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Saheb, Biwi Aur Gangster 3 Movie Review: प्यार, पॉलिटिक्स सब है लेकिन उलझी है फिल्म की कहानी

‘साहेब, बीवी और गैंगस्टर’ का तीसरा भाग ‘साहेब, बीवी और गैंगस्टर 3’ आज बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई। ये कहानी वहीं से शुरू होती है जहां से पिछली फिल्म खत्म हुई थी। साहब जेल में फंसे हैं और उनकी पत्नी राजनीति में पहुंच गईं। उन्हें साथ मिलता है लंदन में रहने वाले एक गैंगस्टर का, जिसके साथ मिलकर वो साहेब का खेल खत्म करना चाहती हैं।

Jyoti Jaiswal
Updated : July 27, 2018 14:00 IST
Saheb, Biwi Aur Gangster Movie Review

Saheb, Biwi Aur Gangster Movie Review

  • फिल्म रिव्यू: साहेब, बीवी और गैंगस्टर 3
  • स्टार रेटिंग: 2 / 5
  • पर्दे पर: 27 जुलाई 2018
  • डायरेक्टर: तिग्मांशु धूलिया
  • शैली: मिस्ट्री-ड्रामा

‘साहेब, बीवी और गैंगस्टर’ का तीसरा भाग ‘साहेब, बीवी और गैंगस्टर 3’ आज बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई। ये कहानी वहीं से शुरू होती है जहां से पिछली फिल्म खत्म हुई थी। साहब जेल में फंसे हैं और उनकी पत्नी राजनीति में पहुंच गईं। उन्हें साथ मिलता है लंदन में रहने वाले एक गैंगस्टर का, जिसके साथ मिलकर वो साहेब का खेल खत्म करना चाहती हैं।

कहानी शुरू होती है और दिखाया जाता है कि साहेब आदित्य प्रताप सिंह यानी जिम्मी शेरगिल जेल में हैं, तिकड़म भिड़ाकर वो जेल से बाहर आते हैं, उनकी बीवी माध्वी सिंह यानी माही गिल राजनीति का जाना माना नाम बन चुकी हैं, साहेब का राजसी रुतबा खो चुका है जिसे पाने के लिए वो कई तरह के खेल रचते हैं। एक खेल साहेब खेलते हैं तो एक खेल बीवी खेलती है। दोनों के खेल के बीच एक गैंगस्टर की एंट्री होती है, उदय प्रताप सिंह यानी संजय दत्त यूरोप में होटल चलाते हैं, वहां घूमने आईं माध्वी देवी से उनकी मुलाकात होती है और फिर इंडिया में भी दोनों मिलते हैं। इसके बीवी साहेब को मारने के प्लान में उदय प्रताप को भी शामिल कर लेती है। ऐसे ही कश्मकश चलते रहते हैं और कहानी आगे बढ़ती है। इस गैंगस्टर की एक प्रेमिका भी है जिसका रोल चित्रांगदा सिंह ने निभाया है।

Saheb, Biwi Aur Gangster Movie Review

Saheb, Biwi Aur Gangster Movie Review

एक्टिंग की बात करें तो जिम्मी शेरगिल फिल्म के असली साहेब हैं उनकी एक्टिंग और डायलॉग डिलिवरी कमाल की है। बीवी बनीं माही गिल भी अपनी एक्टिंग से इम्प्रेस करती हैं। सुहानी बनीं चित्रांगदा सिंह सुंदर तो लगी हैं लेकिन अपने रोल में कमजोर लगी हैं। सबसे ज्यादा निराश संजय दत्त ने किया है। फिल्म में सोहा अली खान भी हैं जिनका कोई रोल ही नहीं है फिल्म में। कबीर बेदी और नफीशा अली जैसे टैंलेंट का भी फिल्म में ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं किया गया है।

हालांकि फिल्म का कहानी इंट्रेस्टिंग है और आगे क्या होने वाला है ये आप सोच भी नहीं सकते हैं। गानों में जबरदस्त पंच है जो दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब होते हैं। पटकथा रोमांचक है लेकिन कई जगह हम ये सोचने लगते हैं कि चल क्या रहा है और निर्देशक दिखाना क्या चाहते हैं।

इस फिल्म को आप एक बार देख सकते हैं, इंडिया टीवी इस फिल्म को दे रहा है 2 स्टार।

-ज्योति जायसवाल

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