- फिल्म रिव्यू: कारवां
- स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
- पर्दे पर: 3 अगस्त 2018
- डायरेक्टर: आकर्ष खुराना
- शैली: ड्रामा
अविनाश राजपुरोहित (दुलकर सलमान) एक आईटी कंपनी में काम करता है, जहां उसका मन नहीं लगता है, एक दिन उसके पास फोन आता है कि उसके पिता की एक बस एक्सीडेंट में डेथ हो गई है, वो बॉडी लेने जाता है लेकिन उसे गलत बॉडी मिल जाती है। अब वो सही बॉडी लेने और गलत बॉडी देने अपने दोस्त शौकत (इरफान खान) के साथ बैंगलुरू से कोच्चि जाता है। उसके बाद रास्ते में उसे जिंदगी के बहुत सारे सबक मिलते हैं। फिल्म में इरफान खान की बेहतरीन कॉमेडी और तीनों ही एक्टर इरफान, दुलकर सलमान और मिथिला पालकर की बेहतरी एक्टिंग देखने को मिलेगी। लेकिन क्या ये फिल्म देखने लायक है, आइए आपको बताते हैं।
फिल्म में ऐसा बहुत कुछ होता है जिसे हम और आप शायद इत्तेफाक ना रखें, जैसे कहां आपने देखा है कि कोई डेडबॉडी के कॉफिन के पास बैठकर सिगरेट पिए, या फिर अंतिम संस्कार होते ही मटन-कोरमा की पार्टी करना। बात सिर्फ इतनी नहीं है कि आप इत्तेफाक नहीं रखते इन चीजों से- फिल्म बहुत स्लो चलती है, जिसे आम पब्लिक नहीं झेल सकती है। फिल्म हमें जिंदगी के सबक भी देती है, लेकिन ये सबक गौरी शिंदे की फिल्म 'डिअर जिंदगी' में ज्यादा बेहतरीन तरीके से दिया गया है।
कारवां फिल्म बिखरी हुई है जिसमें कसावट की जरूरत थी। फिल्म में सिर्फ इरफान खान हैं जिनकी वजह से आप यह फिल्म देख सकते हैं। उनकी एक्टिंग और कॉमेडी शानदार है। फिल्म में उनकी एक प्यारी सी लव स्टोरी भी है, जिसमें थोड़ा ट्विस्ट है, जिसे आप एन्जॉय करेंगे।
अगर आप इरफान खान के फैन हैं तो उनके लिए यह फिल्म देख सकते हैं, वर्ना ये फिल्म एक सामान्य फिल्म बनकर रह गई है। मेरी तरफ से इस फिल्म को 2.5 स्टार।