- फिल्म रिव्यू: दृश्यम 2
- स्टार रेटिंग: 4 / 5
- पर्दे पर: November 18, 2022
- डायरेक्टर: अभिषेक पाठक
- शैली: क्राइम थ्रिलर
Drishyam 2 Movie Review: अजय देवगन की फिल्म 'दृश्यम 2' शुरू होते ही एक टोन सेट कर देती है। निशिकांत कामत के निर्देशन में बनी 'दृश्यम' से हम अक्टूबर 2014 की घटनाओं और उसके बाद की घटनाओं को याद किए हुए हैं। वहीं अब अभिषेक पाठक की फिल्म 'दृश्यम 2' में दिख रहा है कि सलगांवकर परिवार सात साल बाद क्या कर रहा है। दर्शकों को भी बीते साल से इंतजार था कि आखिर इस फिल्म में क्या होने वाला है। फिल्म का खुमार दर्शकों पर ऐसा था कि आज तक इस फिल्म का फेमस 2 अक्टूबर का डायलॉग लोगों को याद है। फिल्म देखने से पहले यहां देखें इसका डिटेल रिव्यू।
कहानी
फिल्म की शुरुआत वहीं से होती है जहां पहले पार्ट की कहानी थी। 4 लोगों का भरा-पूरा सलगांवकर परिवार खुशी-खुशी रह रहा होता है लेकिन सालों बाद भी जब उनका सामना गोवा पुलिस से होता है तो उनके मन में डर आ जाता है। फिल्म की शुरुआत को देखकर लगता है कि सब कुछ सही है लेकिन यहीं आप मात जाएंगे। क्योंकि अभी तो पूरी कहानी है आगे, जिसे आप सोच भी नहीं सकते। फिल्म में दिखता है कि विजय सलगांवकर बने अजय देवगन केबल ऑपरेटर से एक थिएटर के मालिक बन चुके हैं, विजय की एक फिल्म बनाने की इच्छा है। विजय के पड़ोसी लाउड दिखाए गए हैं। दूसरी ओर, देशमुख परिवार अशांत है, महेश (रजत कपूर) अपने बेटे की मौत से बाहर आ चुके हैं लेकिन मीरा (तब्बू) नहीं।
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वहीं विजय की बड़ी बेटी अंजू (इशिता दत्ता) को एंजायटी अटैक आते हैं और इस सब के बीच गोवा में एसपी तरुण अहलावत (अक्षय खन्ना) की एंट्री होती है जो कि मीरा(तब्बू) के दोस्त भी हैं। अक्षय इस केस की दोबरा छानबीन शुरू करते हैं और एक बार फिर पुलिस को लाश खोजने की तलाश में लगा देते हैं। क्या इस बार पुलिस विजय के परिवार का सच सामने ला पाएगी? क्या मीरा देशमुख को विजय के परिवार का सच और बेटे की मौत का सच पता चल पाएगा? इन सवालों के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
डायरेक्शन
'दृश्यम 2' के डायरेक्टर अभिषेक पाठक ने कमाल का काम किया है। फिल्म का क्लाइमैक्स आपका दिल जीत लेगा। एक वक्त ऐसा आएगा की आप अपनी सीट पर बैठे-बैठे आगे की कहानी जानने के लिए अपने नाखून भी चबाने लगेंगे। फिल्म जब पेस पकड़ती है तो आखिर तक आपको सीट पकड़े रखने के लिए मजबूर कर देगी। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर इसकी जान है, जो कि हर सीक्वेंस दिलचस्प बनाता है।
एक्टिंग
अजय देवगन ने इस बार भी विजय के किरदार में जान फूंक दी है। अक्षय भी जांच अधिकारी के रूप में आपको हैरान कर देंगे। तब्बू और अजय जब स्क्रीन पर साथ दिखते हैं जो एक अलग ही रोमांच होता है। सौरभ शुक्ला, नेहा जोशी, कमलेश सावंत, योगेश सोमन ने भी जबरदस्त अभिनय का परिचय दिया है। फिल्म में ऐसा दिखाया जाता है कि हमारी सहानभूति सलगांवकर परिवार के साथ हो जाती है, खासकर जब हम स्क्रीन पर नंदिनी (श्रिया सरन), अंजू (इशिता दत्ता) और अनु (मृणाल जाधव) को देखते हैं।
कुल मिलाकर फिल्म में कुछ ही पार्ट है जो आपको लगेंगे कि ये क्यों हैं बाकी फिल्म आपको सीट से उठने नहीं देगी। आपने इस फिल्म का पहला पार्ट देखा ही होगा तो आप इस पूरे केस को एक चश्मदीद गवाह की तरह ही देख रहे होंगे, ऐसे में फिल्म का अंत देखकर आप ताली जरूर बजाएंगे। Drishyam 2 का क्लाइमेक्स सबसे अच्छे क्लाइमेक्स में से एक है। अगर आपको दृश्यम देखने में मजा आया, तो आप इसके सीक्वल को खूब इंजॉय करेंगे।