- फिल्म रिव्यू: घूमर
- स्टार रेटिंग: 3 / 5
- पर्दे पर: अगस्त 18, 2015
- डायरेक्टर: आर. बाल्की
- शैली: स्पोट्स ड्रामा
Ghoomar Review: 'पा', 'चुप', 'पैडमैन' और 'चीनी कम' जैसी कई दमदार फिल्मों की सौगात देने वाले निर्देशक आर. बाल्की एक बार फिर दर्शकों के लिए नई फिल्म 'घूमर' लेकर आए हैं। बॉलीवुड में स्पोस्ट्स बेस्ड स्टोरी पर कई बार फिल्में बनी और सुपरहिट हुई हैं। खिलाड़ियों की बायोपिक जैसे- 'एम एस धोनी', 'मैरी कॉम' और '83' के मामले में भी इंडस्ट्री ने कई बेहतरीन फिल्मों को पेश किया है। अब एक बार फिर अभिषेक बच्चन और सैयामी खेर के साथ आर बाल्की ऐसी ही कहानी लेकर सामने आए हैं, जिसमें निराशा और हताशा है, जिसमें उर्जा और उत्साह है, जिसमें जिंदगी से लड़ने का जज्बा है। तो आइए जानते हैं एक हाथ वाली लड़की को क्रिकेट सिखाने की कहानी पर बनी ये फिल्म कैसी है...
कैसी है फिल्म की कहानी
'घूमर' एक महिला क्रिकेटर की असाधारण यात्रा को दर्शाने वाली फिल्म है, जिसके जीवन में एक ऐसा हादसा होता है जिसमें उसका दायां हाथ कट जाता है और केवल बायां हाथ रह जाता है। सैयामी इस फिल्म में बाएं हाथ की स्पिनर हैं। लेकिन एक्सीडेंट के बाद वह डिप्रेशन से जूझती है और आत्महत्या करने की कोशिश करत है। लेकिन तभी अभिषेक का किरदार पैडी उनकी जिंदगी में प्रवेश करता है। अभिषेक बच्चन को भी परफेक्ट किसी कोच की तरह नहीं है। वह भी अपने अतीत के कारण डिप्रेशन और नशे की लत का शिकार है। लेकिन उसे भी इस लड़की को ट्रेनिंग देते हुए अपनी जिंदगी का मकसद मिलता है। फिल्म को देखते हुए कई बार आपकी आंखें भीग जाएंगी, तो कई बार आपको भी अपनी जिंदगी की मुश्किलों से लड़ने का हौसला मिलेगा।
अभिषक बच्चन की एक्टिंग ने जीता दिल
कोच की भूमिका में अभिषेक ने एक बार फिर दिल जीता है। अभिषेक ने कहानी को नई ऊर्जा से भर दिया है, डिप्रेस्ड होकर भी अंदर एक खिलाड़ी के जिंदा बनाए रहने वाले शख्स के तौर पर उन्होंने हर सीन में उर्जी भर दी है। जब अभिषेक अपने मोनोलॉग के साथ मंच पर आते हैं तो फिल्म अपने चरम पर पहुंच जाती है।
सैयामी खेर के ट्रांसफॉर्मेशन ने चौंकाया
फिल्म में सैयामी का ट्रांसफॉर्मेशन शानदार है। दरअसल सैयामी रियल लाइफ में भी क्रिकेट खेलती हैं इसलिए एक होनहार बल्लेबाज और एक स्पिनर का किरदार निभाना उनके लिए काफी अच्छा मौका था। सैयामी का किरदार आपको हर शॉट और एंगल के साथ दर्द का एहसास कराता है। एक हाथ कट जाने के बाद उनकी बेबसी और फिर मैदान पर खेलते हुए उनकी उर्जा कमाल की लगी है। वहीं अंगद बेदी और शबाना आजमी ने भी अपनी एक्टिंग से फिल्म को दमदार बनाया है।
अमिताभ बच्चन के फैंस के लिए है खास
फिल्म में अमिताभ बच्चन का कैमियो चार चांद लगाता है। फिल्म में कॉमेंट्रेटर के रूप में वह नजर आते हैं और जिस तरह से वह स्क्रीन पर आते ही एक एनर्जी का डोज देते हैं वह किसी ट्रीट से कम नहीं है
कैसा है डायरेक्शन
आर बाल्कि के डायरेक्शन की बात की जाए तो इस बार भी वह हमेशा की तरह परफेक्ट हैं। कई जगह कहानी में वह बिना किसी डायलॉग के स्क्रीन पर अपना जादू चलाकर और स्टार्स की आंखों से सब कह देते हैं। फिल्म कहीं बोर या स्लो महसूस नहीं कराती, अगर आपको क्रिकेट और सिनेमा दोनों से प्यार है तो आप इस फिल्म के साथ बेहतरीन 2.15 मिनट बिताने वाले हैं।
कैसी है फिल्म
'घूमर' महज एक फिल्म नहीं है; यह एक ऐसी कहानी है जो हर शख्स को जीने और जीतने की उम्मीद देती है। यह फिल्म अभिषेक बच्चन के करियर में एक मील का पत्थर साबित होगी।