Thursday, November 21, 2024
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Laal Kaptaan Movie Review: सैफ अली खान की दमदार एक्टिंग, लेकिन उबाऊ है 'लाल कप्तान'

अगर आप 'लाल कप्तान' का ट्रेलर देख कर ये सोच रहे हैं कि मूवी का कॉन्सेप्ट बहुत डिफरेंट और अच्छा है तो आप गलत साबित हो सकते हैं। उम्दा कलाकारों के होने के बावजूद फिल्म वो कमाल नहीं दिखा पाई।

Sonam Kanojia
Updated on: October 18, 2019 18:06 IST
Saif Ali Khan in Laal Kaptaan

Saif Ali Khan in Laal Kaptaan

  • फिल्म रिव्यू: लाल कप्तान
  • स्टार रेटिंग: 2 / 5
  • पर्दे पर: Oct 18, 2019
  • डायरेक्टर: नवदीप सिंह
  • शैली: ड्रामा

'एक भले आदमी ने मुझसे कहा था कि मौत की तैयारी पैदा होते ही शुरू हो जाती है... आदमी के पैदा होते ही काल भैसे पर चढ़कर चल पड़ता है उसे लिवाणे...' सैफ अली खान की मूवी 'लाल कप्तान' की शुरुआत इसी डायलॉग से होती है। फिल्म में दो चीजें हैं, एक बदला और दूसरा काल। पूरी कहानी इसी के इर्द गिर्द घूमती रहती है, लेकिन अगर आप ये सोच कर फिल्म देखने गए हैं कि कहानी में कोई ट्विस्ट या क्लाइमैक्स देखने को मिलेगा, तो शायद आपको निराशा हाथ लग सकती है।

ये है फिल्म की कहानी

'लाल कप्तान' मूवी की कहानी सदियों पुरानी पृष्ठभूमि पर बनी हुई है। इसमें हर तरफ लड़ाई, झगड़ा, मार-काट और खून खराबा दिखाया गया है। सैफ अली खान ने एक नागा साधु का किरदार निभाया है, जिसे सब गोंसाई बोलते हैं। दूर-दूर के गांव के लोग उसका नाम सुनते ही सहम जाते हैं। वो बदला लेना चाहता है। सालों से एक क्रूर शासक रहमत खान (मानव विज) की तलाश में जुटा हुआ है। फिल्म के फ्लैशबैक में दिखाया गया है कि एक बच्चे और उसके पिता को फांसी से लटकाने का कारण रहमत खान है, लेकिन गोंसाई उससे इसी बात के लिए बदला लेना चाहता है, ये बात क्लियर नहीं होती है। दीपक डोबरियाल एक जासूस की भूमिका में हैं, जबकि जोया हुसैन मिस्ट्री वुमेन हैं। सोनाक्षी कम समय के लिए ही पर्दे पर आई हैं।

फिल्म की कमियां

NH10 जैसी फिल्म बना चुके निर्देशक नवदीप सिंह इस बार पीरियॉडिक मूवी लेकर आए, जिसमें आज के जमाने की झलक देखने को मिलती है। अगर ये कहें कि उन्होंने 'लाल कप्तान' में एक एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश की है तो ये कहना गलत नहीं होगा, लेकिन निराश करने वाली बात ये है कि दर्शकों को ये एक्सपेरिमेंट पसंद नहीं आ रहा है। नवदीप इस फिल्म में वो कमाल नहीं कर पाएं, जो उन्होंने अपनी पहले की मूवीज में किया है। फिल्म की पूरी कहानी बदला लेने के ऊपर गढ़ी गई है, लेकिन अंत में आपको जब पता चलता है कि ये बदला किसलिए था, तब तक देर हो चुकी होती है। सुस्त गति की वजह से फिल्म दर्शकों को बांधने में कामयाब नहीं होती है।

एक्टिंग

'ओमकारा' जैसी फिल्मों में दमदार एक्टिंग करने वाले सैफ अली खान ने 'लाल कप्तान' में भी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है। वो पहली बार नागा साधु के किरदार में नज़र आए हैं। उनकी डायलॉग डिलीवरी भी बेहद शानदार है। 'तनु वेड्स मनु' फिल्म में 'पप्पीजी' का रोल निभाने वाले एक्टर दीपक डोबरियाल ने यहां भी शानदार एक्टिंग की है। 'अंधाधुंध' में पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाने वाले मानव विज ने निगेटिव रोल में जान डाल दी है, जबकि जोया हुसैन ने भी ठीक-ठाक परफॉर्मेंस दी है।

अगर आप सैफ अली खान के फैन हैं तो फिल्म देखने जा सकते हैं, लेकिन आपको बहुत सब्र के साथ सिनेमाघर में ढाई घंटे तक बैठना पड़ेगा। इंडिया टीवी इस फिल्म को 5 में से 2 स्टार देता है।

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