- फिल्म रिव्यू: Guns & Gulaabs Review
- स्टार रेटिंग: 3 / 5
- पर्दे पर: 18 अगस्त 2023
- डायरेक्टर: राज और डीके
- शैली: एक्शन, क्राइम और थ्रिलर
'फैमिली मैन' और 'फर्जी' जैसी धांसू वेब सीरीज डायरेक्ट करने वाले राज और डीके की जोड़ी ने एक बार फिर गर्द उड़ा दिया है। 'गन्स एंड गुलाब्स' 70-80 के दशक की माफिया वाली फिल्मों की याद दिलाती है, जिसमें माफिया की दुनिया के धमाकेदार किस्से होते थे। फिल्म की कहानी में अफीम की समगलिंग, मर्डर, एक्शन और धमाका सब देखने को मिलेगा। सीरीज देखने के बाद अमिताभ बच्चन से लेकर मिथुन की एक्टिंग आपको याद आ जाएगी। गुल्शन देवैया का किरदार तो 'दीवार' के अमिताभ बच्चन की याद दिलाने वाला है।
कैसे हैं रोल?
सात एपिसोड वाली इस सीरीज में चार मुख्य किरदार हैं। टीपू के रोल में राजकुमार राव नजर आ रहे हैं। राजकुमार राव के कैरेक्ट को पाना से लोगों का कत्ल करते दिखाया गया है। वहीं दूसरा अहम रोल है चार कट आत्माराम, जिसको गुलशन देवैया ने निभाया है। इसका नाम चार कट आत्माराम इसलिए है क्योंकि ये चार छेद करने के बाद मारता है। अब आते हैं तीसरे किरदार पर, जिसे दुलकर सलमान ने निभाया है। दुलकर का किरदार ऑफिसर अर्जुन का है, जो एक पुलिसवाला है। ये किरदार अफीम गैंग का सफाया करने में लगा नजर आता है। आखिर में है छोटा गनची का किरदार, जिसका पिता अफीम माफिया है और वो बेटे से भी यही कराना चाहता है। छोटा गनची का किरदार आदर्श गौरव ने निभाया है।
कितनी दमदार है एक्टिंग?
अब आते हैं चारों की एक्टिंग पर। वैसे तो चारों ही अपने आप में कमाल के एक्टर्स हैं, लेकिन लीड रोल में राजकुमार राव आपका दिल जीत लेंगे। इतना ही नहीं राजकुमार राव ने बखूबी एक माफिया का गेटअप अपनाया है। राज कुमार राव की एक्टिंग काफी रियल लग रही है। ऐसे में हमेशा की तरह उनका काम इस बार भी शानदार है। वहीं गुलशन देवैया का रोल जितना जरूरी है उतना ही छोटा भी। कुल 8-10 डायलॉग में ही गुलशन अपनी ऐसी छाप छोड़ते हैं कि उनके लिए तालियां तो जरूर बनती हैं। गुलशन की एक्टिंग इस कदर गजब की है कि आप कहेंगे कि काश ये थोड़ा और नजर आते। बात करें दुलकर की तो वो भी मंझे हुए एक्टर हैं और उनका काम भी शानदार है। वो एक पॉजिटिव छाप छोड़ रहे हैं। वहीं आदर्श गौरव ने भी जबरदस्त एक्टिंग की है। उनके काम की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। उन्होंने छोटा गनची के किरदार के साथ पूरा इंसाफ किया है।
टी जे भानु यहां इंग्लिश टीचर चंद्रलेखा के किरदार में हैं। बॉलीवुड की ग्लैमरस हीरोइनों से उनकी छवी बिल्कुल अलग है। पूरी सीरीज में एक्टिंग पर ही उनका फोकस रहा है। सतीश कौशिक अफीम माफिया के सरगना के किरदार में हैं। भले ही अब सतीश इस दुनिया में नहीं है, लेकिन एक्टिंग के मामले में उनका सिक्का आज भी चलता है। इस सीरीज में भी उनकी क्लासिक एक्टिंग लोगों का दिल जीत लेगी।
कैसी है स्क्रिप्ट
अब बात करते हैं सीरीज की स्क्रिप्ट और सिनेमेटोग्राफी की। सिनेमेटोग्राफी जितनी दमदार है, उसके आगे कहानी थोड़ी कमजोर पड़ती है। कहानी को पूरी तरह से एक्टर्स ने कंधा दिया है। अगर सीरीज में खराब एक्टिंग होती तो शायद ये कम पसंद आती। गालियों की भरमार उतनी नहीं है, जितनी राज और डीके की वेब सीरीज 'फर्जी' में देखने को मिली थी। फिर भी कुछ सीन ऐसे हैं जहां आपके कान खड़े हो जाएंगे, यानी सीरीज में ताबड़तोड़ गालिया हैं। सीरीज का डायरेक्शन भी काफी हद तक स्क्रिप्ट की कमियों की भरपाई कर रहा है। कुल मिलाकर चारों लीड एक्टर्स के लिए ये सीरीज देखी जा सकती है, लेकिन हां ये एक फैमिली ड्रामा नहीं है।
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