- फिल्म रिव्यू: तरला
- स्टार रेटिंग: 3 / 5
- पर्दे पर: जुलाई 7, 2023
- डायरेक्टर: पियूष गुप्ता
- शैली: बायोग्राफी
Tarla Review: तरला कहती थीं लाइफ में कुछ करना है... मगर क्या यह नहीं पता था। तरला के सपने को साकार करने में उनके पति का साथ रहा बेहद खास। हाउसवाइफ से हाउसहोल्ड नेम बन गई तरला दलाल और तरला दलाल की सक्सेस स्टोरी को हुमा कुरैशी ने पर्दे पर उतारा। उनकी फिल्म 'तरला' किस तरह से एक सामान्य महिला की असामान्य कहानी को पर्दे पर उतारती है। आइए जानते हैं कैसी है ये फिल्म...
कैसी है फिल्म की कहानी
तरला एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती है। कॉलेज खत्म होते ही घर पर शादी कि बातचीत शुरू हो जाती है। जब लड़के वाले उसे देखने आते हैं तब तरला ने अपना इरादा उनके सामने रखती है। तरला खाना बनाने में माहिर थी। चाय नाश्ता बनाते हुए तरला ने नलिन कुमार यानी तरला के होने वाले पति वो कहते हुए सुना कि खाना बनाने वाले का इमोशन खाने वाले को मिल ही जाता है... तरला के लिए बस यह सोच ही काफी था।
तरला की शादी टैक्सटाइल मिल मैनेजर नलिन (शारिब हाशमी) की शादी हो जाती है... तरला के पति कहते हैं कि तरला जीवन में जो भी करें वह उनके साथ खड़े हैं ।
खाना बनाने के अलावा उसे कुछ खास आता नहीं था। खाना तो हर औरत अपने घर पर बनाती है इसमें अलग क्या है? मगर यही समझने में तरला को 12 साल लग गए और वह 3 बच्चों की मां भी बन गई। मगर कहते हैं ना जब जागो तभी सवेरा किसी भी काम के लिए कभी देर नहीं होती। तरला के साथ ऐसा ही हुआ। पड़ोसी की बेटी काव्या को खाना बनाना सिखाते हुए लोगों के बीच उसके जायकेदार खाने की तारीफ शुरू हो गई। कुकिंग क्लास चलाने के ऑफर आने लगे। घर पर खाना बनाना सिखाते हुए... रेसिपी बुक और फिर टीवी पर कुकरी शो तक पहुंच गई तरला। मगर जीवन का रास्ता हमेशा आसान नहीं होता। तो पारिवारिक रिश्तो के उधेड़बुन से जूझते हुए किस तरह तरला का सपना साकार होता है, यही कहानी निर्देशक पीयूष गुप्ता ने बखूबी पर्दे पर उतारा है।
परफॉर्मेंस
- हुमा कुरैशी की हालिया परफॉर्मेंसेस अगर देखें तो महारानी, मोनिका ओ माय डार्लिंग, डबल एक्सेल जैसे कांटेक्ट में उनका ग्राफ कमाल का है और तरला के साथ इसका इजाफा हुआ है। हुमा बहुत ही नैचूरल और किरदार में राम जाने वाली अभिनेत्री हैं।
- शायद हाशमी के लिए यह एक बेहतरीन मौका था अपना हुनर दिखाने का जहां उन्होंने कामयाबी हासिल की। लीड रोल में पहली बार सारे नजर आए हैं और तरला की रेसिपी में वह मिठास लेकर आते हैं।
क्या है खासियत
- एक सक्सेस स्टोरी जो हर किसी के जीवन में एनर्जी देता है...खास तौर पर फीमेल ऑडियंस इस फिल्म से जुड़ पाएंगे।
- कुछ डायलॉग जो आसान तरीके से कहे गए हैं मगर काफी असरदार हैं।
- ओटीटी पर होने की वजह से इसका ऑडियंस बढ़ेगा।
फाइनली कैसी है फिल्म
- फर्स्ट हाफ खासतौर पर काफी शुगरी है और आसान लगता है। मगर सेकंड हाफ में जब लाइफ चैलेंज देती है, पत्नी का सक्सेस और एक पॉइंट पर पति का इनसिक्योरिटी को शारिब हाशमी बेहतरीन तरीके से निभाते हैं वहां फिल्म थोड़ी इंटरेस्टिंग होती है।
- तरला एक शेफ की कहानी है। जाहिर सी बात है कि यहां पर खाना बनाना और रेसिपीज की बात हो रही है। तो थोड़ा रेसिपीज का तड़का होता तो मजा आता।
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