नई दिल्ली: इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनावों से पहले से इन राज्यों की लड़ाई बेहद ही महत्वपूर्ण है। इन राज्यों में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी कोशिश कर रही है। हालांकि अभी उसकी केवल मध्य प्रदेश में ही सरकार है। बीजेपी इस बार सभी राज्यों में सरकार बनाने के लिए बेचैन है, जिससे आगामी लोकसभा चुनावों से पहले वह यह संदेश दे सके कि उसका कोई मुकाबला नहीं है। पार्टी ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।
मंगलवार को दिल्ली में हुई बैठक
अपने विजय अभियान के लिए पार्टी की बुधवार को दिल्ली मुख्यालय में बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय आलाकमान के साथ-साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के पदाधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में चुनावी अभियान को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी आलाकमान ने दोनों राज्यों के संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की है। इन दोनों राज्यों की सीटों को चार श्रेणी में रखा गया है और उसके हिसाब से ही रणनीति बनाई जा रही है।
बुधवार को सबसे पहले छत्तीसगढ़ और फिर इसके बाद मध्य प्रदेश को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संगठन महासचिव बीएल संतोष, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्यों के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष आतून साव, प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नवीन और कई बड़े नेता मौजूद रहे। वहीं एमपी की बैठक में सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश प्रमुख वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय समेत कई प्रदेश के बड़े नेता शामिल हुए।
चार श्रेणियों में हुआ सीटों का बंटवारा
इन बैठकों में पार्टी ने दोनों प्रदेशों की सीटों को चार भागों में बांटा है। रणनीति के हिसाब से पार्टी ने सीटों को A,B,C और D श्रेणी में बांटा है। इसमें A श्रेणी में वह सीट रखी गई हैं, जहां पार्टी लगातार जीतती रहती है। इसके बाद B श्रेणी में उन्हें जहां वह हारती और जीतती रहती है। इसके बाद C श्रेणी में उन सीटों को रखा गया है, जहां पार्टी लगातार 2 बार हार चुकी है। इसके बाद D श्रेणी में उन सीटों में रखा गया है, जहां पार्टी को अक्सर का सामना करना पड़ता है।
चुनावी रणनीति के अनुसार, पार्टी C और D श्रेणी वाली सीटों पर इस बार ज्यादा ध्यान देगी। यहां मुद्दों से लेकर और उम्मीदवार चुनने तक सब कुछ पार्टी आलाकमान अपने स्तर पर ध्यान देगा। यहां हार की क्या वजह रही हैं, इस पर भी काम किया जाएगा। पार्टी की कोशिश रहेगी कि इस बार इन सीटों पर वह अच्छा प्रदर्शन करे। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब बीजेपी ने कहीं चुनाव से लगभग 3 महीने पहले वहां के संभावित उम्मदीवारों को लेकर सार्वजनिक रूप से काम करना शुरू कर दिया है।
राज्य नेतृत्व को दिए गए निर्देश
इसके साथ ही इस बैठक में पार्टी आलाकमान ने प्रदेश नेतृत्व को साफ़ निर्देश दे दिया है कि चुनाव की तैयारियों में कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी। प्रदेश का एक-एक नेता जनता के बीच जाएगा। नाराज कार्यकर्ताओं को मनाया जाएगा और उन्हें चुनाव में पार्टी के लिए काम करने के लिए कहा जाएगा। इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि दोनों राज्यों संपर्क अभियान को और भी ज्यादा तेजी से चलाया जाए और केंद्र की योजनाओं को बारे में जन-जन तक पहुंचाया जाए।
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