22 अगस्त के संडे का वार एपिसोड में रिद्धिमा पंडित और करण नाथ बिग बॉस ओटीटी हाउस से बाहर हो गए थे। यह एक चौंकाने वाला एलिमिनेशन था और दोनों में से किसी को भी इतनी जल्दी घर छोड़ने की उम्मीद नहीं थी। इंडिया टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में संवाददाता वैशाली जैन से करण नाथ ने शो में अपनी जर्नी, अपनी दोस्ती और करण जौहर की मेजबानी को लेकर कई बाते कीं। बॉलीवुड अभिनेता बिग बॉस ओटीटी के दूसरे कंफर्म कंटेस्टेंट थे।
रोमांटिक फिल्म 'ये दिल आशिकाना' के एक्टर के लिए भले ही यह एक छोटी यात्रा थी, मगर करण नाथ जब तक इस शो में रहे उन्होंने काफी एंजॉय किया। उन्होंने कहा, ''मैंने वहां कुछ अच्छे दोस्त बनाए। यह मेरे लिए एक अलग अनुभव था, एक अलग माहौल। मैं थोड़ा निराश हूं कि यह सब इतनी जल्दी खत्म हो गया। लेकिन फिर भी, मेरे पास अच्छा समय था और मुझे कोई शिकायत नहीं है।"
करण नाथ से जब ये पूछा गया कि वीकेंड का वार में करण जौहर के सामने आनपी बाते कहने के दौरान वह थोड़े असहज क्यों लगे? इस पर करण नाथ ने कहा, "मुझे बुरा लगता है जब कोई बेवजह झूठे और निराधार आरोप लगाता है। मैं सामान्य रूप से एक शांत व्यक्ति हूं और मैं कैमरे के सामने या किसी और चीज के लिए खुद को नहीं बदल सकता। मैं केवल उन्हीं चीजों पर प्रतिक्रिया करता हूं, जिन पर मुझे लगता है कि मुझे प्रतिक्रिया देनी चाहिए। असल जिंदगी में भी मैं ऐसा ही हूं।"
करण नाथ ने कहा, "करण जौहर ने जो कहा वह मुझे पसंद नहीं आया। जब आप गुस्से में होते हैं तो आप अपनी बॉडी लैंग्वेज को नियंत्रित नहीं कर पाते। लेकिन उसके बाद आप क्या करते हैं यह महत्वपूर्ण है। मैं प्रतीक (सहजपाल) के पास बात करने गया था, उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए था। मुझे बुरा लगा क्योंकि लोगों को मेरे बारे में "मुद्दा" नहीं मिला क्योंकि मैं बिना किसी कारण के लोगों से लड़ने या उन्हें निशाना बनाने के लिए नहीं जा रहा था। मैं बस वहां पॉजिटिव रहने और वहां पॉजिटिविटी फैलाने की कोशिश कर रहा था।
हाल ही के एक एपिसोड में, मिलिंद गाबा और जीशान खान को इस बात पर चर्चा करते देखा गया कि करण जौहर एक होस्ट के रूप में पक्षपाती हैं। इस बारे में पूछे जाने पर, करण नाथ ने कहा, "मुझे नहीं पता कि करण जौहर पक्षपाती हैं या नहीं। मुझे लगता है कि मुझे नजरअंदाज किया गया। या यूं कहें कि ध्यान नहीं दिया गया। मुझे दुख है कि जब मैंने कुछ अच्छा किया तो उस पर किसी का ध्यान नहीं गया। मैं अच्छा बनने की कोशिश कर रहा था लेकिन कोई भी मेरे अच्छे हिस्से के बारे में बात नहीं करना चाहता। उन्हें इस अच्छी चीजों का भी जिक्र करना चाहिए था।"
(इनपुट-वैशाली जैन)