- फिल्म रिव्यू: गली बॉय
- स्टार रेटिंग: 3.5 / 5
- पर्दे पर: 14 फरवरी 2019
- डायरेक्टर: ज़ोया अख़्तर
- शैली: म्यूजिक-ड्रामा
Gully Boy Movie Review: ज़ोया अख्तर की फिल्म 'गली बॉ़य' एक ऐसे रैपर की कहानी है जो मुंबई के वास्तव में एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी की गलियों से निकलकर ना सिर्फ मुंबई में बल्कि पूरे देश और दुनिया में छा जाना चाहता है। यह कहानी मुराद की है जिसके पिता ने बुढ़ापे में दूसरी शादी कर ली है। मां के साथ हुई नाइंसाफी और बाप के ताने से परेशान मुराद (रणवीर सिंह) के अंदर एक आग है उसे बस एक चिंगारी की जरूरत है जो उसे रैपर एमसी शेर (सिद्धांत चतुर्वेदी) से मिलती है।
मुराद अपनी परेशानियों पर कविता बनाकर उन्हें एक डायरी में लिखता है, एक दिन उसके कॉलेज में रैपर एमसी शेर परफॉर्म करता दिखता है, बस मुराद की मुराद पूरी हो जाती है उसे पता चल जाता है कि जिंदगी में उसे चाहिए क्या और फिर उसके अंदर का लावा फूटकर बाहर आता है। आगे जो कुछ भी बोता है वो बहुत प्रिडिक्टिबल है, लेकिन जोया ने जिस तरह से इस कहानी को पर्दे के सामने प्रस्तुत किया है वो आपको निराश नहीं करेगा।
बॉलीवुड में लंबे वक्त से कोई अच्छी म्यूजिकल फिल्म नहीं बनी है। इम्तियाज अली की 'रॉकस्टार' के बाद 'गली बॉय' एक ऐसी फिल्म बन पड़ी है जो लोगों के दिलों तक उतरेगी। यह एक प्योर म्यूजिकल फिल्म है, जो मुंबई के स्ट्रीट रैपर डिवाइन और नाज़ी की रियल लाइफ पर आधारित है। और अब जब यह फिल्म देखेंगे तो आप भी यही कहेंगे- बहुत हार्ड!
रणवीर पिछले साल के अंत में सिंबा के साथ आए थे, उस फिल्म में जहां वो दमदार पुलिसवाले के रोल में दहाड़ते हैं यहां वो कॉलेज बॉय बने हैं, और उनकी एक्टिंग इतनी शानदार है कि आपको यकीन हो जाएगा कि वो गली बॉय ही हैं। रणवीर का अग्रेशन उनकी आंखों में नजर आता है, जिस तरह शांत रहकर उन्होंने अभिनय किया है आप उनके फैन नहीं भी होंगे तो हो जाएंगे। फिल्म में आलिया भट्ट का रोल काफी कम है वो रणवीर की गर्लफ्रेंड सफीना के रोल में हैं, थोड़े से स्क्रीन टाइम में भी उन्होंने कमाल कर दिया है, जोया अख्तर की भी तारीफ करनी होगी कि उन्होंने आलिया के लिए स्ट्रॉन्ग रोल लिखा और रैप पर आधारित फिल्म होने के बावजूद लड़कियों के वजूद और आलिया के सर्जन बनने की स्टोरी पर भी ध्यान दिया है।
सबसे ज्यादा अपने अभिनय से जो चौंकाते हैं वो हैं सिद्धांत चतुर्वेदी। फिल्म में वो एमसी शेर के रोल में हैं, जो मुराद को उसकी मंजिल तक पहुंचाने का काम करता है। सिद्धांत इनसाइड एज वेब सीरीज में नजर आ चुके हैं उसमें वो दब्बू लड़के के रोल में थे, लेकिन यहां वो बिल्कुल असली रैपर लगे हैं, कई सीन में तो वो रणवीर सिंह पर भी भारी पड़ते हैं।
विजयराज फिल्म में रणवीर के पिता के रोल में हैं, कॉमेडी फिल्मों से अलग हटकर गंभीर रोल में देखना अच्छा लगता है। फिल्म में कल्कि कोचलिन भी हैं और उनका रोल भी काफी अच्छा है।
ज़ोया अख्तर की डिटेलिंग की भी खास तारीफ होगी, उनकी इस फिल्म के हर किरदार की बोली भाषा बिल्कुल कन्विंसिंग है। इस फिल्म जिस तरह की मुंबईया भाषा बोली गई है वो सिर्फ आएला-गएला तक ही सीमित नहीं है बल्कि उसे कहीं आगे की है। फिल्म के लिए ज़ोया ने जिस तरह की मेहनत की है वो आप तक पहुंचती भी है। फिल्म की लोकेशन हो या गाने जोया ने सबको रॉ रखा है और वो काफी असर भी करता है।
ये फिल्म रैपर डिवाइन और नेज़ी की रियल लाइफ पर बेस्ड है, इस फिल्म के म्यूजिक में उनका बड़ा योगदान है, क्योंकि इस फिल्म में उनके असल गाने ही लिए गए हैं और उसमें ज्यादा फेर बदल भी नहीं किया गया है।
फिल्म का निर्देशन जोया अख्तर ने किया है, इस फिल्म की कहानी जोया ने रीमा कागती के साथ मिलकर लिखी गई है। इस फिल्म में गरीबी के अलावा ड्रग्स, घरेलू हिंसा और लड़कियों की स्थिति पर भी बात करती है।
फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बहुत मजबूत है। जब भी बैकग्राउंड में गाना बजता है आपका इंट्रेस्ट बढ़ जाता है अब आगे क्या होने वाला है।
कमियां
अब दिक्कत यह है कि फिल्म हर चीज की गहराई में उतरने के चक्कर में कई बार बहुत स्लो हो गई है, फिल्म लंबी है इसे और छोटी और क्रिस्प रखी जा सकती थी।
देखें या नहीं?
फिल्म शुरू में स्लो चलती है सेकंड हाफ में स्पीड पकड़ती है लेकिन फिर से स्लो हो जाती है, फिर भी अंत तक आते आते फिल्म खुद को संभाल लेती है। और कहते हैं अंत भला तो सब भला। फिल्म आपका दिल जीतेगी और अगर आपको सपने देखना और उन्हें पूरा करना भी सिखाएगी। इंडिया टीवी इस फिल्म को दे रहा है 5 में से 3.5 स्टार।
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