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Dia Mirza-Mohit Raina on Kaafir: भारत और पाकिस्तान के वर्ल्डकप मैच पर क्या बोले मोहित रैना?

Dia Mirza-Mohit Raina on Kaafir: दीया मिर्जा और मोहित रैना की वेब सीरीज 'काफिर' 15 जून से जी5 पर उपलब्ध होगी।

Reported by: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Published : June 14, 2019 20:39 IST
Dia Mirza-Mohit Raina Exclusive
Dia Mirza-Mohit Raina Exclusive

Dia Mirza-Mohit Raina Exclusive: दीया मिर्जा और मोहित रैना 'काफिर' नाम की वेब सीरीज में साथ नजर आने वाले हैं। 15 जून से ये वेब सीरीज डिजिटल प्लैटफॉर्म जी5 पर लॉन्च होगी। इस वेब सीरीज का निर्देशन सोनम नायर ने किया है, और शो की कहानी लिखी है भावना ऐयर ने जो आलिया भट्ट की फिल्म 'राजी' की कहानी भी लिख चुकी हैं। इंडिया टीवी संवाददाता ज्योति जायसवाल ने दीया मिर्जा और मोहित रैना से उनकी वेब सीरीज 'काफिर' पर बात की। आइए जानते हैं उन्होंने हमसे कौन-कौन सी बातें शेयर की हैं।

सवाल (दीया से)- कैसे जुड़ीं आप काफिर से?

शो के प्रोड्यूसर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने मुझे अपने ऑफिस बुलाया और कहानी बताना शुरू किया। पहले उन्होंने मुझे बता दिया कि ये सच्ची घटनाओं पर आधारित शो है। सच्ची घटना से जुड़ी होने की वजह से आपके ऊपर जिम्मेदारी बढ़ जाती है। क्योंकि अगर ये हकीकत में हुआ है तो इसमें कितनी गहराई और संजीदगी होगी। मैंने जब कहानी सुनी तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए। ये सुनते ही मैंने सोचा ये मेरे लिए वन्स इन अ लाइफटाइम ऑपरच्युनिटी होगी। ये ऐसी कहानी है जिसे कहना जरूरी है, क्योंकि ये दुनिया ऐसी हो गई है जहां हम इंसानियत की कम और नफरत की कहानी ज्यादा सुन रहे हैं। ऐसे में इंसानियत की कहानी कहना जो सच हो, वो एक कलाकार के रूप में मुझे और इंसान के रूप में भी बहुत मायने रखता है मेरे लिए।

सवाल (मोहित से)- आपने कहा था कि आपने 'काफिर' को नहीं 'काफिर' ने आपने चुना है?

कभी-कभी ऐसा होता है कुछ चीजों को आप नहीं चुनते हैं, वो आपको चुनता है। करीब 12 साल हो चुके हैं इस कहानी को पर्दे पर आने में। जब कोई कहानी इतने लंबे समय तक कागज तक सीमित रह गई हो और फिर आपके पास आए तो ये मान लेना चाहिए कि उसने आपको चुना है आपने उसे नहीं। दीया ने कहा कि वो 5 मिनट में इस कहानी में घुस चुकी थीं जब सिद्धार्थ ने उन्हें कहानी सुनाई। मेरे साथ भी वैसा ही हुआ था। ये कहानी आपके रूह को छू जाती है। ये आपको सोचने पर मजबूर कर देती है। एक एक्टर के तौर पर हम पैसे के लिए नाम-शोहरत के लिए और अपनी क्रिएटिव जरूरतों के लिए काम करते हैं। ये कहानी ऐसी थी जहां आपको अपनी क्रिएटिव जरूरतों के लिए काम करना था। दीया ने कभी नहीं सोचा होगा कि वो माइनस 6-7 डिग्री के ठंडे पानी में उतरने जा रही हैं। क्योंकि वो उस समय कैनाज़ अख्तर को जी रही थीं। जब वो अपने नाखूनों में मिट्टी डालकर उन्हें गंदा करने की कोशिश करती थीं। तो वो जी रही थीं कैनाज की जिंदगी, सेम वही मेरे साथ हो रहा था मैं जी रहा था वो जिंदगी।

सवाल (मोहित से)- आपने यह भी कहा था कि पहली बार है जब आप लव स्टोरी प्ले कर रहे हैं, तो क्या कोई रोमांटिक एंगल है दोनों में या फिर किसी अलग नजरिए से आपने इसे लव स्टोरी कहा था?

दीया- लव ही लव है, बहुत गहरा प्यार है इसमें

मोहित- हां बहुत गहरा प्यार है इसमें

सवाल (दीया से)- कितना मुश्किल रहा कैनाज़ के रोल में खुद को ढालना और वापस से दीया बनना?

मुश्किल यही होता है कि अपने आप को खोल दो। दिल को खोलो पूरी तरह से। एक कलाकार के तौर पर कोशिश यही थी कि खुद को प्रिपेयर करने की कि जितने भी एहसास हैं कैनाज के वो पूरी तरह से मेरे अंदर समा जाएं। 

सवाल (मोहित से)- मोहित आप पहले कैलाश पर्वत पर बैठें, फिर आपने 'उरी' में काम किया जो पहाड़ों पर बेस्ड फिल्म थी, एक बार फिर आप पहाड़ी वादियों में नजर आ रहे हैं। आप खुद भी पहाड़ से हैं, खास कनेक्शन है आपका पहाड़ों से लकी रहे हैं पहाड़ आपके लिए?

वो एक सर्कल है जो पूरा हो रहा है। शुरुआत भी पहाड़ों से हुई थी और अभी भी पहाड़ों में जिंदगी गुजर रही है। अपने को इससे ज्यादा लकी तो मैं मान ही नहीं सकता ना। मुझे आज भी याद है जब हम कश्मीर में थे, बचपन में हमें सिखाया जाता था कि किस तरह मुंह खोलकर और बाहें फैलाकर जितनी सांसें अंदर भर सकते हो भरो। मैं खुद को लकी मानता हूं कि कश्मीर ये वादियां ये पहाड़ जुड़े हुए हैं मुझसे।

सवाल (दीया से)- छोटी सी बच्ची है आपके साथ काफिर ने, आप दोनों की बॉन्डिंग बहुत अच्छी थी, जो हमने आपकी इंस्टा स्टोरी में भी देखी? इतनी छोटी सी बच्ची ने कैसे इतना अच्छा काम किया?

वो बहुत खूबसूरत बच्ची है, उसमें जो इंसानियत है वो बड़ों में नहीं होती। हम कहते हैं ना योगा करो, मेडिटेशन करो, ताकी आप प्रजेंट मोमेंट में आ पाएं, जो आपके साथ हो रहा है उसे पूरी तरह  से महसूस कर पाएं। वो बच्ची हर वक्त प्रजेंट में जीती है, वो कभी एक्टिंग नहीं करती है। उसको हर मोमेंट का एहसास होता है पूरी तरह से। दिशिता ने मेरे अंदर की मां को जगाया है। इतनी प्यारी है वो, मैं उससे इस तरह जुड़ गई हूं, मुझे नहीं लगता कभी उससे अलग हो पाऊंगी। मैं सबसे ज्यादा उसी वक्त रोई जिस दिन उसका लास्ट दिन था।

सवाल (दीया से)- 'रहना है तेरे दिल में' से 'संजू' तक हमने आपको देखा लेकिन जिस तरह का काम आप इस शो में कर रही हैं वो पहले नहीं दिखा क्या यही वजह है कि आपने लंबे समय तक फिल्मों से दूरी बनाई थी कि आपको ऐसी स्क्रिप्ट नहीं मिली थी?

हां, हम जैसे सीखते हैं, अपनी योग्यताओं को समझने लगते हैं उतनी ही समझ हमें आ जाती है, उन चीजों को ना कहने के लिए। जो आपको पूरी तरह से नहीं भा जाती। इसमें आपको निडर होकर रहना पड़ता है। जब मेरी शुरुआत हुई थी फिल्म इंडस्ट्री में मैं 19 साल की थी। मुझे बार-बार डर ही सिखाया जाता था, कर लो नहीं तो ये हो जाएगा, कर लो नहीं तो वो हो जाएगा। कर लो क्योंकि पैसे हैं, कर लो क्योंकि ये अच्छा है। कभी भी ये नहीं कहा गया कि करो क्योंकि तुम्हारा दिल कहता है। मैं अपने आपको ऐसे मुकाम पर पाती हूं जहां पर मैं वही करती हूं जो मेरा दिल कहता है। इसलिए अब जब मैं काम पर होती हूं तो मुझे काम पर होने का एहसास नहीं होता है। ऐसा लगता है मैं वो कर रही हूं जिससे मुझे बेइंतहा मोहब्बत है। 

सवाल (मोहित से)- बहुत सारे टीवी सीरियल्स में आपने काम किया उरी जैसी फिल्म में भी आपने काम किया, आपका रोल भले छोटा था लेकिन काम ऐसा था कि आपको लंबे समय तक याद रखा जाएगा। इस फिल्म के बाद कई फिल्मों से भी ऑफर आए होंगे आपके पास?

जिस तरह के काम मैंने करना चाहा है। जिस तरह का मेरा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, मैं अलग करना चाहता हूं हर बार। टीवी में भी मैंने यही प्रयोग किया है और फिल्मों में भी। किरदार की लंबाई मायने नहीं रखती है। जिस तरह किरदार का इम्पैक्ट था मुझे मालूम था कि वो लंबे समय तक रहेगा। मेरी पर्सनल चॉइस भी थी कि मैं ऐसे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनूं जिसके बारे में लोग लंबे समय तक बात करें। उसके बाद मैंने जो पहला प्रोजेक्ट लिया वो 'काफिर' ही लिया।

सवाल- आप दोनों की पहली मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई वो वाला किस्सा सुनाइए?

जवाब मोहित- इसमें तो ऐसा था कि दीया आईं मेरे पास मैं आया उनके पास चॉकलेट्स का डब्बा लेकर, मैंने कहा हेलो मैम मेरा नाम मोहित है। मैं जल्द आपके साथ काम करने जा रहा हूं। ऐसे ही हम लोगों की शुरुआत और मुलाकात हुई।

जवाब दीया- कितना झूठा इंसान है ये। सिद्धार्थ और सोनम (प्रोड्यूसर-डायरेक्टर) वो नहीं चाहते थे कि हम शूटिंग से पहले मिले। मुझे लगा ये तो बहुत अजीब है, अभी वर्कशॉप होगी, रीडिंग्स होंगी तो मुलाकात तो होगी ही। लेकिन वो कहते थे कि नहीं तुम्हें नहीं मिलना। फिर मैं एक दिन एयरपोर्ट पर पहुंची, वहां मैंने देखा- बड़ा जाना पहचाना चेहरा लग रहा है, बड़ी मुस्कुराहट चेहरे पर। मैं वापस उनकी तरफ देखकर मुस्कुराई। फिर मैं आगे बढ़कर टेबल पर बैठ गई। मेरी मैनेजर मेरे साथ थी मैंने उससे पूछा- ये कौन थे? तो उन्होंने कहा- ये मोहित रैना हैं। मैंने कहा- कितने अलग लग रहे हैं। ऐसे तो मैंने कभी नहीं देखा। मैं पहचान ही नहीं पाई। ये ऑलरेडी वेदांत के मोड में चले गए थे। ये बिल्कुल वैसे नहीं लग रहे थे जैसे हम उन्हें जानते हैं। फिर उसके बाद मैंने सिद्धार्थ को मैसेज किया- आप चाहते थे हम ना मिलें लेकिन तकदीर ने हमें मिला दिया। इसके बाद हमने फ्लाइट ली, वहां भी हमारी कोई बात नहीं हुई। क्योंकि मुझे पता चला कि ये बहुत रिजर्व्ड हैं, और शर्मीले हैं। फिर हम एयरपोर्ट पर लैंड हुए और जैसे ही लैंड हुए मोहित रैना गायब। मेरा पहला इम्प्रेशन इनको लेकर यही था कि ये कैसे इंसान हैं। इन्होंने आकर सामने से बात नहीं की, फिर बाय तक नहीं कहा। बाद में पता चला कि ये बहुत शर्मीले हैं। अब पता चला है कि (मोहित से- बोल दूं), दरअसल इनका रीना मल्होत्रा (रहना है तेरे दिल में दीया का नाम) पर बहुत बड़ा क्रश था, ये भी एक वजह थी।

सवाल (दीया से)- एक लाइन में अगर आपसे पूछे क्यों देखें काफिर?

'काफिर' इसलिए देखें क्योंकि ये आपके रूह को जगाने वाली कहानी है। इंसानियत की कहानी है। इसमें दिशिता है, मोहित है और दीया है, और बहुत सारा प्यार है।

सवाल- अगले हफ्ते भारत और पाकिस्तान का वर्ल्ड कप मैच है, एक तरफ जहां हम भारत-पाकिस्तान के बीच दूरियां कम करने की कोशिश करते हैं,  वहीं दूसरी तरफ ऐसे एड बने हैं दोनों तरफ से जहां एक दूसरे को ट्रोल किया जा रहा है। हमारे यहां जो एड बना है उसमें फादर्स डे को लेकर उन्हें ट्रोल किया गया है, वहीं उनके यहां जो एड बना है उसमें अभिनंदन को लेकर ट्रोल किया गया है, आपको नहीं लगता इससे माहौल खराब होता है देश का?

मोहित- मुझे माफ करिए, मैं इन एड्स से वाकिफ नहीं हूं। क्योंकि हम प्रमोशन में बिजी थे तो एड देख नहीं पाएं, लेकिन इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। 16 तारीख को जो मैच है वो हम ही जीत रहे हैं। उसमें कोई दो राय नहीं है।

दीया- मैंने सोचा था आप कहेंगे कि क्रिकेट जीतेगा।

मोहित- नहीं, नहीं हम ही जीतेंगे।

यहां देखिए इंडिया टीवी के साथ दीया मिर्जा और मोहित रैना का EXCLUSIVE INTERVIEW 

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