- फिल्म रिव्यू: भारत
- स्टार रेटिंग: 3 / 5
- पर्दे पर: 5 जून 2019
- डायरेक्टर: अली अब्बास जफर
- शैली: एक्शन-ड्रामा
Bharat Movie Review: ''To all the fathers who are heroes, And to all the mothers who are superheroes'' उन पिताओं के लिए जो हीरो हैं और उन माताओं के लिए जो सुपरहीरोज हैं। सलमान खान की फिल्म 'भारत' की यह टैगलाइन है।
कहानी: फिल्म 'भारत' की शुरुआत होती है साल 2010 से, जहां भारत (सलमान खान) अपनी जिंदगी के 70वें साल में हैं और पुरानी दिल्ली में रह रहे हैं। भारत (सलमान खान) हर साल अपना जन्मदिन मनाने अटारी स्टेशन पर जाता है और ट्रेन के साथ दौड़ते हुए केक काटकर यह दिन सेलिब्रेट करता है। इसके पीछे की क्या कहानी है ये बताने के लिए फिल्म हमें फ्लैशबैक में ले जाती है, जहां 1947 में लाहौर के मीरपुर गांव में भारत अपने पूरे परिवार के साथ रहता है। हालात खराब होते हैं और बंटवारे के वक्त वो अपनी मां, छोटी बहन और छोटे भाई के साथ हिंदुस्तान आ जाता है लेकिन उसके पिता और छोटी बहन गुड़िया वहीं रह जाते है। उस वक्त उसके पिता (जैकी श्रॉफ) उससे वादा लेते हैं कि वो अपने परिवार की देखभाल करेगा। इस वादे के साथ और पिता की तमाम अच्छी बातों के साथ भारत हिंदुस्तान आता है।
इस फिल्म में तमाम संदर्भों का इस्तेमाल किया गया है, जैसे साल 1947 में लाशों से भरी ट्रेन पाकिस्तान से भारत आई थी उस वाकये को और नेहरू जी के निधन के वाकये को फिल्म 'भारत' से इस तरह जोड़ा गया है कि आपको यकीन हो जाएगा कि भारत की कहानी सच्ची है। बावजूद इसके फिल्म में गहराई नहीं है जिसमें आप गोते लगा सके।
सलमान हर लुक में अच्छे लगे हैं, इमोशनल सीन में वो अपनी पकड़ बरकरार रखते हैं। सलमान के फैन्स निराश ना हों इसलिए उनसे बुढ़ापे में फाइट भी करवा दी गई है। कटरीना कैफ 'जीरो' के बाद एक बार फिर अच्छी एक्टिंग करती नजर आई हैं, लेकिन अभी भी बातचीत के लहजे की वजह से वो मात खा जाती हैं।
सुनील ग्रोवर जब-जब स्क्रीन पर आते हैं छा जाते हैं। अपने डायलॉग्स, अपनी कॉमिक टाइमिंग, इमोशनल सीन हर जगह वो बेहतरीन लगे हैं। वो अपने फैन्स को निराश नहीं करते हैं और एक जगह आपको उनका महिला वाला गेटअप भी दिखेगा।
भारत फिल्म सलमान खान की है लेकिन इस फिल्म में सारी लाइमलाइट वो अकेले लेने की कोशिश नहीं करते हैं। फिल्म के सह-कलाकार के रूप में जो एक्टर्स लिए गए हैं वो सभी काफी अच्छे कलाकार हैं। बावजूद इसके चाहे सोनाली कुलकर्णी हों , सतीश कौशिक हों, अतुल श्रीवास्तव, आसिफ शेख, कुमुद मिश्रा हों या शशांक अरोड़ा, इन सभी टैलेंटेड एक्टर्स को वेस्ट कर दिया गया है, उन्हें उनके टैलेंट के हिसाब से इस्तेमाल नहीं किया गया है। दिशा पाटनी का किरदार भी ठीक तरीके से नहीं पेश किया गया है।
फिल्म में सबसे अच्छा काम जैकी श्रॉफ का लगा है, सिर्फ वही हैं जो फिल्म को गहराइयां देते हैं वरना तो ये फिल्म एक उथले समंदर जैसी लगती है। सलमान खान के बचपन का रोल निभाने वाले चाइल्ड एक्टर कबीर शेख और सुनील ग्रोवर के बचपन का रोल निभाने वाले चाइल्ड एक्टर आर्यन प्रजापति का काम बहुत अच्छा रहा है। ये दोनों ही बच्चे बहुत सारी फिल्मों और सीरियल्स में नजर आ चुके हैं, इन्हें देखकर कहा जा सकता है कि इनका भविष्य उज्ज्वल है।
कटरीना कैफ और सुनील ग्रोवर का बुढ़ापे वाला लुक रियल लगता है, हालांकि सलमान की मां का रोल निभाने वाली सोनाली कुलकर्णी बाद में सलमान से भी छोटी दिखती हैं।
फिल्म के लोकेशन, कपड़ों पर काम किया गया है। जैसे-जैसे वक्त बदलता है चीजें उसी हिसाब से बदलती हैं और फिल्म की स्क्रीन का कलर भी बदलता है। फिल्म में एक्शन, रोमांस, कॉमेडी, इमोशन और सारे तरह के मसाले डाल दिए गए हैं जिससे हर तरह की ऑडियंस को कुछ ना कुछ मिल जाए। इस वजह से हुआ क्या है कि कुछ सीन तो लाजवाब हैं और कुछ सीन हल्के टाइप के भी बन गए हैं। कहीं-कहीं कोई सीन आपको इतना इमोशनल कर देगा कि आपकी आंखों से आंसू निकल आएगा वहीं कुछ सीन इतने फालतू हैं कि आपको लगता है ये क्या चल रहा है। फिल्म की जो कहानी है उसपर एक बहुत अच्छी फिल्म बन सकती थी लेकिन बेवजह के गाने और कुछ फालतू के सीन फिल्म को अच्छी बनाने से रोक लेते हैं। एडिटिंग थोड़ी शार्प और कसी हुई रखी जा सकती थी। फिल्म से नोरा फतेही वाले सीन और समुद्री लुटेरे वाले सीन बेवजह ठूंसे गए थे इन्हें हटाया जा सकता था।
फिल्म में 70 साल के सलमान को यंग बाइकर्स से लड़ना और अकेले सबको भगा देना भरोसे लायक सीन तो नहीं था लेकिन भाई जान की फिल्म में ये सब तो छोटी सी बात है।
ड्रामा कहीं-कहीं बहुत ज्यादा हो गया जो सच्चाई से बिल्कुल परे है। जैसे सलमान खान कभी अरब पहुंच जाते हैं कभी माल्टा, एक ही आदमी जो कभी सर्कस में काम किया करता था वो मर्चेंट नेवी में कैसे पहुंच जाता है।
सलमा सुल्ताना याद हैं आपको जो बालों पर फूल लगाकर न्यूज सुनाया करती थीं, फिल्म में एक जगह उनकी झलक भी दिखेगी। ऐसी बहुत सारी वजहें हैं कि आप फिल्म 'भारत' से खुद को रिलेट कर पाते हैं । शाहरुख खान के फैन्स के लिए इस फिल्म में एक बहुत प्यारा सरप्राइज है। फिल्म में अमिताभ बच्चन, सचिन तेंडुलकर और डॉक्टर मनमोहन सिंह को भी खास तरीके से मेंशन किया गया है। एक सीन में तो बकायदा अमिताभ के गानों की वजह से बड़ी लड़ाई सुलझती दिखाई जाती है। और फिल्म में डायलॉग भी है ''दुनिया की सबसे बड़ी लड़ाई बातचीत, प्यार मोहब्बत और हिंदी फिल्मों के गानों से सुलझ सकती है।''
सलमान खान की फिल्म 'ट्यूबलाइट' का बच्चा और 'सुल्तान' में सलमान खान की बेटी बनी बच्ची भी आपको फिल्म में दिखेगी। सलमान खान की फिल्में अगर आप ध्यान से देखते हैं तो आप पाएंगे कि फिल्म के कुछ सीन सलमान खान की फिल्मों 'टाइगर जिंदा है', 'किक', 'बजरंगी भाईजान' और 'हम आपके हैं कौन' से मिलते जुलते हैं। ऐसा लगता है पुरानी यादें ताजा करने के साथ-साथ फिल्म मेकर्स आपको सलमान की फिल्मों का भी फ्लैशबैक दे रहे हों।
भारत में सलमान खान की रियल लाइफ की भी झलक आपको दिखेगी, जैसे इतनी उम्र होने के बाद उन्होंने शादी क्यों नहीं की? क्या वो और कटरीना जैसे इस फिल्म में साथ रहते हैं वैसे ही जिंदगी भर बिना कमिटमेंट के साथ रहेंगे? खैर कमियों को छोड़ से तो इस ईद की छुट्टी पर आप यह फिल्म देख सकते हैं।
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