Thursday, November 21, 2024
Advertisement

जसवंत सिंह बनकर क्या अक्षय कुमार दिखा पाए खदानों में काम करने वालों की असल कहानी, जानें कैसा है Mission Raniganj का रिव्यू

अक्षय कुमार की फिल्म 'मिशन रानीगंज' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा, अक्षय कुमार की पत्नी का किरदार निभा रही हैं। अगर आप भी थिएटर में जाकर 'मिशन रानीगंज' देखना चाहते हैं, तो उससे पहले ये रिव्यू जरूर पढ़ ले।

sarika swaroop
Updated on: October 06, 2023 11:42 IST
Mission Raniganj, akshay kumar
Photo: X 'मिशन रानीगंज' का पोस्टर।
  • फिल्म रिव्यू: मिशन रानीगंज
  • स्टार रेटिंग: 3.5 / 5
  • पर्दे पर: 6 अक्टूबर, 2023
  • डायरेक्टर: टिनू सुरेश देसाई
  • शैली: हिस्टोरिकल थ्रिलर ड्रामा

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार और परिणीति चोपड़ा स्टारर फिल्म 'मिशन रानीगंज' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है।इस फिल्म में अक्षय कुमार जसवंत गिल के किरदार में नजर आ रहे हैं, जो एक माइनिंग इंजीनियर थे। फ़िल्म की कहानी जसवंत गिल की सच्ची कहानी पर आधारित है। जिन्होंने वेस्ट बंगाल के कोलमाइन की बाढ़ में फंसे 65 लोगों की जान बचाई थी। 'एयरलिफ्ट', 'स्पेशल 26' और 'बेबी' जैसी फिल्में करने के बाद अक्षय 'मिशन रानीगंज' के जरिए एक और रियल हीरो की कहानी दुनिया को बताने के लिए आ गए हैं, जिसके बारे में बहुत से लोग जानते नहीं हैं। यह फिल्म कैसी है? इसकी कहानी कैसी है? अक्षय कुमार का किरदार कैसा है? जानने के लिए पढ़िए हमारा ये रिव्यू।

 'मिशन रानीगंज' की कहानी

फिल्म की कहानी की शुरुआत होती है रानीगंज से जहां दिखाया जाता है कि कैसे वहां के लोग कोयले के खदान में काम करके अपनी गुजर- बसर कर रहे होते हैं। एक मजदूर अपनी मेहनत की कमाई से अपने घर टीवी लेकर आता है, जिसपर महाभारत देखने के लिए उसके घर पूरा गांव इकट्ठा हो जाता है। सब इस दौरान काफी ख़ुश नजर आते हैं। दूसरी तरफ जसवंत सिंह गिल (अक्षय कुमार) अपनी प्रेग्नेंट पत्नी निर्दोष (परिणीति चोपड़ा) के साथ रानीगंज आते हैं। कोलकाता के रानीगंज में जसवंत बतौर कोल इंडिया लिमिटेड के रेस्क्यू इंजिनीयर काम कर रहे थे।

माइन में फंसे 71 लोग

अब असल कहानी शुरू होती है जब कोयले के खदान में काम करने वाले मजदूर खुशी- खुशी नाईट शिफ्ट के लिए जा रहे होते हैं। खदान के अंदर लगभग 71 लोग जाते हैं। इसके बाद नीचे माइन में ब्लास्ट किया जाता है, जिसके बाद अचानक माइन में पानी रिसने लगता है। धीरे-धीरे पानी का बहाव बहुत तेज़ हो जाता है। उसमें 350 फीट नीचे 71 मजदूर फंस जाते हैं।हालांकि शुरुआत में 6 मजदूरों ने अपना दम तोड़ दिया था। इसके बाद नीचे फंसे 65 लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी अक्षय कुमार यानि की जसवंत सिंह गिल अपने कंधों पर लेते हैं। जो कि माइनिंग इंजीनियर होने के साथ-साथ रेस्क्यू ट्रेन्ड ऑफिसर भी हैं। 

लोगों को बचाने के लिए जसवंत सिंह गिल ने किया कैप्सूल तैयार 

इधर इस मुश्किल पारिस्थिति को सुलझाने के वहां मौजूद बड़े- बड़े ऑफ़िसर्स पूरी एड़ी- चोटी का जोर लगा देते हैं। लेकिन वो असफल रहते हैं।समय कम है और काम ज़्यादा। गांव के लोग भी घबराए हुए हैं क्योंकि उनके घर का सदस्य नीचे कोल माइन में फंसा हुआ है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी कोई जुगत काम नहीं आ रही थी। ऐसे में गिल साहब को एक आइडिया आता है। वो एक कैप्सूल तैयार करते हैं। जसवंत सिंह गिल को शुरू में कोई गंभीरता से नहीं लेता है लेकिन खदान के स्थानीय प्रबंधन को उसमें उम्मीद नजर आती है। पारंपरिक तकनीक से इतर प्रयोग करने में उसका साथ देने वाले तकनीशियन की मदद से एक और एक ग्यारह बनते हैं। काम शुरू होता है।इस बीच कारोबारी रंजिश रखने वाले कुछ लोग चाहते हैं कि ये मिशन किसी तरह सफल न हो। अड़ंगे लगाए जाते हैं। साजिशें रची जाती हैं। अब ऐसे में जसवंत सिंह गिल कितने मजदूर बचा पाते हैं।ये जानने के लिए आपको थिएटर जाकर ‘मिशन रानीगंज’ जरुर देखनी चाहिए। 

फिल्म की स्टार कास्ट कैसी हैें?

इस फिल्म में अक्षय कुमार, अक्षय कुमार नहीं लग रहे हैं।उन्होंने अपने इस किरदार पर काफी मेहनत की है। लुक से लेकर भाषा, सब अलग है।इस फिल्म में अक्षय कुमार के किरदार को देखकर ये कहना गलत नहीं होगा कि अब अक्षय बॉक्स ऑफिस का मोह छोड़, कायदे की कहानियां चुनने पर ध्यान दे रहे हैं। भले ही ये फिल्म करोड़ों का कलेक्शन ना कर पाए लेकिन, इस फिल्म के जरिए जो रियल हीरो की कहानी अक्षय ने लोगों तक पहुंचाई है वो अपने आप में भी एक बहुत बड़ी बात है। वहीं इस फ़िल्म में परिणीति चोपड़ा भी जसवंत सिंह गिल की पत्नी के किरदार में काफी जच रही हैं। फिल्म में उनकी पंजाबी एक्टिंग लोगों को काफी हद तक पसंद आ सकती है। वहीं इनके अलावा कुमुद मिश्रा , पवन मल्होत्रा , वरुण बडोला , दिब्येंदु भट्टाचार्य , राजेश शर्मा , वीरेंद्र सक्सेना , अनंद महादेवन , जमील खान , सुधीर पांडे , रवि किशन जैसे एक्‍टर्स ने अपने-अपने क‍िरदार से कहानी को और भी दमदार बनाने का काम क‍िया है। रवि किशन का किरदार इस फिल्म में देखने लायक है। भोला के किरदार में नजर आए रवि किशन ने भी इस फिल्म में अपनी एक्टिंग से जान डाल दी है।वहीं खदान में फंसे सपोर्टिंग किरदारों ने भी उम्दा काम किया है। 

फ़िल्म का डायरेक्शन

 'मिशन रानीगंज' को टिनू सुरेश देसाई ने डायरेक्ट किया है। कहानी का विषय ही ऐसा ही कि यदि इसे अच्छी तरह से प्रजेंट नहीं किया जाता तो इसकी आत्मा खत्म हो जाती। यहां निर्देशक टीनू सुरेश देसाई की तारीफ करनी होगी। देसाई ने फिल्म के पहले शॉट से लेकर क्लाइमैक्स तक पकड़ बनाए रखी है। बता दें कि टिनू ने अक्षय कुमार को लेकर 'रुस्तम' फिल्म भी बनाई है। इस फिल्म के लिए अक्षय को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। अब उन्होंने 'मिशन रानीगंज' बनाई है। 'मिशन रानीगंज' फ़िल्म देखनी चाहिए 'मिशन रानीगंज' 18 साल पहले कि उस दुनिया में ले जाती है, जब मजदूरों के सामने मौत थी और उनकी आस सिर्फ जसवंत सिंह गिल थे। अगर आप अच्छी कहानी और रोमांचक ड्रामे को पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपके लिए है, इसे जरुर देखें।

Advertisement
Advertisement
Advertisement