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पाताल लोक 2: हाथीराम की हवा निकालने वाले अंकल केन हैं लिविंग लेजेंड, जीते 12 नेशनल अवॉर्ड, पद्म श्री से भी सम्मानित

'पाताल लोक' का दूसरा सीजन लोगों को काफी पसंद आ रहा है। इस सीजन में लीड विलेन के तौर पर अंकल केन का किरदार दिखाया गया है, जीसकी खूब चर्चा हो रही है। ये कौन हैं और इन्हें लिविंग लेजेंट क्यू कहा जा रहा है चलिए आपको बताते हैं।

Written By: Jaya Dwivedie @JDwivedie
Published : Jan 31, 2025 9:49 IST, Updated : Jan 31, 2025 10:49 IST
Paatal Lok 2, Jahnu Barua
Image Source : INSTAGRAM जयदीप अहलावत और जहनु बरुआ

'पाताल लोक सीजन 2' ओटीटी स्पेस में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा है और दर्शकों के मन में इस शो के पहले सीजन ने अपनी खास जगह बना ली थी। कई सालों के इंतजार के बाद आए इसके दूसरे सीजन ने लोगों का दिल जीत लिया है। इस शो के बारे में सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है और ये लगातार ट्रेंडिंग बना हुआ है। इस शो के लीड एक्टर जयदीप अहलावत की खूब तारीफ हो रही है, लेकिन उनके अलावा सीरीज में नजर आए बाकी किरदारों को भी दर्शकों का प्यार मिल रहा है। इश्वाक सिंह, गुल पनाग, नीरज काबी, नागेश कुकुनूर, तिलोत्तमा शोम, जाह्नु बरुआ और प्रशांत तमांग कुछ ऐसे एक्टर हैं जो वेब सीरीज में अपने जबरदस्त काम के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं। एक किरदार जो लोगों को काफी प्रभावित कर रहा है वो है अंकल केन का। 

जीते 12 नेशनल अवॉर्ड

अंकल केन का करिदार 'पाताल लोक' सीजन 2 के मुख्य खलनायक का है। अंत तक सस्पेंस बनाकर रखने वाले इस किरदार ने जयदीप अहलावत के हाथीराम की हवा निकाल दी थी। ये किरदार निभाया है जहनु बरुआ ने। जहनु बरुआ कोई आम एक्टर नहीं हैं, बल्कि उन्होंने पहले भी अपनी फिल्मों से लोगों को प्रभावित किया है। अपनी दमदार फिल्मों से उन्होंने देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है। जहनु बरुआ असम के जाने-माने डायरेक्टर है। अपने काम और फिल्मों के लिए उन्हें 12 नेशनल अवॉर्ड्स मिल चुके हैं, जो कि कोई मामुली बात नहीं है। ये बात उन्हें सिनेमा का लिविंग लेजेंड बनाती है। 

इन फिल्मों का किया निर्माण

जहनु बरुआ भारतीय सिनेमा में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, जिन्हें विशेष रूप से असमिया फिल्म निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। असम के शिवसागर में उनका जन्म हुआ। उन्होंने कई उल्लेखनीय फिल्मों का निर्देशन किया है, जिन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली है। बरुआ की फिल्में बहुत ही मानवतावादी हैं, जो अक्सर अपने पात्रों की भावनात्मक यात्राओं की खोज करते हुए सामाजिक मुद्दों को संबोधित करती हैं। Xagoroloi Bohu Door, मैंने गांधी को नहीं मारा, बोधान खाई, अजेयू जैसी कई शानदार फिल्में उनके नाम हैं। 

पद्म श्री और पद्म भूषण हैं सम्मानित

जहनु की असाधारण फिल्ममेकिंग ने उन्हें 20 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिलाए हैं, जिसमें लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रतिष्ठित सिल्वर लेपर्ड भी शामिल है। सिर्फ यही नहीं जहनु को पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। जहनु फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ज्यूरी कमिटी के हेड रहे हैं। उनकी ही कमिटी के 13 सदस्यों ने मिलकर किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज' ऑस्कर के लिए भेजा था। 'ऑल वी इमैजिन एज लाइट' को जहनु ने तकनीकी रूप से खराब बताया था।

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