- फिल्म रिव्यू: Furious 7
- स्टार रेटिंग: 3 / 5
- पर्दे पर: 2 APRIL, 2015
- डायरेक्टर: जेम्स वान
- शैली: एक्शन
क्या है कहानी?
कहानी है कठोर हत्यारा डेकार्ड शॉ (जेसन सटेथेम) की जो डॉम (विन डीजल) और उसके साथियों के खिलाफ बदले की साजिश रच रहा है जिन्होंने पिछली फिल्म में उसके भाई को इनटेंसिव केयर यूनिट में पहुंचा दिया था। एक सीक्रेट गवर्नमेंट ऑपरेटिव (कर्ट रसेल) शॉ को ढ़ूंढ निकालने में डॉम को मदद ऑफर करता है, पर बदले में वो एक कीमती सर्विलांस डिवाइस चाहता है जो आतंकियों के हाथ लग चुका है।
क्या है जीत के मूल मंत्र?
2001 में शरूआत हुई एक्शन फिल्म फास्ट एंड फ्यूरियस अब एक फ्रेंचाईज़ी बन चुकी है और अब अपने 7वें भाग के साथ सिनेमा घरों में है। लेकिन न जाने क्यों पहले तीन भागों के बाद फास्ट एंड फ्यूरियस की बाकी कहानियां अंत तक आते-आते कमजोर पड़ जाती है। बावजूद इसके इस फिल्म के दिल दहला देने वाले स्टंट्स आपको बांधे रखते है।
7वें भाग में भी ऐसा ही देखने को मिलता है। जेम्स वान, जो ‘सॉ’ के डायरेक्टर रहे हैं, ने बिल्कुल निराश नहीं किया है। फिल्म को जिस उत्साह की जरूरत थी वान ने उस चीज को फिल्म में डाला है।
फिल्म में जो महत्वपूर्ण है वो है एक्शन और स्टंट सीन। इन सीन्स में ट्रकलोड्स का इस्तेमाल किया गया है। ऊंची ईमारतों से कूदती कार और पहाड़ियों के बीच दौड़ते ये ट्रक आपको हैरान कर देते हैं।
जो इस फिल्म को इसकी पिछली फिल्मों से अलग बनाती है वो है इसकी इमोशनल एंगल। ब्रायन ओ 'कॉनर के तौर पर ये पॉल वॉकर की आखिरी फिल्म है। फिल्म के प्रोडेक्शन के बीच में ही उनकी दुखद मौत के बावजूद भी पॉल वॉकर इस फिल्म का अहम हिस्सा हैं, जिसका श्रेय जाता है फिल्म में खूबी से इस्तेमाल किए गए बॉडी डबल्स और सीजीआई इफेक्ट को। आपकी आंखें भर आएंगी जब फिल्म के अंत में उनके किरदार को अलविदा कहा जाता है।
आखिरी राय़
एक्शने के प्रेमियों के लिए ये फिल्म फिट बैठती है। साथ ही ये पॉल वॉकर की आखिरी फिल्म है, इस बात को मानकर ये फिल्म एक बार जरूर देखी जा सकती है।