
BJP foundation Day 2025: जिस राजनीतिक दल का कभी यह कहकर सत्ता पक्ष या मुख्य विपक्षी पार्टियां उपहास उड़ाती थीं कि आप तो केवल दो सदस्यों वाली पार्टी हो, उसी राजनीतिक दल ने भारत की राजनीति के इतिहास को पलटकर रख दिया। कभी दो सांसदों वाली पार्टी पिछले 11 साल से केंद्र की सत्ता में बरकरार है और एक के बाद एक शानदार जीत हासिल कर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी की। लगातार तीन लोकसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने की उपलब्धि बीजेपी के खाते में है। 14 राज्यों में बीजेपी अकेले अपने दम पर सत्ता में है जबकि 4 राज्यों में एनडीए गठबंधन की सरकार है। दुनिया भर के राजनीति शास्त्र के स्टूडेंट्स के लिए स्टडी का विषय बन चुकी बीजेपी अपना 45 वां स्थापना दिवस मना रही है। दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी बीजेपी कब और कैसे अस्तित्व में आई? पार्टी की संरचना कैसी है? बीजेपी को पहली जीत कब मिली थी और किन राज्यों में पार्टी की सरकार है? इस लेख में हम यह सब कुछ जानने की कोशिश करेंगे।
बीजेपी की स्थापना
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को मुंबई में हुई थी। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की जोड़ी ने इस पार्टी की नींव रखी। अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष थे। हालांकि इस दल का इतिहास जनसंघ से जुड़ा रहा है। भारतीय जनसंघ की स्थापना डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 21 अक्टूबर 1951 को की थी। वे पहले जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में मंत्री थे। लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर भारत की चुप्पी का उन्होंने विरोध किया। कांग्रेस पार्टी से किनारा करते हुए उन्होंने नई पार्टी का गठन किया। 1967 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नेतृत्व में जनसंघ ने कई राज्यों में कांग्रेस के एकाधिकार को तोड़ा और जीत हासिल की। 1977 में इमरजेंसी खत्म करने के बाद इंदिरा गांधी ने चुनाव कराने का फैसला लिया तो जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर सभी कांग्रेस विरोधी दलों ने एकजुट होकर जनता पार्टी की स्थापना की। जनसंघ का भी जनता पार्टी में विलय हो गया।
1977 में जनता पार्टी को बड़ी सफलता मिली और केंद्र में मोरारजी देसाई की सरकार बनी। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी भी केंद्रीय मंत्री बने। लेकिन यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई और आपसी मतभेदों को चलते गिर गई। इस तरह से जनता पार्टी का यह प्रयोग ज्यादा दिन नहीं चल पाया। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में 1980 में भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी गई। भारतीय जनता पार्टी आज देश की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुकी है। जहां 15 राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहीं इसके नेतृत्व वाला एनजीए गठबंधन 21 राज्यों में सत्ता में है।
बीजेपी की विचारधारा
बीजेपी की विचारधारा मुख्य रूप से हिंदुत्व, एकात्म मानवतावाद (दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित), और राष्ट्रवाद पर आधारित है। इसका मूल मंत्र "भारत माता की जय" है, जो देश की एकता, संस्कृति और समृद्धि को दर्शाता है। पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से वैचारिक और संगठनात्मक रूप से जुड़ी हुई है, जिसे इसका मातृ संगठन माना जाता है।
बीजेपी को पहली जीत कब मिली?
स्थापना के 4 साल बाद 1984 में लोकसभा का चुनाव हुआ। इस चुनाव में बीजेपी ने पहली बार स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा, लेकिन इसमें उसे केवल 2 सीटों पर जीत हासिल हुई। तेलंगाना के हनामकोंडा जी. नारायण रेड्डी और गुजरात के मेहसाना से एके पटेल चुनाव जीतने में सफल रहे। उस चुनाव में कांग्रेस को 404 सीटें मिली थीं।
राज्य स्तर पर बीजेपी को अपनी पहली बड़ी सफलता 1989 में मिली, जब उसने विधानसभा चुनावों में कई राज्यों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और गठबंधन के जरिए सरकारें बनाई। हालांकि, पूर्ण रूप से सत्ता में आने की बात करें, तो बीजेपी ने पहली बार 1990 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में सरकार बनाई।
राष्ट्रीय स्तर पर पहली सरकार बीजेपी ने 13 मई, 1996 को सरकार बनाई, जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में अल्पकालिक सरकार बनी। यह सरकार केवल 13 दिन चली, इसके बाद 1998 में बीजेपी ने गठबंधन (एनडीए) के साथ स्थायी सरकार बनाई। यह सरकार एक साल में ही गिर गई। इसके बाद 1999 में एनडीए को बहुमत मिला और बीजेपी की अगुवाई में इस सरकार ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
बीजेपी: लोकसभा चुनावों में कब कितनी सीटें मिलीं?
- 1984: 2 सीटें
- 1989: 85 सीटें
- 1991: 120 सीटें
- 1996: 161 सीटें
- 1998: 182 सीटें
- 1999: 182 सीटें
- 2004: 138 सीटें
- 2009: 116 सीटें
- 2014: 282 सीटें
- 2019: 303 सीटें
- 2024: 240 सीटें
सफलता की वजह
भारतीय जनता पार्टी की इस सफलता की वजह उसकी संगठन की शक्ति है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जमीन स्तर पर मजबूती से काम करते हैं। साथ ही विपक्ष की कमजोरी को भुनाने की रणनीति में भी यह पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ती। बीजेपी की मजबूती उसका कैडर बेस्ड संगठनात्मक ढांचा है। बूथ लेवल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी में हर कार्यकर्ता की भूमिका स्पष्ट और सक्रिय होती है। पार्टी के इसी ढांचे को शीर्ष स्तर से लेकर ग्रामीण स्तर तक फॉलो किया जाता है। संगठन की इस मजबूत रणनीति के आगे विपक्ष का टिकना मुश्किल हो जाता है।
बीजेपी की संगठनात्मक संरचना
बीजेपी का संगठन पांच प्रमुख स्तरों पर कार्य करता है: राष्ट्रीय, राज्य, जिला, मंडल और बूथ स्तर। इसकी संरचना को मजबूत करने में कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम है।
- कार्यकर्ता - संगठन की रीढ़
- कार्यकारिणी - निर्णय लेने वाली समिति
- कार्यक्रम - जनता तक पहुंचने के लिए आयोजन
- कोष - संगठन के लिए धन प्रबंधन
- कार्यालय - संचालन का केंद्र
1. राष्ट्रीय स्तर
- राष्ट्रीय अध्यक्ष: यह पार्टी का सबसे बड़ा पदाधिकारी होता है जो संगठन का नेतृत्व करता है। वर्तमान में जेपी नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान के अनुसार एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया से होता है, जिसमें तीन साल का कार्यकाल होता है (अधिकतम दो लगातार कार्यकाल संभव)।
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी: यह नीति-निर्माण और निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी संस्था है। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष, सचिव और अन्य सीनियर नेता शामिल होते हैं। यह देशभर से चुने गए नेताओं का एक ग्रुपहै।
- संसदीय बोर्ड: यह पार्टी का सबसे शक्तिशाली निकाय है, जो पार्टी के बड़े नीतिगत फैसले लेता है। जैसे-चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन और गठबंधन संबंधी फैसले संसदीय बोर्ड में ही होते हैं। इसमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होते हैं।
2. राज्य स्तर
- राज्य अध्यक्ष: प्रत्येक राज्य में पार्टी का अध्यक्ष होता है, जो राज्य इकाई का नेतृत्व करता है।
- राज्य कार्यकारिणी: राज्य स्तर पर नीतियां बनाने और उसे लागू करने का काम करती है। इसमें राज्य के वरिष्ठ नेता शामिल होते हैं।
- राज्य इकाइयां अपने क्षेत्र की विशेष जरूरतों के अनुसार कार्यक्रम और रणनीति बनाती हैं।
3. जिला स्तर
- जिला अध्यक्ष: जिले अध्यक्ष जिले में संगठन का नेतृत्व करता है।
- जिला कार्यकारिणी: जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं को संगठित करती है और स्थानीय मुद्दों पर काम करती है।
4. मंडल स्तर
मंडल कई गांवों या शहरी क्षेत्रों का समूह होता है। यहां मंडल अध्यक्ष और उनकी टीम कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखती है और स्थानीय स्तर पर पार्टी के संदेश को फैलाती है।
5. बूथ स्तर
बूथ समिति: यह संगठन का सबसे निचला और महत्वपूर्ण स्तर है। प्रत्येक मतदान केंद्र (बूथ) पर कार्यकर्ता नियुक्त होते हैं, जो मतदाताओं से सीधा संपर्क रखते हैं। बीजेपी की सफलता का एक बड़ा कारण उसका बूथ स्तर तक मजबूत नेटवर्क है।
इन राज्यों में बीजेपी की सरकार
- उत्तर प्रदेश
- गुजरात
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
- छत्तीसगढ़
- हरियाणा
- उत्तराखंड
- गोवा
- असम
- त्रिपुरा
- अरुणाचल प्रदेश
- ओडिशा
- महाराष्ट्र
- दिल्ली
बीजेपी सहयोगी दलों के साथ इन राज्यों में चला रही सरकार
- बिहार (जेडीयू के साथ)
- आंध्र प्रदेश (टीडीपी के साथ)
- मेघालय (एनपीपी के साथ)
- नगालैंड (एनडीपीपी के साथ)