Saturday, November 23, 2024
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पद्मावत मूवी रिव्यू 2.5/5: दीपिका पादुकोण फिल्म की जान हैं, रानी पद्मावती के किरदार में वो बिल्कुल घुस गई हैं।

Padmaavat Movie Review (पद्मावत मूवी रिव्यू ) in hindi: दीपिका पादुकोण फिल्म की जान हैं, रानी पद्मावती के किरदार में वो बिल्कुल घुस गई हैं।पद्मावत पर चल रहे विवाद तो अभी खत्म नहीं हुए लेकिन दर्शकों का इंतजार जरूर खत्म हो गया। आखिरकार पद्मावत बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई

Jyoti Jaiswal
Updated on: February 09, 2018 17:56 IST
padmaavat
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  • फिल्म रिव्यू: पद्मावत
  • स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
  • पर्दे पर: 25 जनवरी 2018
  • डायरेक्टर: संजय लीला भंसाली
  • शैली: पीरियड फिल्म

पद्मावत पर चल रहे विवाद तो अभी खत्म नहीं हुए लेकिन दर्शकों का इंतजार जरूर खत्म हो गया। आखिरकार पद्मावत बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई। सबसे पहले बात विवादों की करते हैं।  करणी सेना ने आरोप लगाया है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी को महाराजा रावल रतन सिंह से ज्यादा महान दिखाया गया है, तो मैं बता दूं ऐसा कुछ नहीं है। अलाउद्दीन को देखकर आपको नफरत हो जाएगी। दूसरा आरोप है कि फिल्म में अलाउद्दीन और रानी पद्मावती के बीच ड्रीम लव सीक्वेंस है- ऐसा कुछ नहीं है सिर्फ एक सीन में शीशे में अलाउद्दीन को पद्मावती की झलक दिखाई जाती है वो भी इतने कम वक्त के लिए कि अलाउद्दीन रानी का चेहरा भी नहीं देख पाता है, जब उसने रानी को देखा ही नहीं तो उन्हें सपने में कैसे देखेगा। तीसरा आरोप है घूमर को लेकर- आरोप है कि रानी पद्मावती की गरिमा के साथ छेड़छाड़ की गई है, उन्हें लोगों के सामने नाचते हुए दिखाया गया है- पहली बात दीपिका पादुकोण ने पूरी आन बान और शान के साथ रानी पद्मावती का किरदार निभाया है।  वो जब पर्दे पर आती हैं तो एक अलग ही रौनक होती थी। दूसरी बात- घूमर गाना आने से पहले फिल्म के ही एक किरदार के जरिए डिस्क्लेमर दे दिया जाता है, घर की जो बड़ी महिला हैं वो कह देती हैं घूमर के वक्त राजा के सिवा कोई और पुरुष नहीं हो सकता है। और जब घूमर होता है और राजा आते हैं तो उनके साथ आए दो सिपाही चेहरा घुमाकर खड़े हो जाते हैं।

जैसी हमें उम्मीद थी, फिल्म के सेट, कॉस्ट्यूम्स और लोकेशन काफी ग्रैंड हैं, आर्ट वर्क कमाल का है। फिल्म के कुछ सीन जैसे अलाउद्दीन खिलजी का एंट्री सीन और फिल्म के अंत में जौहर सीन कमाल का है। इस बार फिलम 3डी में है तो हमें फिल्म देखने में और मजा आता है। 

एक्टिंग की बात करें तो रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी के रूप में छा गए हैं। उन्होंने न सिर्फ भाषा पर कमांड रखा है बल्कि चाल ढाल और अपने हर अंदाज से हमें प्रभावित करते हैं। जिस तरह वो नॉनवेज खाते हैं वो बिल्कुल दैत्य लग हैं। उनकी आंखों में एक चालाकी नजर आती हैं। 

दीपिका पादुकोण फिल्म की जान हैं, रानी पद्मावती के किरदार में वो बिल्कुल घुस गई हैं, बहुत ही खूबसूरत लगी हैं वो। हालांकि भाषा पर उनकी कमांड उतनी अच्छी नहीं थी। कहीं कहीं वो राजस्थानी बोल रही हैं तो कहीं कहीं हिंदी बोलने लग जाती हैं।

शाहिद कपूर ने एक्टिंग अच्छी की है। उनके हिस्से काफी अच्छे अच्छे डायलॉग आए हैं जो उन्होंने बहुत अच्छे से बोले हैं। राजस्थानी भाषा पर पकड़ भी है। लेकिन मुझे लगता है शाहिद इस रोल के लिए सही चॉइस नहीं थे। राजा रतन सिंह के लिए जो सीन लिखे गए थे वो कहीं से भी अलाउद्दीन खिलजी से कम नहीं थे, लेकिन शाहिद अपनी कद काठी की वजह से रणवीर सिंह से मात खा रहे थे।

अदिति राव हैदरी अलाउद्दीन की बेगम के रोल में है, उनके हिस्से जितना भी रोल था वो उन्होंने बखूबी निभाया है। उनके चेहरे पर एक रॉयलिटी नजर आई है। जिम सर्भ ने भी अच्छा अभिनय किया है।

संजय लीला भंसाली ने देवदास, हम दिल दे चुके सनम और बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्में बनाकर हमारी उम्मीदें काफी बढ़ा दी हैं, यह फिल्म वास्तव में उतनी अछ्ची नहीं बन पाई है जितनी हमें इससे उम्मीद थी। फिल्म का फर्स्ट हाफ बहुत खिंचा हुआ सा लगता है, स्लो लगी है फिल्म, कहानी में कुछ खास नहीं था ।

बाजीराव मस्तानी में जिस तरह प्रियंका ने काशी बाई का किरदार प्ले किया था जो कई सीन में मस्तानी पर भारी पड़ी थीं, इस बार भी फिल्म में एक और कैरेक्टर है जिसपर भंसाली ने बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। राजा रतन सिंह की बड़ी रानी का किरदार प्ले करने वाली एक्ट्रेस बहुत कमजोर लगी है, और पहले उसका किरदार बुरा था फिर अचानक जौहर के लिए वो तैयार हो जाती है... उसके किरदार में कैसे बदलवा आया इस पर कोई सीन ही नहीं था।

फिल्म के एक सीन में रणवीर सिंह कहते हैं जितनी तुमने तारीफ की है उतनी नायाब न निकली पद्मावती तो तुम्हारे टुकड़े हो जाएंगे, ये सच है जितनी बातें हुई हैं पद्मवाती पर फिल्म उतनी नायाब नहीं निकली। मेरी तरफ से इस फिल्म को 2.5 स्टार।

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