Friday, November 22, 2024
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दो लफ्जों की कहानी

Do Lafzo Ki Kahani movie review starring Kajal Aggarwal and Randeep Hooda is here. Read it full.


Updated on: June 10, 2016 18:01 IST
Do Lafzo Ki Kahani
Do Lafzo Ki Kahani
  • फिल्म रिव्यू: Do Lafzo Ki Kahani
  • स्टार रेटिंग: 2 / 5
  • पर्दे पर: June 10, 2016
  • डायरेक्टर: दीपक तिजोरी
  • शैली: रोमांटिक फिल्म

दीपक तिजोरी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘दो लफ्जों की कहानी ’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। रणदीप हुड्डा और काजल अग्रवाल के अभिनय से सजी इस फिल्म से दीपक को काफी उम्मीदें थीं। लेकिन फिल्‍म की कहानी कमजार है, जब आप फिल्‍म देख रहे होते हैं तो ऐस लगता है कि आप कोई पुरानी फिल्‍म देख रहे हो। ऐसे में फिल्‍म की दमदार स्‍टार कॉस्‍ट और बेहतरीन लोकेशन भी फिल्‍म का भला करती नजर नहीं आती है। फिल्‍म की कहानी उसकी कमजोड़ कड़ी है और यहीं वह जगह है जहां निर्देशक दीपक तिजोरी चूक गए हैं। गौरतलब है कि इस फिल्म को भी कोरियन फिल्म 'ऑलवेस' से प्ररित होकर बनाया गया है।

कहानी:-

फिल्म की कहानी सूरज (रणदीप हुड्डा) और जेनी (काजल अग्रवाल) के बारे में है। सूरज एक अनाथ बच्चा है जो बड़ा होकर फाइटर बन जाता है लेकिन कुछ वजहों से वह फाइटिंग छोड़ देता है और दिन रात मेहनत करके अपना गुजर बसर करता है। इसी बीच उसकी जिंदगी में एक नेत्रहीन लड़की जेनी आती है। दोनों की रोज किसी न किसी वजह से मुलाकात होने लगती है और इनके बीच नजदीकियां बढ़ती जाती हैं। एक दिन जब सूरज, जेनी से अपने प्यार का इजहार करने और उसे अंगूठी पहनाने जा रहा होता तो उसे पता चलता है कि जाने-अनजाने में उसी की वजह से जेनी की आंखों की रोशनी गई थी। अब सूरज किसी भी तरह से उनकी आंखो की इलाज करवाना चाहता है। अब वह जेनी की आंखो की रोशनी वापस लाने के लिए क्या-क्या जद्दोजहद करता है इसे देखने के लिए आपको सिनेमाघरों तक जाना होगा।

अभिनय:-

फिल्म में रणदीप और काजल के बीच शानदार कैमेस्ट्री देखने को मिलती है। रणदीप इसमें एक प्रेमी और फाइटर की किरदार निभाते हुए नजर आए हैं। इस फिल्म में भी कहा जा सकता है कि उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं काजल की भूमिका के बारे में बात करें तो उन्होंने भी एक अंधी लड़की के किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारा है।

निर्देशन:-

दीपक तिजोरी ने फिल्म में एक लव स्टोरी दिखाने का काफी अच्छा प्रयास किया है। लेकिन कमजोर पटकथा और धीमी गति होने के कारण फिल्म दर्शकों को थोडी बोरिंग लग सकती है। फिल्म में ऐसा कुछ खास नजर नहीं आता जो दर्शकों को आकर्षित कर सके।

संगीत:-

फिल्म का संगीत इसके रिलीज होने से पहले ही काफी लोकप्रिय हो चुका है। इसके गानों की वजह से दर्शक फिल्म के साथ बंधे रह सकते हैं।

क्यों देखें:-

रणदीप को इस फिल्म में पहली बार एक रोमांटिक हीरो के तौर पर देखा जा सकता है। कहानी कमजोर है लेकिन काजल और रणदीप की शानदार कैमेस्ट्री के लिए एक बार तो इसे देखा जा सकता है।

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