- फिल्म रिव्यू: उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक
- स्टार रेटिंग: 3 / 5
- पर्दे पर: 11 जनवरी 2019
- डायरेक्टर: आदित्य धर
- शैली: थ्रिलर-ड्रामा
उरी मूवी रिव्यू 2019: How's The Josh? (जोश कैसा है) मेजर विहान शेरगिल के रोल में विक्की कौशल फिल्म में कई बार अपने सिपाहियों से यह सवाल पूछते हैं और जवाब मिलता है 'हाई सर'। सिर्फ सिपाहियों का ही नहीं फिल्म देखने वालों का जोश भी फिल्म देखते वक्त हाई रहता है। बॉलीवुड में कई फिल्में बनी हैं जो सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं, 'उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक' भी उनमें से एक हैं। 18 सितंबर को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारत के उरी में अटैक किया था जिसमें भारत के 19 सैनिक शहीद हो गए थे, उसी का बदला लेने के लिए भारत ने 10 दिन के अंदर पाकिस्तानी ऑकुपाइड कश्मीर में घुसकर बदला लिया था। बिना एक भी कैजुअलिटीज के भारत ने एलओसी क्रॉस करके उन आतंकियों के ठिकानों पर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। निर्देशक आदित्य धर ने यह फिल्म उसी सर्जिकल स्ट्राइक पर बनाई है।
जब हम न्यूज पढ़ते या सुनते हैं तो हम सुनते हैं कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की, या भारत ने सफलतापूर्वक पोखरण का परीक्षण किया, तो हम राहत की सांस लेते हैं, तारीफ करते हैं, लेकिन इन बड़े ऑपरेशन्स में कितने लोगों की मेहनत और दिमाग लगता है, कई अपने सपनों का बलिदान देेते हैं, और सर्जिकल स्ट्राइक में तो भारतीय सेना के जवान ग्राउंड पर उतरे थे, कैसे उन लोगों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है यह सब बारीकी हमें यह फिल्म दिखाती है।
यह फिल्म है इसलिए इसमें बहुत सारी फिल्मी छूट भी ली गई है, बहुत सारे फिल्मी एलीमेंट्स लिए गए हैं, लेकिन इन सबके बावजूद यह फिल्म आपको एहसास कराती है कि वास्तव में सर्जिकल स्ट्राइक का मतलब क्या है, और एक सिपाही का देश के लिए लड़ना क्या होता है। फिल्म के कुछ सीन कुछ ज्यादा ही फिल्मी हो गए हैं जिन्हें हम गले से सीधा उतार नहीं पाते हैं, जैसे गरुड़ वाले सीन, और नर्स की जगह खुफिया अफसर को भेजने वाले सीन यह फिल्म को थोड़ा कमजोर बनाते हैं।
एक्टिंग
एक्टिंग में तो विक्की कौशल माहिर हैं, अपना काम उन्होंने बखूबी निभाया है, वो मेजर विहान शेरगिल के रोल में हैं, फिल्म में मोहित रैना भी हैं वो थोड़ी देर के लिए ही पर्दे पर हैं लेकिन अपने रोल में छा गए हैं। इनके अलावा कीर्ति कुल्हारी, यामी गौतम और परेश रावल ने भी फिल्म को बेहतरीन तरीके से निभाया है।
म्यूजिक
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक आपको बांधे रखता है, हालांकि फिल्म के गाने यादगार नहीं हैं अगर कोई मधुर गाना होता तो शायद लंबे समय तक याद रखा जाता।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन आदित्य धर ने किया है यह उनकी डेब्यू फिल्म है लेकिन ऐसा कहीं भी नहीं लगा है कि वो पहली बार फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। इस फिल्म में प्यार-रोमांस और देशभक्ति भरे लंबे लंबे डायलॉग्स बोले जा सकते थे उसकी पूरी गुंजाइश भी थी लेकिन निर्देशक आदित्य धर इन सबसे बचे हैं और इसके लिए उनकी तारीफ करनी होगी। उरी कोई महान फिल्म नहीं है, लेकिन ऐसी फिल्में जरूरी हैं जो आपको एहसास दिलाती रहें कि आप चैन से घर में सो रहे हैं तो कोई देश का सिपाही सरहद की रक्षा कर रहा है।
देखें या नहीं?
बिल्कुल देखिए और बच्चों को भी यह फिल्म दिखाइए, ऐसी फिल्मों से उनके मन में देश के लिए कुछ करने की सीख जरूर मिलेगी।
स्टार रेटिंग-
इस फिल्म को इंडिया टीवी की तरफ से 3 स्टार।
चलते-चलते फिल्म के कुछ डायलॉग्स पढ़ लीजिए-
फर्ज़ और फर्ज़ी में बस एक मात्रा का फर्क होता है.
पाकिस्तान जो भाषा समझता है, उसी भाषा में उसको समझाने का समय अब आ गया है.
ये हिंदुस्तान अब चुप नहीं बैठेगा, ये नया हिंदुस्तान है. ये घर में घुसेगा भी और मारेगा भी.
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