- फिल्म रिव्यू: संजू
- स्टार रेटिंग: 3.5 / 5
- पर्दे पर: 29 जून 2018
- डायरेक्टर: राजकुमार हिरानी
- शैली: बायोपिक
Sanju Movie Review: संजय दत्त की मोस्ट अवेटेड बायोपिक संजू आखिरकार रिलीज हो गई है। राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में रणबीर कपूर, परेश रावल, मनीषा कोईराला, सोनम कपूर, दिया मिर्जा, अनुष्का शर्मा, विक्की कौशल, जिम सर्भ और बोमन ईरानी जैसे कई बड़े सितारे हैं। संजय दत्त की जिंदगी बहुत की कॉन्ट्रोवर्सी से भरी हुई रही है इसलिए संजय की बायोपिक बनाना किसी चैलेंज से कम नहीं रहा होगा। लेकिन जब फिल्म मेकिंग में राजकुमार हिरानी का नाम जुड़ा हो तो उम्मीदें काफी बढ़ जाती हैं। फिल्म के ट्रेलर और टीजर ने हमारी उम्मीदें आसमान पर पहुंचा दी। लेकिन क्या फिल्म भी उतनी ही अच्छी है?
संजू का सबसे अच्छा सीन तब आता है जब फिल्म के अंत में एक गाना आता है, गाने में संजय दत्त और रणबीर कपूर एकसाथ आते हैं। संजय को देखते ही आप ताली बजाने लगेंगे क्योंकि आपको लगेगा रियल संजू तो एक ही है।
एक्टिंग- रणबीर कपूर के करियर की बेस्ट फिल्म इसे कह सकते हैं। बर्फी के बाद ये उनकी दूसरी ऐसी फिल्म है जिसके लिए वो लंबे समय तक याद किए जाएंगे। हालांकि जब संजय दत्त की उम्र थोड़ी ढल जाती हैं वहां रणबीर कपूर थोड़े कम जंच रहे हैं। सुनील दत्त का रोल परेश रावल ने किया है, जब परेश को कास्ट किया गया था उस वक्त मुझे लगा था ये सुनील दत्त के लिए शायद सही चॉइस नहीं हैं, लेकिन जब फिल्म शुरू होती है और परेश रावल सुनील दत्त को पर्दे पर उतारते हैं तो वो छा जाते हैं। जब संजय दत्त जेल में रहते हैं और उनके बेल के लिए सुनील दर-ब-दर भटक रहे होते हैं उस वक्त तो लगता है कि फिल्म के हीरो सुनील दत्त ही हैं। यह फिल्म सिर्फ रणबीर कपूर की नहीं बल्कि परेश रावल की भी है। विक्की कौशल फिल्म की जान हैं, फिल्म में वो संजय दत्त के गुजराती दोस्त की भूमिका में हैं, जो हर वक्त उनका साथ देता है। वो आपको रुलाएंगे भी, हंसाएंगे भी, फिल्म के कई सीन में वो अपने दमदार अभिनय से आपको हैरान कर देंगे। मनीषा कोईराला नरगिस को फिर से जीवंत कर देती हैं। अनुष्का का किरदार फिक्शन है जो दरअसल राजू हिरानी और अभिजात जोशी का मिला जुला रूप है।
फिल्म में एक सीन हैं जहां मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्म के पीछे के सीन का जिक्र है। फिल्म में मुन्ना भाई एमबीबीएस के उस सीन का जिक्र हैं जहां मूवी के अंत में जब सुनील दत्त संजय से कहते हैं- हमेशा मां को जादू की झप्पी देता था आज पिता को भी दे दे और संजय और सुनील दत्त एक दूसरे को गले लगते हैं, उस वक्त दोनों बाप-बेटे सच में रो रहे होते हैं, वो सीन आपको इमोशनल कर देगा।
फिल्म में संजय दत्त की 308 गर्लफ्रेंड का जिक्र है लेकिन कहीं भी उनकी पहली पत्नी ऋचा शर्मा, दूसरी पत्नी रिया पिल्लई और बेटी त्रिशला का जिक्र नहीं है। सोनम कपूर के रूप में रूबी नाम की एक लड़की का जिक्र जरूर है जो उनकी कोई पूर्व प्रेमिका थी। फिल्म में प्रिया दत्त का किरदार भी बहुत कमजोर दिखाया गया है, जबकि रियल लाइफ में हमने देखा है कि वो किस तरह संजू के जेल जाने पर उनके लिए लड़ती रही थीं।
अगर इस फिल्म को बायोपिक की तरह लेते हैं तो ठीक है मगर फिल्म का सेकंड हाफ सिर्फ और सिर्फ संजय की इमेज बिल्डिंग और मीडिया पर आरोप लगाने के लिए बनाया गया है। फिल्म देखकरृ लगता है कि मीडिया ने संजय दत्त के हाथों में एके 56 दी थी। फिल्म का लास्ट वाला गाना तो सिर्फ मीडिया को ट्रोल करने के लिए लिखा गया है। राजकुमार हिरानी बेहतरीन फिल्म मेकर हैं उनसे मुझे और मजबूत फिल्म की उम्मीद थी।
फिल्म में 5 मिनट का एक सीन है जहां रणबीर कपूर, सोनम कपूर और बोमन ईरानी होते हैं, वो पूरा सीन डबल मीनिंग है, अगर आप अपनी फैमिली के साथ यह फिल्म देखने जा रहे हैं तो उस सीन के साथ इम्बैरेस फील कर सकते हैं। इस सीन की जरूरत भी नहीं थी फिल्म में।
संजय दत्त की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ और उनके कोर्ट केस सब कुछ पब्लिक डोमेन में पहले से है, तो ये डिसाइड करना कि फिल्म में क्या रखना है क्या नहीं रखना है ये मुश्किल फैसला रहा होगा। फिर भी राजू हिरानी ने काफी कुछ समेटने की कोशिश की है।
देखें या नहीं? हां जरूर देखिए ये फिल्म आपको अच्छी जरूर लगेगी लेकिन बहुत सारी उम्मीदें लेकर मत जाइएगा। फिल्म को मेरी तरफ से 3.5 स्टार।