- फिल्म रिव्यू: सत्यप्रेम की कथा
- स्टार रेटिंग: 3 / 5
- पर्दे पर: June 29, 2023
- डायरेक्टर: समीर विद्वांस
- शैली: रोमांटिक कॉमेडी
Satyaprem Ki Katha Review: कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी की जोड़ी ने कोरोना काल के बाद बॉलीवुड की पहली सुपरहिट फिल्म 'भूल भुलैया 2' दी थी। जिसके बाद बॉलीवुड को एक नई उम्मीद जगी थी। वहीं अब एक बार फिर कार्तिक और कियारा की जोड़ी लोगों के सामने है। इस जोड़ी की फिल्म 'सत्यप्रेम की कथा' आज देश भर में सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म की स्टार कास्ट काफी दमदार है ऐसे में लोगों को फिल्म से काफी उम्मीदें हैं। तो टिकट बुक करने से पहले यहां जानिए कैसी है ये फिल्म...
सत्तो और कथा की प्रेम कहानी
गजराज राव और सुप्रिया पाठक के 2 बच्चे कार्तिक आर्यन और शिखा तलसानिया... एक गुजराती परिवार जहां औरतों से ज्यादा घर के लड़के ज्यादातर काम में हाथ बटाते हैं। सत्तो यानी कार्तिक परेशान है क्योंकि उसकी शादी नहीं हो रही है। वह बाहर कोई काम नहीं करता इसलिए मां-बाप को भी इसकी पड़ी नहीं है। घर पर रहने की वजह से उसे घर का ही काम करना पड़ता है। सत्तो की नजदीकी अपने पिता से है और अक्सर उन दोनों के बीच में नोकझोंक भी रहती है।
अब आती है कियारा आडवाणी यानी कथा की बात.... पहले कहीं एक बार गरबे में कथा को देखते ही सत्तो दीवाना हो गया था और उसे कथा का इंतजार था। पिता की मदद से सत्तो एक बार फिर कथा को मिलता है। रिश्ते की बात होती है और शादी भी हो जाती है लेकिन क्या कथा की जिंदगी आसान थी। कहते हैं आप किसी भी मुसीबत का सामना कर सकते हैं अगर आपका परिवार साथ हो और ऐसे में अगर आपका जीवन साथी आपके साथ खड़ा हो तो फिर इससे बेहतरीन और क्या हो सकता है। कहानी में मेल फेमिनिज्म को उजागर किया गया है।
क्या है काबिल-ए-तारीफ
- कार्तिक- कियारा की जोड़ी जो पर्दे पर रौनक लेकर आती है।
- सेकंड हाफ फिल्म का दमदार है।
- गजराज राव एफर्टलेस है
- सुप्रिया पाठक के बेहद जरूरी डायलॉग और गुज्जू बेन का किरदार प्यारा है।
- फिल्म के कई मोमेंट्स आप को हंसाते हैं और इमोशनल भी करते हैं।
- कार्तिक का मोनोलॉग की कमी थी, कियारा के बॉयफ्रेंड को पीटने वाले सीन पर ताली जरूर पड़ेंगी।
ये रह गईं कमियां
- स्क्रीनप्ले ढीला है फर्स्ट हाफ बेहद में खींचता हुआ लगेगा।
- फिल्म का जरूरी ट्विस्ट सेकंड हाफ में आता है जिसे एक्सप्लोर करने में ज्यादा वक्त नहीं मिलता।
- बहुत से सिचुएशन से हैं जो सहूलियत के हिसाब से दिखता है।
- गुज्जू पटाखा और नसीब से के अलावा कोई भी गाना खास नहीं है। पसूरी लोगों के लिए नया नहीं है।