- फिल्म रिव्यू: Pink
- स्टार रेटिंग: 4 / 5
- पर्दे पर: Sep 16, 2016
- डायरेक्टर: अनुरुद्ध रॉय
- शैली: थ्रिलर फिल्म
अनिरुद्ध चौधरी के निर्देशन में बनी अमिताभ बच्चन और तापसी पन्नू के अभिनय से सजी फिल्म ‘पिंक’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी ह। दर्शक लंबे वक्त से इस फिल्म की रिलीज का इंतजार कर रहे थे। इस फिल्म की कहानी उन पुरुषों के खिलाफ एक कड़ा संदेश लेकर आई है जो आज भी ऐसा मानते हैं कि महिलाए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नहीं चल पाती। इस फिल्म ने उन लोगों की सोच पर सवाल खड़े कर दिए हैं जो महिलाओं के छोटे कपड़े पहनने और पुरुषों के साथ ड्रिंक पर ही उनके चरित्र का अंदाजा लगा लेते हैं।
कहानी:-
फिल्म की कहानी दिल्ली के पॉश इलाके में रहने आई तीन लड़कियों मीनल (तापसी पन्नू), फलक (क्रीति कुलहाणी) और आंद्रिया (आंद्रिया) के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। एक दिन ये तीनों कुछ कहीं घूमने-फिरने और मस्ती करने की योजना बनाती हैं। तभी एक रॉक कॉन्सर्ट के दौरान इनकी दोस्ती रजवीर और उसके दोस्तो से होती है। इसके बाद वो इन्हें एक रिजॉर्ट में डिनर के लिए आमंत्रित करते हैं और ये तीनों लड़कियां उनके इसे स्वीकार कर लेती है। लेकिन डिनर के दौरान ड्रिंक करना ही इन तीनों लड़कियों के साथ मुसीबत की वजह बन गई। इस बीच इन्हें ऐसा महसूस होने लगता है कि वह लड़के उनके साथ कुछ छेड़खानी करना शुरु कर रहे हैं। आत्मरक्षा करते हुए किसी तरह ये तीनों किसी तरह अपने घर पहुंचीं। लेकिन इनकी जिंदगी में कठिनाइयों का दौर यहीं से शुरु हो जाता है। इन पर प्रोस्टिट्यूशन का आरोप लगाया गया। मामला कोर्ट तक जा पहुंचा। जहां इनका केस दीपक सहगल (अमिताभ बच्चन) लड़ रहे हैं, जो खुद मेन्टल डिसऑर्डर के शिकार हैं। इस दौरान कोर्ट में उनसे तमाम तरह के सवाल किए जाते हैं। उनकी ड्रिंकिंग हैबिट्स और वर्जिनिटी के बारें में सवाल होते हैं। फिल्म में इस कई दिलचस्प मोड आते हैं। इस फिल्म के लिए तो कहा जा सकता है कि हर किसी को एक तो यह फिल्म सिनेमादघरों में जाकर देखनी चाहिए।
अभिनय:-
अभिनय की बात की जाए तो अमिताभ बच्चन की भूमिका को देखकर यह साबित हो जाएगा कि आखिर क्यों वह बॉलीवुड के महानायक कहलाए जाते हैं। वहीं तापसी पन्नू और क्रीति कुल्हारी भी अपने शानदार अभिनय से आपको इसके साथ बांधे रखती हैं।
क्यों देखे:-
शानदार अभिनय और दमदार स्क्रिप्ट से सजी यह फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरी उतरती है। फिल्म में काफी बेहतरीन संवाद हैं जो इसे और ज्यादा रोचक बना देते हैं।