US Presidential Election 2024: अमेरिका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होना है। ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले का चुनाव पर क्या असर होगा इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है। ट्रंप पर हुए हमले ने अमेरिका में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। इसके साथ ही सीक्रेट सर्विस की सिक्योरिटी व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पूर्व राष्ट्रपति की रैली से महज 200 मीटर के अंदर की इमारत कैसे सुरक्षा एजेंसियों के दायरे में नहीं आई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर शनिवार को हुए जानलेवा हमले के कुछ अलग निष्कर्ष निकालना अपने आप में दिलचस्प है। तो चलिए इस हमले के विभिन्न पहलुओं पर नजर डालते हुए यह जानते हैं कि आखिर इससे किसे सियासी लाभ मिलने वाला है।
बदल रही चुनावी कैंपेन की दिशा?
डोनाल्ड ट्रंप पर हुआ जानलेवा हमला अमेरिकी चुनावी कैंपेन को नई दिशा दे सकता है। बाइडेन की उम्मीदवारी को लेकर घिरे डेमोक्रेट्स प्रशासन के ऊपर ये हमला सवालों को और तीखा कर सकता है। विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया है कि जब इतना अहम नेता अमेरिका में सुरक्षित नहीं है तो फिर कौन सुरक्षित है। हमले के तुरंत बाद खून से लथपथ चेहरे वाली ट्रंप की तस्वीर को बेटे एरिक ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा- 'This is the fighter America needs' साफ है कि अब अमेरिका में सियासी मुद्दा क्या होने वाला है। ट्रंप पर हुई गोलीबारी की घटना खतरनाक तो है, लेकिन अमेरिकी इतिहास या यहां तक कि राष्ट्रपति चुनाव के वर्तमान अभियान के संदर्भ में भी पूरी तरह से हैरान करने वाली नहीं है।
आम लोगों पर पड़ता है असर
अमेरिका में राजनीतिक पार्टियों की ओर से जिस तरह की बयानबाजी देखने को मिल रही है उसका असर आम लोगों पर भी पड़ता है। अमेरिका में देखा गया है कि मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देने के बजाय अक्सर दूसरी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ वोट करने के लिए प्रेरित हो जाते हैं। अब ऐसे में जब राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं तो दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता मतदाताओं की भावनाओं को भड़का कर गोलीबारी की इस घटना का फायदा उठाने की कोशिश करते हुए नजर आएंगे। गन कल्चर भी अब चुनाव में बड़ी मुद्दा बन सकता है।
दोनों दलों के पास है अवसर
ट्रंप पर गोलीबारी से पहले सर्वेक्षणों से संकेत मिला था कि बाइडेन के चुनाव हारने की संभावना है। गोलीबारी की घटना से ट्रंप को सियासी लाभ मिल सकता है। ट्रंप के समर्थक इसे एक जीत की तरह प्रस्तुत करेगें जिससे उनकी छवि को भी चमकाने का अवसर मिलेगा। इस बीच ट्रंप पर हमला अब डेमोक्रेट्स के लिए अपने अभियान को रीसेट करने और अमेरिकी मतदाताओं से शांति और राष्ट्रीय एकता के लिए व्यापक अपील करने का एक नया अवसर भी है। चेहरे पर खून लगा हुआ, गोली लगने के बाद प्रतिरोध में अपनी मुट्ठी उठाते हुए ट्रंप की तस्वीरें चुनाव अभियान में बड़ी भूमिका निभाने वाली हैं।
तेज हो सकती है बयानबाजी
रिपब्लिकन और ट्रंप समर्थकों को अब एक अलग चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। गोलीबारी का फायदा उठाने की लालसा मुश्किल भी बढ़ा सकती है। कुछ ट्रंप समर्थक पहले से ही इस घटना के लिए डेमोक्रेट्स को दोषी ठहरा रहे हैं, जैसे कि रिपब्लिकन सीनेटर जेडी वेंस, जिन्हें ट्रंप के उपराष्ट्रपति पद के लिए सबसे आगे माना जाता है। हाउस स्पीकर माइक जॉनसन और अन्य लोगों ने भी हत्या से पहले यह कहने के लिए बाइडेन की आलोचना की है कि वह 'ट्रंप को निशाने' पर रखेंगे। गोलीबारी का राजनीतिकरण करने से ट्रंप समर्थकों की संख्या बढ़ाने में सफलता मिल सकती है, लेकिन इससे बयानबाजी भी तेज हो सकती है।
ट्रंप के पास है मौका
वैसे ट्रंप के पास अब नेतृत्व दिखाने और मतदाताओं से व्यापक अपील करने का अवसर है। लेकिन, गोलीबारी के बाद बाइडेन ने उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंता व्यक्त करने और दुखद घटना पर चर्चा करने के लिए ट्रंप को फोन किया। बाइडेन की ट्रंप से बात मतदाताओं को कुछ अलग संदेश दे सकती है। कुछ भी हो अमेरिका में सियासी दल ट्रंप पर हुए हमले को अपनी-अपनी तरह से लोगों को बताएंगे। इसकी भयावहता को उजागर करेंगे। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में आने वाले दिन किस तरह के होने वाले हैं।
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