प्राइम वीडियो की मशहूर और सबसे सफल सीरीज में से एक 'पंचायत' का तीसरा सीजन दर्शकों के बीच हाजिर हो गया था। दर्शकों को पंचायत सीजन 2 के बाद से ही सीजन 3 का बेसब्री से इंतजार था और जब से ये प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हुआ है लगातार नंबर 1 पर बना हुआ है। 'पंचायत 3' के किरदारों से लेकर डायलॉग्स तक की खूब चर्चा हो रही है। प्रधान जी हों, सचिव जी या फिर शो के दबंग विधायक, सब सुर्खियां बटोर रहे हैं। इस सीरीज में पंकज झा ने विधायक जी का किरदार निभाया है और इस किरदार को लेकर वह लगातार लोगों के बीच चर्चा में हैं। पंकज झा ने सीरीज में ऐसे विलेन की भूमिका निभाई है, जिसके साथ खुद लगातार ट्रेजडी होती जा रही है।
पंचायत सीरीज में निभाया विधायक जी का रोल
पंचायत 3 में अपने किरदार को लेकर पंकज झा खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं, उनका दबंग अंदाज फैंस को काफी पसंद आ रहा है। हालांकि, मनोरजंन जगत के लिए पंकज झा कोई नया नाम नहीं हैं। उन्होंने गुलाल, ब्लैक फ्राइडे सहित कई प्रशंसित फिल्मों में काम किया और नाम कमाया है। पंकज झा के सफल प्रोजेक्ट्स में से एक 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' भी हो सकता था। अनुराग कश्यप की इस फिल्म में उन्हें वही रोल ऑफर हुआ था, जिसने पंकज त्रिपाठी को स्टार बना दिया। जी हां, पंकज झा को 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में 'सुल्तान कुरैशी' का रोल ऑफर हुआ था, जिसे बाद में पंकज त्रिपाठी ने निभाया। अब पंकज झा ने इस रोल को लेकर बात की है।
गैंग्स ऑफ वासेपुर के सुल्तान बनते-बनते रह गए पंकज झा
पंकज झा ने डिजिटल कमेंट्री के साथ बातचीत में बताया कि वह क्यों 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के सुल्तान बनते-बनते रह गए। पकंज झा से पूछा गया कि गैग्स ऑफ वासेपुर में पहले सुल्तान का रोल आपको ऑफर हुआ था, लेकिन बाद में किसी और को मिल गया। क्या ये भी राजनीति का हिस्सा है? जवाब में पंकज झा ने कहा- 'मुझ पर पॉलिटिक्स का असर नहीं पड़ता। अगर पड़ता, तो पॉलिटिक्स करने वाला जीत जाता। मुझे इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता। पीठ पीछे पॉलिटिक्स करने वाले वैसे भी कायर होते हैं। जिनमें बात होती है, वो सामने आकर बात करते हैं।'
गुलाल-ब्लैक फ्राइडे जैसी फिल्मों में किया काम
यही नहीं, इंटरव्यू के दौरान पंकज झा ने खुद को डायरेक्टर मेकिंग एक्टर का भी खिताब दे दिया। उन्होंने व्यंक्य भरी मुस्कान के साथ अनुराग कश्यप को निशाने पर लेते हुए कहा- 'गुलाल जैसी फिल्में जहां एक्टर्स बनाती हैं, वहीं डायरेक्टर्स भी बनाती हैं। लेकिन, यहां लोग इतने डरपोक और रीढ़-विहीन हैं कि वे अपनी जुबान पर टिके नहीं रह सकते। बाद में मुझे पता चला कि डायरेक्टर की खुद ही हालत खराब थी। कोई काम नहीं मिल रहा था और एक प्रोजेक्ट पर 36 अलग-अलग काम कर रहे थे।'
गैंग्स ऑफ वासेपुर के समय क्या हुआ था?
पकंज झा कहते हैं- 'मैं एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में पटना गया था। वहीं मुझे उनका (अनुराग कश्यप) मैसेज मिला कि आ जाओ। मैंने उन्हें बताया कि मैं एक शूट के बीच में हूं, एक-दो दिन में ही लौट सकूंगा। फिर मुझे पता चलता है कि इस रोल के लिए किसी और को कास्ट कर लिया गया है। खैर मैं अब भी अनुराग से बहुत प्यार करता हूं। मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है।'