एपिसोड की शुरुआत सुरेखा के तमाशा करने से होती है। वह सबको बता देती है कि अंगूठी मुस्कान ने घुमा दी है। मुस्कान भी सच बता देती है। अभिनव कहता है कि उसने लॉकर में रखा था आप लोग चिंता मत करों मैं बाजार से वापस खरीद लूंगा। सुरेखा पूछती है कि क्या आप सभी ने इसे सुना। नीला कहती हैं कि ये सब जानबूझकर नहीं किया है। सुरेखा कहती हैं कि आप एक अंगूठी नहीं संभाल सकते, आप परिवार को कैसे संभालेंगे। नीला कहती है कि उसे डांटो मत। अक्षु और सुरेखा की बहस हो जाती है। सुवर्णा और दादी ने सुरेखा से चुप रहने के लिए कहा। दादी कहती है कि हमें एक और अंगूठी लेनी होगी। सुरेखा पैसे के बारे में कहती है, ठीक है रहने दो, लेकिन बात जिम्मेदारी की है।
अक्षरा और सुरेखा की बहस -
अक्षु को गुस्सा आता है। अभिनव कहता है कि मुस्कान ऐसी लड़की नहीं है। दादी कहती है कि हम जानते हैं कि वह एक अंगूठी है, ससुराल एक आशा के रूप में अंगूठी देती है और बहू इसे एक जिम्मेदारी के रूप में लेती है। सुरेखा कहती है सही बात है पर तुमने इसे थो दिया। इसलिए हम परेशान हो गए। मुस्कान रोती है। सुरेखा कहती हैं रोना बंद करो, मुद्दे पर आओ, अंगूठी कहां है। अभी कहता है, मुस्कान, तुमने इसे मूर्ति के पास मंदिर में छोड़ दिया था अब रोना बंद करो, महादेव ने सब ठीक कर दिया है। रूही, अभी से सॉरी कहती है और कहती है कि हम खेलते वक्त अंगूठी खिलौनों के साथ भूल गए थे। अबीर कहता है आप उन्हें अंगूठी दे दो, नहीं तो हमें डांट पड़ेगी। दोनों अभी से वादा करते हैं कि ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे। अक्षु, सुरेखा को अंगूठी देती है और कहती है कि अंगूठी चोरी नहीं हुई थी। अभिनव और नीला अभी को धन्यवाद कहते हैं।
मुस्कान-कायरव का प्यार -
मंजरी, अबीर के पीछे दौड़ती है और उससे दवाई लाने के लिए कहती है। अबीर कहता है कि जब मैं तेज दौड़ता हूं तो मुझे कोई नहीं पकड़ सकता है। वह कहती है कि जब तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो मैं वहीं रहूंगी। एक महिला पूछती है कि क्या आप शर्मा जी के बेटे हैं। अभिर हां कहता है। मुस्कान को सुरेखा की बातें याद आती हैं। अभी, अबीर और रूही स्माइली मास्क पहनते हैं और मुस्कान को खुश करते हैं। कायरव और आरोही देखते हैं। वह कहते हैं कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि सुरेखा ने ऐसा किया है, मैं उनसे बात करूंगा। वह कहती है नहीं, मुस्कान के साथ रहो, मैं उससे बात करूंगी। वह अभी को धन्यवाद देता है।
अक्षरा और अभिनव की मस्ती -
अभिनव कहता है कि पता नहीं कल सब कुछ कैसे होगा। अक्षु उसे खाना खिलाती है और कहती है कि मेहमान कहेंगे कि मैं तुम्हारा ख्याल नहीं रखती, तुम इतने पतले हो गए हो। वह मजाक करती है और उसे कुछ और टेंशन नहीं लेने के लिए कहती है। वह कहती हैं कि हम सब कुछ एक साथ करेंगे। वह कहता है कि तुम भी खाना खाओ, वरना मेहमान कहेंगे कि तुम इतने पतली हो गई। दादी कहती हैं कि मैं समय पर तैयार हो गई, जल्दी करो, मुहूर्त निकल जाएंगा। अभिनव कहता है कि चिंता मत करो। अभी और बच्चे तैयार हो जाते हैं। मंजरी उन्हें काजल लगाती है। सुवर्णा कायरव और मुस्कान को गले लगाती है और काजल लगाती है।
मंजरी का नाटक -
अभीर सबको जूस पिलाता है। रूही कहती है मैं भी करूंगी। महिलाएं अबीर से कहती है कि आप अभिनव के बेटे है। अभिनव कहता है कि वह मेरा बेटा है और यह मेरी पत्नी अक्षु है। मेहमान अभीर के बारे में बात करते हैं और कहते हैं कि वह शर्मा जी का बेटा है। मंजरी कहती है कि वह अभीर शर्मा नहीं है, अबीर बी ... अक्षु कहती है कि वह गोयनका भी है, वह मेरा बेटा है, तो अभीर गोयनका, आप यही कहने जा रही थी न! अभी, मंजरी को देखता है। अक्षु प्रसाद बनाती है। उसका हाथ जल जाता है। मंजरी आती है और अक्षु का हाथ पानी में डुबो देती है।
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