- फिल्म रिव्यू: जंगली
- स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
- पर्दे पर: 29 मार्च, 2019
- डायरेक्टर: चक रसेल
- शैली: एक्शन-एडवेंचर
जानवर मासूम होते हैं अगर आप उनसे अच्छा व्यवहार करते हैं तो वह भी आपसे प्यार करते हैं। मगर अपने फायदे के लिए जानवरों को मारना ठीक नहीं होता है। जानवरों की त्वचा या उनके शरीर के कुछ अंगों की आज भी तस्करी होती है। विद्युत जामवाल (Vidyut Jamwal) की फिल्म जंगली(Junglee) भी आपको जंगल में ले जाती है। जहां हाथी के दांत की तस्करी के लिए उन्हें मार दिया जाता है। फिल्म को हॉलीवुड के डायरेक्टर चक रसेल ने डायरेक्ट किया है। चक द मास्क', 'इरेज़र' और 'द स्कोर्पियन किंग' के लिए जाने जाते हैं। फिल्म में विद्युत के साथ पूजा सावंत, आशा भट, अतुल कुलकर्णी और अक्षय ओबेरॉय अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। फिल्म में जानवर और इंसान की दोस्ती के साथ ही हाथी के दांत की तस्करी के मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचा गया है।
कहानी
यह कहानी राज नायर(विद्युत जामवाल) की है जो एक जानवरों का डॉक्टर है। राज को जानवरों से बहुत प्यार होता है। उसका बचपन जानवरों के साथ खासकर हाथियों के साथ गुजरा होता है। राज मुंबई में डॉक्टर होता है और 10 साल बाद अपने घर चंद्रिका अपनी मां की बर्सी के लिए जाता है। राज के पिता चंद्रलिका में ही हाथियों की सेंचुरी संभालते होते हैं । जहां जाकर उसे पता चलता है कि जंगल में हाथी के दांत की तस्करी की वजह से हाथियों को मारा जा रहा है। इसी बीच राज के दोस्त भोला जो की एक हाथी है उसे मार दिया जाता है। जिसके बाद राज हाथी के दांत की तस्करी रोकने और हाथियों को बचाने में लग जाता है। जिस बीच आपको विद्युत का शानदार एक्शन देखने को मिलता है।
एक्टिंग
परफार्मेंस की बात करें तो इस बार विद्युत अपनी एक्टिंग से खास कमाल नहीं दिखा पाए। उनका केरेक्टर कई बार आपसे डिसकनेक्ट हो जाता है। एक्शन हर बार की तरह शानदार है। वहीं शिकारी के रुप में अतुल कुलकर्णी हर बार की तरह इस बार भी अपने किरदार में ढले हुए नजर आए। पूजा सावंत की एक्टिंग अच्छी थी। वह अपने किरदार को बखूबी निभाती नजर आईं। वहीं पूजा भट एक जर्नलिस्ट का किरदार निभा रही थीं। वह पूरी फिल्म में बस हर चीज रिकॉर्ड ही करती नजर आई हैं।
डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। फिल्म बहुत ही ब्राइट लगती है। फिल्म में चक रसेल ने एनिमेशन की जगह असली जानवरों को लिया गया है। हरियाली आपको खुश कर देती है। मगर कहानी में बहुत कुछ छूटा हुआ महसूस होता है क्योंकि आप खुद को कहानी से जोड़ नहीं पाते हैं।
म्यूजिक
समीर उद्दीन ने फिल्म का म्यूजिक दिया है। म्यूजिक आपको कहानी से जोड़ने में काफी मदद करता है। बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है।
अगर आपको जानवरों से प्यार है तो आप इस वीकेंड यह फिल्म देख सकते हैं। अगर आप यह फिल्म ना भी देखते हैं तो इस वीक कुछ ज्यादा मिस नहीं कर रहे हैं।
इंडिया टीवी इस फिल्म को देता है 5 में से 2.5 स्टार।
देखें, फिल्म का ट्रेलर...