हैं, तब तक ब्रेंट के 100 डॉलर के आंकड़े को छूने की संभावना नहीं है।"