Tuesday, March 11, 2025
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पढ़ाई-लिखाई में नहीं लगाता था मन, इस बीमारी की वजह से टीचर्स से पड़ी मार, एक्टर ने किया खुलासा

बिग बॉस 18 विनर करणवीर मेहरा ने हाल में एक नया खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि बचपन में स्कूल के दिनों में उन्हें पढ़ाई-लिखाई करने में काफी स्ट्रगल करना पड़ा है। टीवी एक्टर ने अपने बचपन के दिनों को याद किया और बताया कि उन्हें स्टडी करने में बहुत मुश्किल होती थी।

Written By: Himanshi Tiwari @Himanshi200124
Published : Feb 02, 2025 19:52 IST, Updated : Feb 02, 2025 20:02 IST
Karanveer mehra
Image Source : INSTAGRAM करणवीर मेहरा बचपन में इस बीमारी से रहे परेशान

बिग बॉस सीजन 18 विनर करणवीर मेहरा पिछले कुछ वक्त से अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को लेकर जबरदस्त सुर्खियों में बने हुए हैं। बिग बॉस ट्रॉफी जीतने के बाद से वह कुछ ज्यादा चर्चा में हैं। अब टीवी एक्टर की प्रोफेशनल लाइफ फिर से अच्छे ट्रैक पर वापस आ रही है। विवियन डीसेना के साथ दुश्मनी से लेकर चुम दरांग संग शादी को लेकर लाइमलाइट में है। इसी बीच अब करणवीर ने एक नया खुलासा किया है, जिसके बारे में शायद कोई नहीं सोच सकता था। जी हां, उन्होंने हाल में बताया कि उनका बचपन काफी संघर्षों भरा रहा है क्योंकि उन्हें एक बीमारी की वजह से स्कूल में काफी परेशानी हुई है।

करणवीर मेहरा इस बीमारी से रहे परेशान

सिद्धार्थ कन्नन को दिए इंटरव्यू में, करणवीर मेहरा ने खुलासा किया कि वे बचपन में डिस्लेक्सिया नाम की बीमारी से परेशान थे। डिस्लेक्सिया पर बेस्ड आमिर खान की 'तारे जमीन पर' इसी पर बनी थी। यानी करण को पढ़ने-लिखने में दिक्कत होती थी। वह कुछ भी पढ़ने के बाद याद नहीं रख पाते थे, जिसके कारण उन्हें लिखाने में भी काफी मुश्किल होती थी। इस बातचीत के दौरान करण ने आगे बताया कि वो पार्शियल डिस्लेक्सिया से पीड़ित थे, जिसके कारण उनकी मां ने उन्हें हॉस्टल भेज दिया था। स्कूल में इस वजह से टीचर्स से मार भी पड़ी है क्योंकि वह पढ़ाई में काफी कमजोर थे।

पढ़ाई-लिखाई में जीरो थे एक्टर

करण ने आगे कहा, 'मैंने अपनी मां को बड़ा तंग किया... एक होता है न कुछ बच्चों को स्कूल से निकाला जाता है, मैं बहुत बुरी तरीके से निकाला गया हूं। शरारत में नंबर वन, घर टाइम पर नहीं पहुंचना, दोस्तों के साथ बिना मतलब घूमना-फिरना और उस टाइम पर फोन नहीं होते थे तो मेरी कोई खोज खबर मां को नहीं मिल पाती थी तो वह परेशान होती रहती थीं। उन्होंने मेरे लिए हॉस्टल ढूंढना शुरू कर दिया और मैं जानबूझकर टेस्ट गलत देता रहा क्योंकि मैं घर से दूर नहीं जाना चाहता था और पढ़ाई में मेरा बहुत ही बुरा हाल हो गया। टीचर स्केल फेंककर मारते थे और बोलते थे क्या कर रहे हो? मेरा तारे जमीन पर वाले लड़ाके जैसा हाल हो गया था।'

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