- फिल्म रिव्यू: तेरा इंतजार
- स्टार रेटिंग: 1 / 5
- पर्दे पर: 1 दिसंबर, 2017
- डायरेक्टर: राजीव वालिया
- शैली: सुपरनैचुरल-म्यूजिकल-थ्रिलर
4 कैरेक्टर एक घर में घुसते हैं, जिसमें से एक लड़की भी है। घर में चारों तरफ पेंटिंग्स ही पेंटिंग्स हैं। चारों किरदार पेंटिंग्स देखकर हैरान रह जाते हैं- ‘ऑसम’, ‘लाजवाब’, ‘क्या मस्त है’, ‘फैनटैस्टिक’ वो इम्प्रेस हो जाते हैं। देखते ही समझ में आ जाता है ये विलेन हैं। इसके बाद जो होता है वो आपको हैरान कर देगा। अरे... अरे... कन्फ्यूज मत होइये... हम सनी लियोनी और अरबाज खान की आज रिलीज हुई फिल्म तेरा इंतजार का रिव्यू ही कर रहे हैं। फिल्म की शुरूआत बहुत अच्छी होती है लेकिन धीरे-धीरे यह फिल्म बोर करने लगती है।
कहानी- 'तेरा इंतजार' की कहानी रौनक (सनी लियोनी) नाम की एक लड़की की है, जो आर्ट गैलरी चलाती है। उसकी मुलाकात वीर (अरबाज खान) नाम के एक पेंटर से होती है। दोनों में प्यार होता है। रौनक वीर की पेंटिंग पूरी दुनिया में पहुंचाना चाहती है, और खरीददार के रूप में एंट्री होती है विलेन (आर्य बब्बर और टीम) की। आखिर एक दिन वीर गायब हो जाता है। वो कहां है और कैसे वापस आता है यही इस फिल्म में दिखाया गया है।
निर्देशन- फिल्म का निर्देशन राजीव वालिया ने किया है, यह उनकी पहली फिल्म है। निर्देशन के साथ उन्होंने कहानी लिखने का जिम्मा भी उठाया है। कहानी उन्होंने ठीक लिखी है लेकिन निर्देशन में वह पूरी तरह फेल हुए हैं। फिल्म की एडिटिंग बहुत खराब है। डायलॉग्स सिर्फ खराब ही नहीं हैं कई जगह गलत भी हैं- ‘’जैसे पिछले 24 घंटों से सर ऑफिस नहीं आए।‘’
अरबाज खान खुद निर्देशक भी हैं, और ‘दबंग 2’ का निर्देशन भी किया है, इसलिए आश्चर्य होता है कि उन्होंने क्यों इस फिल्म को करने के लिए हामी भरी और उन्होंने क्यों इस फिल्म को बेहतरीन बनाने में दिलचस्पी नहीं ली।
अभिनय- फिल्म में ढंग से कास्टिंग भी नहीं हुई है। अरबाज खान ने अभिनय अच्छा किया है मगर अपने रोल में वह फिट नहीं लगे हैं। सिर्फ सनी लियोनी ही थीं जिन्होंने पूरी फिल्म अपने कंधे पर टिकाई है। फिल्म में सनी को बोल्ड दिखाने की पूरी कोशिश की गई है, वह अच्छी भी लगी हैं। वह जितनी बोल्ड लगी हैं उतनी ही खूबसूरत भी और एक्टिंग भी उन्होंने अच्छी की है। लेकिन फिल्म की बाकी स्टारकास्ट बहुत कमजोर है। खासकर रौनक के जीजाजी के किरदार में जो एक्टर हैं उन्हें देखकर आप सोचेंगे कि ये फिल्म में क्यों है। फिल्म के विलेन भी बहुत कमजोर लगे हैं। फिल्म में सुधा चंद्रन जैसी अच्छी कलाकार भी हैं, जिनका किरदार बेहद खास है, लेकिन उन्हें भी फिल्म में अच्छे से इस्तेमाल नहीं किया गया।
फिल्म में एक सस्पेंस भी है, जो आखिर में आता है। फिल्म का सस्पेंस आप गेस नहीं कर पाएंगे, लेकिन जब सस्पेंस खुलेगा तो आप अपना सिर पकड़ लेंगे क्योंकि उस सस्पेंस की वजह से कहानी में कई जगह झोल लगता है।
लोकेशन- फिल्म की ज्यादातर शूटिंग मुंबई में हुई है और कुछ हिस्से कच्छ और मॉरिशियस में शूट किए गए हैं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी कमाल की है। सनी के अलावा फिल्म में सिर्फ लोकेशन ही है जो अच्छी है।
म्यूजिक- फिल्म का म्यूजिक कुछ खास नहीं है। बार-बार आते गाने और शोर मचाता बैकग्राउंड म्यूजिक आपको इरीटेट कर सकता है।
देखें या नहीं- अगर आप सनी लियोनी के फैन हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं, वरना इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए इसे देखा जाए।
स्टार रेटिंग- मेरी तरफ से इस फिल्म को सिर्फ 1 स्टार।