- फिल्म रिव्यू: सूरमा
- स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
- पर्दे पर: 13 जुलाई 2018
- डायरेक्टर: शाद अली
- शैली: स्पोर्ट्स ड्रामा
अर्जुन अवॉर्ड पाने वाले हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह की बायोपिक ‘सूरमा’ आज रिलीज हो गई। संदीप हॉकी के बड़े प्लेयर रहे हैं और उनकी जिंदगी भी काफी उतार-चढ़ाव से भरी रही है। यह फिल्म काफी संजीदगी से बनाई गई है और शाद अली काफी हद तक इसमें सफल भी रहे हैं। आजकल बायोपिक बनाने का चलन शुरू हुआ है बॉलीवुड में, और सूरमा उन फिल्मों से अलग नहीं है। फिल्म में दिलजीत दोसांझ संदीप सिंह की भूमिका में हैं, तापसी पन्नू संदीप की लव इंट्रेस्ट के रोल में हैं, वहीं अंगद बेदी फिल्म में दिलजीत के बड़े भाई के रोल में हैं। फिल्म में हॉकी कोच के रोल में विजय राज और सतीश कौशिक संदीप सिंह के पिता के रोल में हैं। फिल्म में कुलभूषण खरबंदा भी लंबे वक्त बाद नजर आए हैं।
ज्यादातर स्पोर्ट्स स्टोरी में यही दिखाया जाता है कि फिल्म में प्यार की वजह से खिलाड़ी ने ये किया वो किया, इस फिल्म में भी वही है, लेकिन शाद अली एक निर्देशक के तौर पर अच्छे हैं लेकिन रोमांटिक फिल्मों के निर्देशन में वो थोड़े कमजोर हैं, साथिया फिल्म को छोड़ दिया जाए तो बाकी की फिल्मों में वो रोमांस को जस्टीफाई नहीं कर पाते हैं। अगर रोमांटिक सीन अच्छे होते हैं तो बार-बार एक ही सिचुएशन आने पर भी बोर नहीं करते हैं लेकिन इस फिल्म में रोमांटिक सीन कमजोर लगे हैं। इसके अलावा फिल्म की शुरुआत बहुत स्लो होती है। शुरुआत के आधे घंटे फिल्म में सिर्फ कहानी की भूमिका बन रही होती है। उसके बाद फिल्म फास्ट हो जाती है।
बात करें अभिनय की तो दिलजीत ने इस रोल के लिए काफी मेहनत की है जो स्क्रीन पर नजर आ रहा है। उन्होंने हॉकी सीखी भी है इस रोल के लिए इसलिए कुछ भी किरदार से बाहर नहीं लग रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा जो किरदार फिल्म में ध्यान खींचता है वो है अंगद बेदी का किरदार। उनकी जबरदस्त एक्टिंग आपको भावविभोर कर देगी। तापसी पन्नू पंजाबी हैं और पंजाबी लड़की का रोल उन्होंने बखूबी प्ले किया है, वो स्पोर्ट्स भी खेल चुकी हैं इसलिए वो अपने रोल में बिल्कुल फिट लगी हैं। वहीं विजय राज बिहारी कोच के रोल में छा गए हैं। उनके वनलाइनर काफी हंसाते हैं। कुलभूषण खरबंदा तो हमेशा अपने रोल से कमाल करते हैं। वहीं सतीश कौशिक भी बेहतरीन लगे हैं।
'सूरमा' एक प्रेरणादायक और इमोशनल फैमिली फिल्म है, जिसे आप परिवार के साथ बैठकर एन्जॉय कर सकते हैं। ओवरऑल फिल्म अच्छी है लेकिन ये और बहुत अच्छी बनाई जा सकती थी। मेरी तरफ से इस फिल्म को ढाई स्टार। क्या आप जानते हैं पैर में गोली लगने के बाद संदीप सिंह ने ट्रेन में सफर नहीं किया था। 12 साल बाद संदीप सिंह दिलजीत दोसांझ के साथ ट्रेन के सफर पर निकले हैं, पढ़िए ये खबर।
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