Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. Explainer: अपने देश में चर्चों पर हमले के बाद क्या बुर्के पर बैन लगा देगा मॉस्को? जानें पुतिन का प्लान और रूस में मुस्लिमों की संख्या

Explainer: अपने देश में चर्चों पर हमले के बाद क्या बुर्के पर बैन लगा देगा मॉस्को? जानें पुतिन का प्लान और रूस में मुस्लिमों की संख्या

रूस में पिछले दिनों कुछ चर्चों पर हुए हमलों और हमलावरों के द्वारा नकाब पहन कर सुरक्षा एजेंसियों के चंगुल से बचकर भागने के मामलों ने बुर्के पर बैन लगाने की बहस को बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि अन्य यूरोपीय देशों की तर्ज पर रूस भी बुर्के पर राष्ट्रव्यापी बैन लगा सकता है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: July 19, 2024 13:26 IST
इस्लामिक घूंघट। - India TV Hindi
Image Source : AP इस्लामिक घूंघट।

मॉस्कोः रूस के उत्तरी काकेशस गणराज्य दागिस्तान में पिछले महीने रूढ़िवादी चर्चों और प्रार्थना स्थलों पर हुए घातक आतंकी हमलों के बाद रूस में मुस्लिम महिलाओं के घूंघट यानि बुर्के पर बैन लगाने की चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली है। कहा जा रहा है कि रूस में महिलाओं के हिजाब पर राष्ट्रव्यापी कानूनी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। रूस में यह बहस उस रिपोर्ट के बाद शुरू हुई है, जिसमें कहा गया था कि चर्च के सशस्त्र हमलावरों में से एक ने नकाब पहनकर तलाशी से भागने की योजना बनाई थी। हालांकि इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हो सकी थी। बावजूद कम से कम तीन रूसी क्षेत्रों में स्थानीय आध्यात्मिक अधिकारियों ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए नकाब पर प्रतिबंध लगाने वाले इस्लामि कानून के फैसले जारी किए हैं।  

ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में रूस पूरे देश में बुर्के पर बैन लगा सकता है। सवाल यह भी है कि क्या रूस भी वास्तव में उन 16 देशों के नक्शेकदम पर चल सकता है, जहां नकाब पर प्रतिबंध है। बता दें कि बुर्के पर प्रतिबंध लगाने वाले 16 देशों की सूची में रूस के कुछ मध्य एशियाई सहयोगी भी शामिल हैं, जिन्होंने पहले ही इस तरह के परिधान पर बैन लगा रखा है। रूस में मुस्लिम महिलाओं के नकाब पर प्रतिबंध लगाए जाने की आशंका से पहले आइये आपको बताते हैं कि वहां कुल मुसलमानों की आबादी कितनी है।

रूस में कितने मुसलमान रहते हैं? 

लेवाडा सेंटर पोलस्टर के 2022 के सर्वेक्षण के अनुसार रूस में इस्लाम प्रमुख धर्मों में से एक है। इस धर्म की आबादी कुल जनसंख्या का लगभग 5% या 7.15 मिलियन है। काकेशस और वोल्गा-यूराल क्षेत्रों के कई स्वदेशी गैर-स्लाव समुदायों के बीच भी मुस्लिम जिन गणराज्यों में रहते हैं, वहां इस्लाम एक प्रमुख धर्म है। अधिकांश रूसी मुसलमान सुन्नी इस्लाम के हनफ़ी स्कूल का पालन करते हैं। 

क्या कहता है रूसी कानून ? 

रूस का संविधान सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। बावजूद रूसी अधिकारी 2000 के दशक की शुरुआत से ही धार्मिक आधार पर सिर ढंकने पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। चेचन्या में रूस के युद्धों के मद्देनजर इस्लामोफोबिया में तेज वृद्धि के कारण इस पर फिर एक बहस छिड़ गई है। बता दें कि वर्ष 2015 में रूस के सुप्रीम कोर्ट ने मोर्दोविया के रूढ़िवादी-बहुमत गणराज्य में स्थानीय अधिकारियों द्वारा स्कूलों में लगाए गए इस्लामिक स्कार्फ और हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के आदेश को बरकरार रखा था, जो अपनी तरह की पहली कानूनी मिसाल पेश करता है। इस फैसले के बाद व्लादिमिर क्षेत्र, रोस्तोव क्षेत्र और तातारस्तान गणराज्य सहित रूस के विभिन्न कोनों से महिला मुस्लिम छात्रों को हेड कवर उतारने से इनकार करने पर उन शैक्षणिक संस्थानों से निष्कासित किए जाने की खबरें सामने आईं थीं, जहां इस्लाम व्यापक रूप से प्रचलित है। 

क्या कोई कानूनी परिवर्तन प्रस्तावित है? 

इस साल मई में स्टेट ड्यूमा के उपाध्यक्ष व्लादिस्लाव दावानकोव ने इसे लेकर एक कानूनी मसौदा पेश किया है जो रूस के क्षेत्रीय अधिकारियों को शैक्षणिक संस्थानों से लेकर सार्वजनिक स्थानों और स्कूलों में सभी प्रकार के इस्लामिक बुर्केनुमा ड्रेस पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देगा। रूस की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने इस पर एक अलग विधेयक पेश किया, जो सार्वजनिक रूप से किसी के चेहरे को छिपाने वाले कपड़े पहनने पर 15,000 रूबल ($ 170) तक का जुर्माना लगाता है। 

दावानकोव के इस प्रस्ताव को उत्तरी काकेशस के मुसलमानों के समन्वय केंद्र, क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक प्राधिकारियों के साथ ही बश्कोर्तोस्तान और तातारस्तान के मुफ्तियों की ओर से तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा। संघीय राज्य ड्यूमा में चेचन डिप्टी और चेचन नेता रमज़ान कादिरोव के करीबी सहयोगी एडम दिलिमखानोव ने भी कानून की आलोचना की है, यहां तक ​​​​कि एक परोक्ष धमकी में दावानकोव को पारंपरिक इस्लामी मूल्यों का अर्थ "समझाने" की कसम भी खाई है।

क्या हैक्रेमलिन का रुख ? 

इस पूरे मामले पर रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन का रुख जान लेना भी जरूरी है। प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्रेमलिन इस बहस में कहां खड़ा है तो उन्होंने जवाब दिया "हम इस चर्चा में भाग नहीं ले रहे हैं।" हालांकि राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 2012 में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध के पक्ष में बात की थी। उन्होंने कहा था कि रूस को अपने "यूरोपीय पड़ोसियों" के नक्शेकदम पर चलना चाहिए। बता दें कि पिछले हफ्ते उत्तरी काकेशस के मुसलमानों के समन्वय केंद्र ने क्षेत्र के विश्वासियों को नकाब पहनने के खिलाफ सलाह दी, इसे "आधुनिक रूसी वास्तविकताओं" के लिए अनुचित पोशाक माना, जो "अंतरधार्मिक और अंतरजातीय संबंधों में कलह की धमकी देकर मुसलमानों को व्यावहारिक नुकसान पहुंचाता है।" 

यहां लगा प्रतिबंध

रूस के दागिस्तान, कराची-चर्केसिया और उत्तरी ओसेशिया के काकेशस गणराज्यों में स्थानीय अधिकारियों ने क्षेत्र के मुख्य धार्मिक प्राधिकारी के अनुरूप कदम उठाया और नकाब पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया, जबकि चेचन्या में कादिरोव का शासन लगभग एक दशक के आधे समय से इस परिधान पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। वहीं इस्लामिक अध्ययन के विद्वानों का कहना है कि सभी मुसलमान क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा जारी किए गए फतवों - इस्लामी कानून के एक बिंदु पर एक निर्णय - का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं।  स्थानीय समाचार एजेंसी ने गणतंत्र के उप मुफ्ती रुस्तम वालिउलिन के हवाले से कहा, "हमारे देश में नकाब पर प्रतिबंध लगाने से निश्चित रूप से रूस और इस्लामी दुनिया के बीच दरार पैदा होगी।" इसका असर ईरान और अफगानिस्तान के साथ रूस के संबंधों पर भी पड़ सकता है। 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement