- फिल्म रिव्यू: 'योद्धा' मूवी रिव्यू: वर्दी में हिट हैं सिद्धार्थ मल्होत्रा, धमाकेदार एक्शन के साथ भरेंगे देशभक्ति की भावना
- स्टार रेटिंग: 3.5 / 5
- पर्दे पर: 15.03.2024
- डायरेक्टर: सागर अम्ब्रे और पुष्कर ओझा
- शैली: फिक्शन
योद्धा मूवी रिव्यू: सिद्धार्थ मल्होत्रा, राशि खन्ना और दिशा पटानी-स्टारर एक्शन फिल्म योद्धा आखिरकार आज 15 मार्च, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह फिल्म एक विशेष टास्क फोर्स अधिकारी अरुण कात्याल (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की यात्रा की कहानी पर आधारित है, जो भारत को आतंकवादियों से बचाने के लिए कुछ भी करेगा, हालांकि, राजनीतिक पारिस्थितिकी तंत्र के कारण ऐसा करना मुश्किल हो जाता है। यदि आप इस हाई-ऑक्टेन एक्शन ड्रामा को बड़े पर्दे पर देखने की योजना बना रहे हैं तो आपको इस समीक्षा को अंत तक अवश्य पढ़ना चाहिए, जिससे आपको एक सटीक जानकारी मिलेगी।
कहानी
कहानी अरुण कात्याल (सिद्धार्थ मल्होत्रा) के पिता के स्पेशल टास्क फोर्स योद्धा के पहले प्रमुख बनने से शुरू होती है। अरुण, किसी भी अन्य बेटे की तरह अपने पिता की तरह बनने और अपने देश की सेवा करने की इच्छा रखता है, लेकिन उनके पिता उन्हें सलाह देते हैं कि वर्दी सिर्फ कपड़े का एक टुकड़ा नहीं है और इसे कमाना चाहिए और जीवन भर इसकी गरिमा भी बनाए रखनी चाहिए। एक दिन एक विशेष मिशन के दौरान उसके पिता शहीद हो जाते हैं, जिससे वह गहरे दुःख में डूब जाता है।
हालांकि, दृढ़ समर्पण के साथ वह योद्धाओं में से एक बनने में सफल होता है, जो उन सभी में सबसे मजबूत योद्धाओं में से एक भी है। अपहरण की एक घटना के बाद चीजें पूरी तरह से बदल जाती हैं, जहां उसे हवाई जहाज में अन्य यात्रियों के साथ एक परमाणु वैज्ञानिक को बचाना है। वो इस मिशन को सफल बनाने में विफल होता है। अपने वरिष्ठ समकक्षों और सरकारी अधिकारियों के आदेशों का पालन न करने का दोषी ठहराया जाता है, जिसके बाद योद्धा टास्क फोर्स के भाग्य का फैसला करने के लिए एक पैनल बैठता है। अरुण भावनात्मक रूप से फोर्स से जुड़ा हुआ था, इसलिए उसके पिता योद्धा के पहले प्रमुख थे। यही वजह उसे टीम के प्रति प्रतिबंध रहने के लिए मोटिवेट करती है।
निर्देशन
सागर अम्ब्रे और पुष्कर ओझा द्वारा निर्देशित, एक्शन से भरपूर यह फिल्म पूरी तरह से काल्पनिक कहानी है। इसका वास्तविक जीवन की किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, योद्धा की अधिकांश कहानी बीच आसमान में दिकाई देगी क्योंकि फिल्म में एक से अधिक अपहरण की घटनाएं शामिल हैं। निर्देशन के मामले में सागर और पुष्कर दोनों ने हाई-ऑक्टेन एक्शन दृश्यों को बेहतरीन तरीके से प्रदर्शित करके शानदार काम किया है। यदि आप एक्शन फिल्मों के शौकीन हैं तो योद्धा एक अवश्य देखी जाने वाली फिल्म है। फिल्म में इस्तेमाल किया गया वीएफएक्स भी बढ़िया है। फिल्म में कई इमोशनल सीन भी हैं जिन्हें निर्देशक ने दिल छू लेने वाले गानों और बैकग्राउंड म्यूजिक की मदद से बड़े पर्दे पर बखूबी दर्शाया है।
अभिनय
अभिनय के मोर्चे पर आप किसी भी मुख्य कलाकार के प्रदर्शन से निराश नहीं होंगे। हालांकि, मेरी राय में राशि खन्ना के साथ रोमांटिक दृश्यों की बात करें तो सिद्धार्थ मल्होत्रा बेहतर कर सकते थे। दूसरी ओर दोनों प्रमुख महिलाएं अपने किरदारों में परफेक्ट थीं। आप राशी को उसके प्यारे चुलबुले लुक और अभिनय कौशल के लिए पूरी फिल्म में पसंद करेंगे। फिल्म में दिशा पटानी भी अपने किरदार से आपको प्रभावित करेंगी। इनमें से एक महिला को आप एक्शन करते हुए भी देखेंगे।
संगीत
फिल्म का संगीत और बेहतर हो सकता था। फिल्म देखने के बाद आपको बी प्राक के 'किस्मत बदल दी' के अलावा कोई गाना याद नहीं आएगा। हालांकि, भावनात्मक दृश्यों के दौरान बैकग्राउंड स्कोर बिल्कुल सही रखा गया है और यह आपकी आंखों में आंसू ला देगा।
निर्णय
कुल मिलाकर योद्धा एक अच्छी फिल्म है और आप सिद्धार्थ मल्होत्रा को एक बार फिर वर्दीधारी के रूप में पसंद करेंगे। वह फिल्म में एक प्रेमी लड़के के मामले में बेहतर हो सकते थे, लेकिन चूंकि योद्धा एक्शन के बारे में अधिक है, इसलिए उस बात को नजरअंदाज किया जा सकता है। यह पूरी तरह से काल्पनिक कहानी पर आधारित है, लेकिन यह दर्शकों में देशभक्ति की भावना पैदा करने में कहीं भी पीछे नहीं रहती। कई ट्विस्ट से भरी इस फिल्म को 3.5 रेटिंग दे रहे हैं।