- फिल्म रिव्यू: Jai Gangaajal
- स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
- पर्दे पर: Mar 4, 2016
- डायरेक्टर: प्रकाश झा
- शैली: एक्शन
हॉलीवुड में अपनी खास पहचान बनाने में व्यस्त प्रियंका चोपड़ा की फिल्म 'जय गंगाजल' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यह वर्ष 2003 में आई फिल्म 'गंगाजल' का सीक्वल हैं जिसमें अजय देवगन मुख्य किरदार निभाते हुए नजर आए थे। इस बार फिल्म को वुमन सेंट्रिक रखा गया है जिसमें प्रियंका बहादुरी गुंडों का सफाया करती हुई नजर आ रही हैं। प्रकाश झा के निर्देशन में बनी इस फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों से पहले ही काफी सरहाना हासिल हो चुकी हैं। इस फिल्म में खास बात यह है कि फिल्म के निर्देशक प्रकाश झा ने इससे अभिनय क्षेत्र में दम रखा है।
कहानी:
फिल्म की कहानी शुरु होती है बिहार के बांकेपुर जिले से जहां अध्यक्ष बब्बू पांडे (मानव कॉल) की हुकुमत चलती है और उसका भाई डब्लू पांडे (निनाद कामत) अपने भाई के बल पर पूरे दादागिरी करता है। सबसे ज्यादा परेशानी की बात है कि जिले की पुलिस भी इन गुड़ों के साथ मिली हुई है क्योंकि उन्हें उनकी मुंह मांगी कीमत मिल जाती है। इसी दौरान जिले में एसपी आभा माथुर (प्रियंका चोपड़ा) को भेजा जाता है जो इन सभी गुड़ो का सामना करके जनता इंसाफ दिलाने के लिए कदम उठाती है। क्या आभा माथुर अकेले ही इन गुड़ो का सामना करती रहेगी? क्या वह अपने मकसद में कामयाब हो पाएगी? ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों तक जाना होगा।
अभिनय:
फिल्म में अभिनय की बात की जाए तो प्रियंका ने एसपी के किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारा हैं और उनसे उम्मीद भी यही की जा रही थी कि, वह फिल्में के हर एक्शन सीन और एक महिला एसपी की भूमिका में पूरी तरह से खरी उतरेंगी। लेकिन इस फिल्म से अभिनय की शुरुआत करने वाले प्रकाश झा से इतनी बेहतरीन अदाकारी की उम्मीद नहीं की गई थी। फिल्म में उन्होंने एक भ्रष्टाचारी पुलिस वाले का किरदार निभाया है जिसमें उन्होंने पूरी तरह से खुद को ढाल लिया है और उन्हें देखकर ऐला लगा ही नहीं वह पहली बार अभिनय कर रहे हैं। फिल्म के किरदारों के साथ इसकी डायलॉगबाजी भी काफी बेहतरीन हैं।
समीक्षा:
वर्ष 2003 में आई अजय देवगन की फिल्म 'गंगाजल' के सीक्वल के तौर पर इसे देखा जाए तो इसने उस फिल्म के मुकाबले कुछ भी खास देखने को नहीं मिला फिल्म की स्टोरी पुरानी बॉलावुड फिल्मों जैसी मालूम होती हैं जिसमें जिले के सभी गुंड़े मिलकर लोगों पर अत्याचार करते हैं और अचानाक एक पुलिस ऑफिसर उनका मसीहा बनकर आ जाता है। अजय देवगन की फिल्म को दर्शकों और फिल्म समीक्षकों दोनों से ही खूब सरहाना हासिल हुई थी। हालांकि फिल्म में प्रियंका और प्रकाश झा की अदाकारी काबिल-ए-तारीफ है। फिल्म की कहानी से मैच करता हुआ इसमें म्यूजिक दिया गया है जो वाकई काफी अच्छा है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि फिल्म आपको बोर तो नहीं करेगी इसे एक बार तो जरूर देखा जा सकता है।