मुंबई: अभिनेता नीतीश भारद्वाज का कहना है कि कार्यक्रम 'विष्णु पुराण' से उन्हें उन व्याख्याओं व सिद्धांतों की जानकारी मिली है, जिससे प्राचीन भारत के संबंध में उन्हें काफी कुछ देखने व समझने को मिला है। प्राचीन कहानियों व शास्त्रों के संग्रह पर आधारित साल 2000 का यह शो छोटे पर्दे पर अपनी वापसी करने के लिए तैयार है। नीतीश इसमें भगवान विष्णु के किरदार में नजर आए थे।
नीतीश कहते हैं, "एक कार्यक्रम के रूप में 'विष्णु पुराण' उन सिद्धांतों और व्याख्याओं को सामने लेकर आता है, जिससे प्राचीन भारत के संबंध में एक गहरी समझ पैदा होती है। इस शो को करने से पहले मैंने विष्णु पुराण की पांडु लिपियों को पढ़ा और तभी मुझे समझ में आया कि 19वीं शताब्दी में प्रकृतिवादी चार्ल्स डार्विन के द्वारा विकास के सिद्धांत का आविष्कार किया गया है। हालांकि उनके ये सिद्धांत बिल्कुल सही हो सकते हैं, जो पश्चिमी देशों में अपनी तरह का पहला सिद्धांत रहा, लेकिन भारत की सदियों पुरानी विरासत और संस्कृति के दृष्टिकोण से देखें, तो मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि महर्षि वेद व्यास विष्णु पुराण के माध्यम से मानव विकास को संबोधित करने और इसकी नींव रखने वाले पहले मानवशास्त्री थे।"
विष्णु पुराण को 25 मई से जी टीवी पर प्रसारित किया जाएगा। इसके साथ ही चैनल दर्शकों के लिए 'परमावतार श्री कृष्ण' को प्रस्तुत करने की भी योजना बना रही है।