Monday, November 25, 2024
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दिलवाले

Dilwale movie review starring Shah Rukh Khan, Kajol, Varun Dhawan, Kriti Sanon is here. Read it full.


Published on: December 18, 2015 16:41 IST
Dilwale
Dilwale
  • फिल्म रिव्यू: Dilwale
  • स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
  • पर्दे पर: 18 DEC, 2015
  • डायरेक्टर: रोहित शेट्टी
  • शैली: एक्शन-कॉमेडी

आखिरकार शाहरुख खान और काजोल की जोड़ी या शाहरुख खान और रोहित शेट्टी की जोड़ी एक बार फिर अपना जादू बिखेरने के लिए सिनेमाघरों में आ गई है। जाहिर तौर पर दर्शकों को बेसब्री से इसका इंतजार काफी समय से था। एक्शन और रोमांस से भरपूर, दिलवाले सिर्फ एक्शन की रेसिपी आपके सामने पेश नहीं करती बल्कि रिश्तों की इमोशनल बागदौड़ के बारे में भी बात करती है। फिल्म ट्रेलर से इतना तो पता चल ही गया था, लेकिन क्या फिल्म आखिर में आपको रूझा पाती है। चलिए आपको बताते हैं -

फिल्म की कहानी-

बुल्गरिया में वीर (वरुण धवन) को इशिता (कृति सेनन) से एक नजर में प्यार हो जाता है और शादी के लिए वीर अपने बड़े भाई राज (शाहरुख़ खान) से इजाजत लेना चाहता है। राज एक आदर्श भाई है और बुल्गरिया में वो एक गराज चलाता है। लेकिन उनकी जिंदगी इतनी सिंपल नहीं है जितनी वो बाहर से दिखती है। फिल्म बीच-बीच में हमें फ्लैशबैक मे ले जाती है जिसमें हमें राज और मीरा (काजोल) की मुलाकात से लेकर जुदाई के बारे में पता चलता है। राज का कल 15 वर्ष बाद उसके वर्तमान में तब आता है जब उसे ये पता चलता है कि इशिता असल में मीरा की बहन है। क्या है राज का कल? क्यों मीरा और राज हुए थे जुदा?  क्या होगा जब राज के छोटे भाई को उसके हैरान करने वाले कल के बारे में पता चलेगा? फिल्म इन सभी सवालों के जवाब आपके सामने पेश करती है

समीक्षा-

सबसे पहले आपको बता दें कि ये फिल्म आदित्य चोपड़ा की एवरग्रीन फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ से बिल्कुल अलग है। लेकिन दिलवाले में शाहरुख और काजोल का वहीं जादू है जो 20 साल पहले और इतने वर्षों में उन दोनों की आई बाकी फिल्मों में देखा गया है। इन पर बात करने से पहले आपको बता हैं इन दोनों के अलावा और क्यों कोई वजह नहीं है फिल्म के देखने के लिए।

हालांकि रोहित शेट्टी का अपनी एक शैली है जिसके लिए वो जाने जाते है और वर्षों से उसने हमारा मनोरंजन किया है। लेकिन इस बार वो अपनी पटकथा में कुछ ज्यादा ही ढ़ील दे गए हैं और एक एवरग्रीन जोड़ी पर कुछ ज्यादा ही भरोसा। कहानी की कोई मंजिल नहीं है और अगर है तो उस तक पहुंचने के लिए खूब समय बर्बाद करती हैं। एक गलतफहमी को दूर करने के लिए भला कोई क्यों हमें 2 घंटे 40 मिनट तक टहलाता फिरता है, ये समझ से बाहर है। फिल्म का दूसरा हॉफ तो जबरन घंसीटा गया है और अंत तो एक दुर्घटना के दर्द की तरह है। ऐसे नुक्सान की भरपाई रोहित शेट्टी अपने एक्शन और कॉमेडी से पूरी करने की कोशिश करते है, लेकिन वो हर बार कारगर नहीं साबित होता।

कारगर साबित होता है तो वो हैं कुछ पल जो शाहरुख-काजोल और शाहरुख-वरुण के बीच दर्शाय गए हैं। शाहरुख-काजोल की केमेस्ट्री में वो ही ताजगी है जो पहले थी और समय के हिसाब से उसमें और निखार आया है। इन्हें हम देखते हुए बड़े हुए हैं और एक बार फिर उन्हें बड़े पर्दे पर देखना तो जैसे हमारी खुशनसीबी है। उन दोनों में चंचलता और हंसी-मजाक आज भी उतना ही सुहवना है जितना पहले था। कुछ बनावटी नहीं, बस लगता है जैसे ये दोनों उस पल को जी रहे हैं। लेकिन अंत तक आते-आते फिल्म कहीं न कहीं जादू की भी फीक कर देती है। लेकिन तब तक आप उन दोनों का काफी लुफ्त उठा चुके होते हो।

वरुण और शाहरुख का ब्रोमेंस भी दिल का छू जाने वाला। वो सीन जहां वरुण फिल्म में भाई के लिए अपने प्यार को कुरबान करने की बात करता है रोंगटे खड़े कर देने वाला है। वरुण शर्मा, जॉनी लीवर, बोनम इरानी, संजय मिश्रा इस फिल्म को बोझिल बनने से रोकने के लिए लाया गया था, लेकिन संजय मिश्रा के सिवाए कोई भी इस कोशिश में पूरा कामयाब नहीं होता है। फिल्म में कुछ हंसी के फुंवारे जरूर हैं और इसीलिए भी फिल्म को देखना एक बुरा सौदा नहीं हैं।

कुल मिलाकर दिलवाले अपनी कॉमेडी और शाहरुख-काजोल की केमेस्ट्री की वजह से काम करती है। इससे ज्यादा उम्मीद और इसपर ज्यादा दिमाग लगाना, समझदारी वाला काम नहीं होगा। वहीं अगर आप कुछ ठोस चीज की तलाश कर रहे है, तो आप कुछ और देखें।

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