- फिल्म रिव्यू: भावेश जोशी
- स्टार रेटिंग: 2 / 5
- पर्दे पर: June 1, 2018
- डायरेक्टर: विक्रमादित्य मोटवानी
- शैली: एक्शन ड्रामा फिल्म
बॉलीवुड अभिनेता हर्षवर्धन कपूर के अभिनय से सजी फिल्म 'भावेश जोशी' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। बता दें कि यह उनकी दूसरी फिल्म है। 'उड़ान' और 'ट्रैप्ड' जैसी फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवानी अब अपनी एक अनोखी कहानी लेकर आए हैं। दरअसल यह मुंबई के पानी स्कैम पर आधारित है।
कहानी:-
फिल्म की कहानी कुछ ऐसे यंगस्टर्स की है जो भ्रष्टाचार से परेशान होकर इसे हटाने की हर संभव कोशिश करते हैं। ये कहानी तीन दोस्तों सिकंदर खन्ना (हर्षवर्धन कपूर), भावेश जोशी (प्रियांशु पेनयुली) और रजत (आशीष वर्मा) के इर्द-गिर्द घूमती है। एक साधारण तरीके से ये तीनों भ्रष्टाचार से लोगों को आजाद करना चाहते हैं। इन्हें लगता है कि जो भी इस देश में गलत हो रहा है उसे किसी भी तरह से दुनिया के सामने लाया जाए। लेकिन जब इनका यह रास्ता कामयाब होता नहीं दिखा तो सिकंदर और रजत अपने कदम पीछे लेकर फिर से अपने-अपने कामों में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन इसका तीसरा दोस्त भावेश जोशी किसी भी तरह से सिर्फ इस भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहता है। ऐसे में वह अकेला ही पानी माफिया और लोकल पॉलिटिशियन (निशिकांत कामत) को समाज के सामने बेनकाब करने की कोशिशों में लग जाता है। हालांकि इस दौरान वह अपने दोस्तों को भी मिशन को बीच में न छोड़ने के लिए मनाता है। साधारण सी नजर आने वाली इस कहानी में यह देखना काफी दिलचस्प होता है कि, क्या वह पानी माफिया को एक्सपोज कर पाएगा? क्या उसे अपने अपने मिशन में जीत हासिल होगी? क्या उसके दोस्त भी इसमें शामिल होकर एक पॉलिटिशियन से टक्कर लेंगे? या भावेश भी अपने दोनों की तरह हार मानकर इस सिस्टम को स्वीकार कर लेगा? ऐसे ही कई सवाल हैं जिनका जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना होगा।
निर्देशन:-
विक्रमादित्य ने फिल्म में एक ऐसे मुद्दे को उठाया है, जिसका सामना अक्सर आम आदमी को करना पड़ता है। फिल्म की कहानी विक्रमादित्य मोटवानी, अनुराग कश्यप और अभय कोरेन ने मिलकर लिखी है। फिल्म में किसी आम शख्स को सुपरहीरो के रूप में देखा गया है, जिसके पास कोई सुपरपावर तो नहीं है। लेकिन यह आम आदमी की कहानी होते हुए भी आम जनता के साथ कनेक्ट नहीं करती। फिल्म के क्लाइमेक्स पर थोड़ा और काम किया जा सकता था, वहीं इसके डायलॉग्स भी आपको खुश नहीं कर पाएंगे।
अभिनय:-
हर्षवर्धन कपूर की बात करें तो उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरा इंसाफ किया है। उनकी एक्टिंग वाकई तारीफ के काबिल है। वहीं उनके दोनों दोस्तों ने भी अपने अपने किरदारों को बखूबी पर्दे पर उतारा है। हालांकि खलनायक की भूमिका में नजर आ रहे निशिकांत कमात की एक्टिंग काफी कमजोर लगी है। फिल्म के कुछ सीन्स में आपको बोरियत भी महसूस हो सकती है।