- फिल्म रिव्यू: Kill Movie Review: कमजोर दिलावलों के लिए नहीं बनी है 'किल', वायलेंस और खून-खराबे में 'एनिमल' को छोड़ा पीछे
- स्टार रेटिंग: 4 / 5
- पर्दे पर: 5 जुलाई, 2024
- डायरेक्टर: निखिल नागेश भट
- शैली: एक्शन-थ्रिलर
किसी भारतीय एक्शन फिल्म में स्टार पर कम और कहानी पर ज्यादा ध्यान फोकस किया गया हो, ऐसा रेयर ही देखा गया है। बॉलीवुड फिल्मों में इंटरनेशनल फिल्मों में देखी जाने वाली ग्राफिक वायलेंस के स्तर को शायद ही कभी छूते देखा गया है, क्योंकि एक्शन फिल्मों आमतौर पर मुख्य घटना पर नहीं,बल्कि किसी कहानी की पृष्ठभूमि पर ज्यादा फोकस किया जाता है। हालांकि, निखिल नागेश भट्ट की 'किल' इस परंपरा से हटकर है। लेकिन, फिल्म की कहानी बिलकुल सिंपल है। 'किल' के डायरेक्टर ने फिल्म के सीक्वेंस पर पकड़ बनाए रखने और दर्शकों की हड्डियों को कंपा देने वाली इस रोमांचक कहानी के लिए सामान्य डांस और सॉन्ग सीक्वेंस को पीछे छोड़ दिया है। फिल्म की कहानी दिल्ली जा रही एक ट्रेन के इर्द-गिर्द घूमती है। किल का प्लॉट बेहद सिंपल है- ट्रेन में अच्छे लोगों और बुरे लोगों के बीच लड़ाई। फिल्म का प्लॉट तो बेहद सीधा है, लेकिन किल एक जेनर डिफाइनिंग फिल्म है जो भारतीय सिनेमा की बढ़ती साहसी भावना को दिखाती है।
कहानी
लक्ष्य लालवानी स्टारर 'किल' की कहानी दिल्ली जा रही एक ट्रेन में हुए एक भयानक घटनाक्रम को दिखाती है। फिल्म की कहानी एक कपल अमृत (लक्ष्य लालवानी) और तूलिका (तान्या मानितचसा) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक-दूसरे से बेतहाशा प्यार करते हैं। अमृत एक मिशन से लौटता है, जिसे पता चलता है कि उसकी गर्लफ्रेंड तूलिका की किसी और से सगाई हो गई है। तूलिका को सरप्राइज करने के लिए अमृत अपने एक आर्मी फ्रेंड वीरेश के साथ उस ट्रेन में चढ़ता है, जिसमें तूलिका और उसका परिवार सफर कर रहे हैं। ये जर्नी तब परेशानियों से भर जाती है, जब फानी और उसका गिरोह तूलिका को किडनैप कर लेता है। इसके बाद अमृत तूलिका को बचाने के लिए जो मार-काट मचाता है कि इसे देखकर अच्छे-अच्छों के हाथ-पैर ठंडे पड़ जाएं। तूलिका को बचाने और साथ ही साथ सह-यात्रियों की सुरक्षा के लिए अमृत क्या करता है? अमृत और तूलिका का प्यार अपनी अंतिम मंजिल तक पहुंचेगा या नहीं? फिल्म के अंत तक आपके सभी सवालों का जवाब मिल जाएंगे।
निर्देशन और लेखन
'किल' की खासियत है कि यह किसी बैकड्रॉप पर समय बर्बाद नहीं करती। यह तुरंत काम में लग जाती है और दर्शकों को सर्वाइवल की एक लड़ाई में धकेल देती है। एक्शन कोरियोग्राफी क्रूर और बैलेस्टिक है, जिसमें जॉन विक से लेकर द रेड: रिडेम्पशन तक का प्रभाव है। अमृत ट्रेन के तंग डिब्बों और यहां तक कि तेज रफ्तार ट्रेन के ऊपर भी झगड़े करता है, जिससे क्लौस्ट्रफ़ोबिया और तनाव बढ़ जाता है। स्टंट का काम प्रभावशाली है, जिसमें एक्टर कुछ ऐसे सीन करते दिखाई दे रहे हैं, जिसे देखकर लगता है कि शरीर से हड्डियां बाहर आ जाएंगी। लेकिन, सावधान रहें, 'किल' कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है। इसमें कोई शक नहीं कि 'किल' शानदार है और इसमें खून जमा देने वाले बेहद खतरनाक सीन हैं, लेकिन यह सबके देखने के बस की फिल्म नहीं है।
किल सिर्फ एक गोरफेस्ट से कहीं अधिक है। फिल्म के पहले दस मिनट, जहां हीरो अपनी गर्लफ्रेंड की सगाई में पहुंच जाता है, उसके बाद आने वाले खूनी सीनों से इतने अलग हैं कि यदि आप कहानी से अनजान होते तो आपके लिए यह विश्वास करना मुश्किल होगा कि वे उसी फिल्म का हिस्सा हैं। भले ही ड्रामा और इमोशनल एलिमेंट्स किल का प्राइमरी फोकस नहीं हैं, लेकिन हर एक्शन सीक्वेंस उचित है। आप अपने आप को हर एक हेडशॉट के लिए चीयर करने से नहीं रोक पाएंगे। फिल्म में केवल एक गाना है, जो अंत में दिखाई देता है।
एक्टिंग और परफॉर्मेंस
अमृत के रोल में लक्ष्य ने बेहद शानदार परफॉर्मेस दी है। अमृत, एक सोल्जर की शांत शक्ति का प्रतीक है, जिसका आत्मसंयम स्थिति के गंभीर होने के साथ-साथ बढ़ता जाता है। उनके किरदार की फइजिकल डिमांड साफ है और लक्ष्य ने इसे पूरे लगाव के साथ किया है। उनका कैरेक्टर विशेष रूप से उन सीन में सम्मोहक है, जहां वह शांत हैं क्योंकि उनकी आंखें उनके इमोशन्स की एक सीरीज को व्यक्त करती हैं। एक्शन सीक्वेंस कहीं भी ओवर नहीं लगते। उनका किरदार एक कमांडो का है, जो इस कहानी और 40 गुंडों के साथ अकेले लड़ने में सक्षम है।
फानी के रूप में राघव जुयाल शानदार हैं। उन्होंने अपने सामान्य कॉमेडी परसोना को छोड़कर एक ऐसा किरदार निभाया है जो रोमांचकारी है। उनका अनप्रिडिक्टेबल व्यवहार, डार्क ह्यूमर और मोनोलॉग उन्हें एक शानदार विलेन बनाते हैं। राघव जुयाल ने इस किरदार में इतनी ऊर्जा भर दी है कि यह दर्शको को बांधे रखने में कामयाब हो जाता है। आशीष विद्यार्थी द्वारा अभिनीत उनके पिता के साथ उनके दृश्य उनके व्यक्तित्व पर एक नजर डालता है और उनके चरित्र में गहराई जोड़ते हैं।
तूलिका के रूप में तान्या मानिकतला, लक्ष्य और जुयाल के शक्तिशाली प्रदर्शन के बीच उभरकर सामने आती हैं। तान्या, तूलिका के किरदार को एक ताकत और डिटरमिनेशन से भर देती है, जिससे उनका चरित्र अमृत के गुस्से का उत्प्रेरक बन जाता है। लक्ष्य के साथ स्क्रीन पर उनकी उपस्थिति अराजकता के बीच शांति की भावना लाती है। लगातार एक्शन के बीच भी मुख्य अभिनेताओं के बीच की केमिस्ट्री स्पष्ट है।
किल के सपोर्टिंग कलाकार भी तारीफ के काबिल हैं। आशीष विद्यार्थी, हर्ष छाया, अभिषेक चौहान, और अन्य लोग अपने शानदार प्रदर्शन के साथ कहानी को बढ़ाते हुए, मुख्य किरदारों को मजबूत समर्थन देते हैं।
फैसला
किल बॉलीवुड के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह भारतीय फिल्म में एक्शन सिनेमा की सीमाओं को आगे बढ़ाता है, और अधिक कठोर, अधिक हिंसा को अपनाने की इच्छा को दिखाता है। 1 घंटे 55 मिनट की इस फिल्म में दर्शकों को सिर्फ किल ही किल देखने को मिलता है। फिल्म में डकैती की कहानी आपने सुनी होंगी, लेकिन किल आपके पैरों तले जमीन खिसका देगी। फिल्म को देखने के कई कारण हैं, पहला तो इसकी रफ्तार, दूसरा फिल्म के एक्शन और तीसरा इसका प्रेजंटेशन। जिन दर्शकों को एक्शन फिल्में देखने का शौक है, उनके लिए ये एक मस्ट वॉच फिल्म है। लेकिन, इसके कुछ सीन्स के लिए आपको मजबूत दिल का होना जरूरी है। यह फिल्म 5 जुलाई 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।