ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हर महीने नई फिल्में, सीरीज और डॉक्यूमेंट्री रिलीज होती हैं। कॉमेडी से लेकर हॉरर तक, हर जॉनर की फिल्में-सीरीज ओटीटी पर मौजूद होते हैं, लेकिन एक जॉनर ऐसा है जो लोगों का ऑल टाइम फेवरेट है। हम बात कर रहे हैं क्राइम-थ्रिलर की। इस जॉनर की फिल्म हो या सीरीज, दर्शकों को हमेशा बांधे रखने में कामयाब रही हैं। अनुष्का शर्मा स्टारर एनएच-10 से लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी और विक्की कौशल स्टारर रमन-राघव तक दर्शकों की फेवरेट क्राइम-थ्रिलर्स में से हैं। इस लिस्ट में नेटफ्लिक्स की एक सीरीज भी शामिल है, जिसके अब तक तीन सीजन आ चुके हैं और तीनों सीजन में सच्ची घटनाओं पर आधारित 3 अलग-अलग खूंखार अपराधियों की कहानी बताई गई है। इस सीरीज के तीसरे सीजन में जिस अपराधी की कहानी बताई गई है, वह वाकई रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
नेटफ्लिक्स पर मौजूद क्राइम-थ्रिलर
अगर आप क्राइम-थ्रिलर के शौकीन हैं तो ये सीरीज आपको जरूर देखनी चाहिए। क्योंकि, इसके एक-एक सीन में जबरदस्त सस्पेंस और ढेर सारा रोमांच है। हम बात कर रहे हैं 2022 में आई सीरीज 'इंडियन प्रीडेटरः मर्डर इन ए कोर्टरूम' की, जिसे दर्शकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था और आईएमडीबी पर इसे 10 में से 7.1 रेटिंग मिली है। इससे पहले इंडियन प्रीडेटर की दो अन्य सीजन रिलीज हुए, जिनमें से एक थी 'इंडियन प्रीडेटरः द बुचर ऑफ दिल्ली'। इस सीरीज की कहानी चंद्रकांत झा की कहानी पर थी, जिसने खूंखार हत्याओं से दिल्ली को दहला दिया था। वहीं दूसरा सीजन था 'इंडियन प्रीडेटरः द डायरी ऑफ ए सीरियल किलर'। इस सीजन में सीरियल किलर 'राजा कोलंदर' की कहानी दिखाई गई थी, जो उत्तर प्रदेश का एक सीरियल किलर था।
इंडियन प्रीडेटर के तीनों सीजन में खूंखार अपराधियों की कहानी
इंडियन प्रीडेटर के तीनों सीजन में रियल अपराधों की कहानी दिखाई गई है। सीरीज के दोनों सीजन बेहद खतरनाक थे और तीसरा सीजन तो फिक्शन से भी ज्यादा डरावना था। इंडियन प्रीडेटरः मर्डर इन अ कोर्टरूम की कहानी सिर्फ एक सीरियल किलर नहीं एक सीरियल रेपिस्ट की भी कहानी है, जिसने बस्ती के हर घर की महिला को प्रताड़ित किया था। इस सीजन की कहानी सीरियल किलर और रेपिस्ट कालीचरण उर्फ अक्कू यादव पर आधारित है।
कौन था अक्कू यादव?
अक्कू यादव महाराष्ट्र के नागपुर के कस्तूरबा नगर स्लम का रहने वाला था। सीरीज में दिखाई गई कहानी के अनुसार, अक्कू यादव सिर्फ एक वसूली करने वाला या गैंगस्टर ही नहीं एक सीरीयल रेपिस्ट भी था। उस पर 40 से भी ज्यादा महिलाओं के साथ रेप के आरोप थे। कहा जाता है कि उसने इतने रेप किए कि बस्ती के हर घर की एक महिला उसकी विक्टिम थी। उसने सालों तक अपने स्लम एरिया की महिलाओं का रेप करना और उन्हें खुलेआम मॉलेस्ट करना जारी रखा। उसने 10 साल की बच्ची से लेकर दादी की उम्र की महिलाओं तक को अपना शिकार बनाया।
अक्कू यादव के ऊपर हत्याओं का भी आरोप था
कोई अगर उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत करने की कोशिश भी करता तो उसका जीना दूभर हो जाता था। लोगों के घर में घुसकर उन्हें मारना, धमकाना, उगाही करना उसके छोटे अपराध थे। कस्तूरबा नगर के लोगों ने अपने बयान में बताया था कि उसने तीन लोगों की हत्या भी कर दी थी और उनकी लाश को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था।
जब कोर्ट रूम में घुस आई महिलाओं की भीड़
आखिरकार एक दिन अक्कू यादव पुलिस के हत्थे चढ़ा और 13 अगस्त 2004 को जब उसे कोर्ट में पेश किया गया तो दोपहर के करीब 3 बजे मुंह बांधे सैकड़ों महिलाओं की भीड़ कोर्टरूम में घुस आईं और पुलिसवालों और अक्कू यादव के चेहरे पर लाल मिर्च पाउडर फेंकना शुरू कर दिया। पुलिसवाले महिलाओं के खौफ से भाग खड़े हुए और अक्कू यादव पर चाकू से वार किए। उसके ऊपर पत्थर से भी वार किए गए। भीड़ में किसी ने उसके हाथ-पैर पर वार किए तो किसी ने उसका गुप्तांग तक काट दिया। 15 मिनट में ही कोर्ट रूम की सफेद मार्बल फर्श लाल हो चुकी थी और दीवार पर खून ही खून था।