Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मनोरंजन
  3. संगीत
  4. Death anniversary: मृत्यु से कुछ घंटे पहले रफी साहब ने गाया था ये फेमस गाना, सुनें और भी बेहतरीन नगमें

Death anniversary: मृत्यु से कुछ घंटे पहले रफी साहब ने गाया था ये फेमस गाना, सुनें और भी बेहतरीन नगमें

मोहम्मद रफी आज से 39 साल पहले इस दुनिया को अलविदा कह गए थे, लेकिन उनके गाए गाने आज भी लोगों के जेहन में जिंदा हैं।

Written by: Shivani Singh @lastshivani
Updated on: July 31, 2019 15:33 IST
mohammed rafi - India TV Hindi
mohammed rafi

बॉलीवुड सिंगर मोहम्मद रफी हिंदी सिनेमा के महान गायकों में से एक माने जाते हैं। आने से उसके आए बहार, जाने से उनके जाए बहार.... सुरों के सरताज मोहम्मद रफी (mohammed rafi) साहब की आज 39वीं पुण्यतिथि (death anniversary) है। जी हां इस महान सिंगर ने 31 जुलाई 1980 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। लेकिन आज भी उनके बेहतरीन गाने हमारे दिलों पर राज़ करते है।

मोहम्मद रफी का गला ऐसा था जैसे मानों उनके गले में स्वयं सरस्वती विराजमान हों। इसी कारण किसी ने कहा था कि- अगर ईश्वर की आवाज कोई सुन सकता है तो उनकी आवाज बिल्कुल मोहम्मद रफी की तरह ही है और ये सौ प्रतिशत सच है। जी हां मोहम्मद रफी की आवाज इतनी ज्यादा मीठी है कि हर कोई आज भी उन्हें सुनना पसंद करता है। उन्होंने हिंदी गानों के साथ-साथ विदेशी गाने भी गाए हैं।

आप भी सुनें उनकी कुछ बेहतरीन नगमें।

Birthday Special : अपनी खूबसूरती से सभी का दिल जीतने वाली मुमताज अब लगती हैं ऐसी

शायद ही आप जानते होंगे कि फिल्म 'आस-पास' का गाना उनका आखिरी गाना था। इसे रफी साहब ने अपनी मृत्यु से बस कुछ घंटे पहले रिकॉर्ड किया था। इसके चंद घंटों बाद उनका निधन हो गया, जिसके बाद इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ उठी थी। यह गाना था फिल्म 'आस-पास' का 'शाम फिर क्यों उदास है दोस्त, तू कहीं आसपास है दोस्त'।

साल 1966 में रिलीज हुई फिल्म सूरज का गाना 'बहारों फूल बरसाओ' तो हर किसी ने सुना होगा। इतना ही नहीं आज भी कई शादियों में इस गाने को बड़े ही शौक से बजाया जाता है।

उन्नाव रेप केस: ट्विंकल खन्ना ने ट्वीट कर मांगी पीड़िता को न्याय मिलने की दुआ

राजकुमार की फिल्म हीर-रांझा साल 1970 में रिलीज हुई थी। जिसका गाना 'ये दुनिया ये महफिल' आज भी बड़े ही चाव से लोग Sad Song के रूप में सुनकर भाव-विभोर हो जाते है।

Happy Birthday Sonu Nigam: सोनू निगम क्यों हैं आज के दौर के सबसे वर्सेटाइल सिंगर, इसे पढ़ने के बाद आप भी मानेंगे

साल 1969 में आईं फिल्म प्रिंस का गाना तो आपने सुना ही होगा। जी हां 'बदन पे सितारे लपेटे हुए' भी गाना मोहम्मद रफी ने गाया है।

साल 1970 में आईं फिल्म जीवन मृत्यु का गाना 'झिलमिल सितारों का आंगन होगा' तो आपको गाना याद होगा। जिसमें धर्मेंद बड़े ही प्यार भरे अंदाज में मिट्टी का घर बनाते हुए इस गाने को गुनगुनाते हुए नजर आ रहे हैं।

फिल्म ताजमहल का गाना 'जो वादा किया निभाना पड़ेगा' तो याद ही होगा। इस गाने को लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी ने अपनी आवाज दी थी।

साल 1971 में राजेंद्र कुमार और साधना की फिल्म आप आए तो बाहर आई का गाना 'मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा' तो गाना याद ही होगा। यह क्लासिक गाना सुनकर आप जरूर ही रो पड़ेंगे।

साल 1969 में जितेंद्र की आईं फिल्म जीने की राह का गाना 'आने से उसके आए बहार' गाना तो आपने सुना होगा। इसमें मोहम्मद रफी ने अपनी प्यारी सी आवाज दी है।

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Music News in Hindi के लिए क्लिक करें मनोरंजन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement