इजरायल तकनीकी और डिफेंस के मामले में बेहद ताकतवर मुल्क है। वह आर्थिक रूप से भी संपन्न है, लेकिन पाकिस्तान जैसे 22 देश इजरायल को राष्ट्र नहीं मानते। जबकि इजरायल वर्ष 1948 से ही वजूद में है। 14 मई 1948 को इजरायल और फलस्तीन दो भागों में देश विभक्त हो गया था। इजरायल यहूदियों का देश है। यहां यहूधी धर्म के देश 78 से 80 प्रतिशत के करीब हैं। इजरायल की राजधानी येरूशलम है, जिस पर फलस्तीन भी अपना दावा करता है। इजरायल और फलस्तीन में येरुशलम और गाजा पट्टी को लेकर भारत-पाकिस्तान जैसी कट्टर दुश्मनी है। पहले इजरायल अंग्रेजों का गुलाम था।
इजरायल को वजूद में आए करीब 75 वर्ष हो चुके हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान समेत कई देश इजरायल को राष्ट्र के तौर पर आज तक मान्यता नहीं देते। इसकी वजह इजरायल और फलस्तीन के बीच विवाद है। कुछ देश येरुशलम और गाजा पट्टी को इजरायल का हिस्सा नहीं मानते और उसे फिलिस्तानी का होने का दावा करते हैं। जबकि कुछ देश इजरायल को राष्ट्र के तौर पर ही मान्यता देते हैं। साथ ही येरुशलम और गाजापाट्टी को इजरायल का अंग स्वीकार करते हैं।
ये देश नहीं देते इजरायल को राष्ट्र की मान्यता
- पाकिस्तान
- बांग्लादेश
- अफ़ग़ानिस्तान
- एलजीरिया
- भूटान
- ब्रुनेई
- कोमोरोस
- जिबूती
- इंडोनेशिया
- इराक
- कुवैत
- लेबनान
- लीबिया
- मलेशिया
- उत्तर कोरिया
- सऊदी अरब
- सोमालिया
- सूडान
- सीरिया
- संयुक्त अरब अमीरात
- यमन
- चीन
मान्यता देने वाले देश
- भारत
- रूस
- अमेरिका
- इटली
- जापान
- फ्रांस व अन्य सभी देश
पाकिस्तान इजरायल से नहीं रखता कोई भी संबंध
इजरायल को वैसे तो 22 देश राष्ट्र की मान्यता नहीं देते। मगर अन्य तरह के संबंध रखते हैं। मगर पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो इजरायल से किसी तरह का संबंध नहीं रखता। इसीलिए इजरायल भी पाकिस्तान को देश नहीं मानता। वह भी पाक के साथ कोई भी संबंध नहीं रखता। पाकिस्तान तो अपने नागरिकों को जो पासपोर्ट जारी करता है, उसमें साफ लिखा रहता है कि यह इजरायल को छोड़कर अन्य सभी देशों के लिए मान्य है। अगर कोई पाकिस्तानी इजरायल चला जाए तो पाकिस्तान उसे सजा देता है। अभी एक दिन पहले ही दूसरे देशों के जरिये इजरायल में 4 से 7 साल तक नौकरी करने वाले अपने 5 नागरिकों को पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दरअसल पाकिस्तान धार्मिक आधार पर फिलिस्तीन को मान्यता देता है, इजरायल को नहीं।
किसी देश को मान्यता न देने का क्या है अर्थ
जब कोई देश किसी दूसरे देश को राष्ट्र नहीं मानता तो वह उसके साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं रखता। इसीलिए इजरायल और पाकिस्तान का आपस में कोई रिश्ता नहीं है। पाकिस्तान 1947 में अलग राष्ट्र बना है, जबकि इजरायल 1948 में अलग देश बना। मगर तभी से दोनों देशों के बीच में किसी तरह के राजनयिक, आर्थिक, व्यापारिक या मानवीय संबंध नहीं हैं।
यूएन का मत अमेरिका के खिलाफ
अमेरिका इजरायल को राष्ट्र की मान्यता देने के साथ येरुशलम को भी उसका हिस्सा मानता है। इसी तरह भारत, रूस, इटली, जापान, फ्रांस जैसे देश भी येरुशलम को इजरायल का ही हिस्सा मानते हैं। साथ ही इजरायल के साथ सभी तरह का संबंध रखते हैं। मगर संयुक्त राष्ट्र येरुशलम को इजरायल का हिस्सा नहीं मानता। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि येरुशलम को इजरायल और फिलिस्तीन दोनों की ही राजधानी बना देना चाहिए। फिलिस्तीन कोआंशिक रूप से मध्य-पूर्व में मान्यता प्राप्त है। वर्ष 1988 में अल्जीरिया की नेशनल असेंबली परिषद में फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य के तौर पर घोषित किया गया। यह अरब राज्यों का लीग है, जो गाजापट्टी और वेस्ट बैंक पर अपना दावा करता है। जबकि इजरायल गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक को अपना हिस्सा मानता है। वहां बसे फलस्तीनियों को भगाता है। 23 नवंबर 2011 से अब फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) का भी सदस्य हो गया है।
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