आम के मीठे फल का इंतज़ार लोग बेसब्री से करते हैं। मार्केट में भी आमों की बहार आ गयी है लेकिन आप इसे खरीदने से पहले एक बार ज़रूर सोचें। दरअसल, इन दिनों मार्केट में जो आम आ रहे हैं, वे एक जहरीले केमिकल से पकाए जा रहे हैं। बता दें इन्हें पकाने में कैल्शियम कार्बाइड (Calcium Carbide) नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (FSSAI) ने आम और दूसरे फलों में कैल्शियम कार्बाइड (Calcium Carbide) का इस्तेमाल करने वाले फल व्यापारियों और फूड बिजनेस ऑपरेटर के लिए चेतावनी जारी की है। FSSAI ने कहा है कि जो भी जहरीले रसायन कैल्शियम कार्बाइड (Calcium Carbide) से फल पकाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें यह रसायन आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। कैल्शियम कार्बाइड (Calcium Carbide) से पकाए गए फल खाने से लीवर और किडनी खराब हो सकती है। साथ ही, कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है। चलिए एग्रीकल्चर एक्सपर्ट और Creduce के फाउंडर शैलेन्द्र सिंह राव से जानते हैं कि कैल्शियम कार्बाइड (Calcium Carbide) क्या है और फलों में इसका उपयोग आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है?
क्या है कैल्शियम कार्बाइड? (What is Calcium Carbide?)
कैल्शियम कार्बाइड एक रासायनिक पदार्थ है। यह देखने में फिटकरी जैसा होता है। यह फल में मौजूद पानी और नमी से रिएक्ट कर इथाइल गैस बनाता है। इस इथाइल गैस से फलों के अंदर आर्टिफिशियल गर्मी पैदा की जाती है। जिस वजह से फल वक्त से पहले पक जाते हैं। वक्त से पहले पके फलों में कोई पोषक तत्व नहीं पाया जाता है। न्यूट्रिशन नहीं होने की वजह से इन फलों को खाने से आपको फायदे की जगह नुकसान होगा।
कितना हानिकारक है कैल्शियम कार्बाइड केमिकल? (Calcium carbide chemical is harmful)
कैल्शियम कार्बाइड केमिकल आपकी सेहत के लिहाज से काफी खतरनाक है। इसके इस्तेमाल से लोगों को कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं इसलिए इस केमिकल पर सरकार ने बैन लगाकार रखा है। लेकिन आज भी कई फल व्यापारी अपने गोदामों में इस रसायन का खुले आम इस्तेमाल करते हैं।
कैल्शियम कार्बाइड युक्त फल खाने से हो सकती हैं ये बीमारियां (Eating fruits containing calcium carbide can cause these diseases)
कैल्शियम कार्बाइड से पके हुए फलों का लगातार सेवन करने से किडनी और लीवर से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। पेट में अल्सर की समस्या पैदा हो सकती है। साथ ही कैंसर की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। बता दें, फलों में इस रसायन के इस्तेमाल से फल अच्छी तरह से पकते नहीं है। ऐसे फल ऊपर से पके हुए नज़र आते हैं लेकिन अंदर से अधपके रहते हैं। ऐसे में ऐसे फलों का सेवन बच्चों की सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक है।
कैसे करें कैल्शियम कार्बाइड युक्त फलों की पहचान? (How to identify fruits containing calcium carbide?)
कैल्शियम कार्बाइड युक्त फलों की पहचान आप बेहद आसानी से कर सकते हैं। कैल्शियम कार्बाइड युक्त फलों में दाग-धब्बे बहुत ज़्यादा नज़र आते है। साथ ही इनमें अन्य प्राकृतिक फलों की तुलना में ज़्यादा चमक होती है। कैल्शियम कार्बाइड से पके फल 2 से 3 दिन में ही काले पड़ जाते हैं और जल्दी ही सड़ने लगते हैं। इस रस्याण से पके फल ज़्यादा मीठे नहीं होते हैं। फलों में कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल करने पर वे अधपके रह जाते हैं।
कैसे करें प्राकृतिक तरीके से पके फल की पहचान? (How to identify ripe fruit naturally?)
प्राकृतिक फलों की पहचान आप बेहद आसानी से कर सकते हैं। हमेशा दाग धब्बों रहित फलों को खरीदें। हमेशा ऐसे वेंडर से ही फल खरीदें जिन पर आपको यकीन हो। फलों को खाने से पहले हमेशा साफ़ पानी से धोएं।
फलों को कैसे पकाना चाहिए? (How to ripen fruits?)
फलों को पकाने का प्राचीन तरीका आज भी सबसे बेहतरीन माना जाता है। जब पेड़ों पर फल 60 से 70 % तक तैयार हो जाता था तब उसे तोड़कर भूसे या फिर बरगद की पत्तियों के अंदर दबाकर रखा जाता था। इस वजह से फल नेचुरली पकते थे और उनमे भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते थे।
फलों को पकाने के लिए ये केमिकल है बेहतर (This chemical is better for ripening fruits)
फलों को नेचुरली पकाने के अलावा केमिकली पकाने के लिए भारत सरकार और फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (FSSAI) ने फलों के लिए एथिलीन गैस (ethylene gas) का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है। इसके इस्तेमाल से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। अगर आप एथिलीन गैस से फल पकाएंगे, तो वे कुदरती तरीके से पकेंगे।