Monday, December 02, 2024
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Bad Cop Review: गुलशन देवैया और अनुराग कश्यप के एक्शन ने जीता दिल, 90दशक के फ्लैशबैक में खो जाएंगे आप

हॉटस्टार पर आज से शुरू हो रही नई क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज 'बैड कॉप' में गुलशन देवैया जुड़वां बच्चे करण और अर्जुन की भूमिका में धूम मचाते नजर आ रहे हैं। वहीं अनुराग कश्यप ने खलनायक काज़बे के दमदार रोल में आग लगा दी है।

Rahul Pratyush
Published : June 21, 2024 15:04 IST
Bad Cop Review
Photo: INSTAGRAM बैड कॉप रिव्यू
  • फिल्म रिव्यू: Bad Cop Web Series
  • स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
  • पर्दे पर: June 21, 2024
  • डायरेक्टर: Aditya Datt
  • शैली: Thriller, Action, Comedy

'भाग अर्जुन' 1995 की कल्ट क्लासिक 'करण अर्जुन' की एक मशहूर लाइन है। 'बैड कॉप' के पहले एपिसोड में गुलशन देवैया द्वारा अभिनीत करण, अपने भाई अर्जुन से यही लाइन कहता है, जिसे गुलशन देवैया ने ही शूटआउट के दौरान निभाया था। इस सीन ने मुझे हैरान कर दिया कि करण अर्जुन का डायलॉग अभी भी दर्शकों को इतना क्यों पसंद है, जबकि क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज 'बैड कॉप' में यह डायलॉग जब सुना तो बहुत अजीब लगा। इस सीरीज को देख आप 90 के दशक के फ्लैशबैक में खो जाएंगे।

यह सीरीज इस बात पर फोकस डालती है कि भारत में कई फिल्में और सीरीज़ क्यों बैकलैश या बुरी तरह फ्लॉप हो रही है क्योंकि निर्माता अक्सर कुछ पुराने हिट फ़ॉर्मूले रिपीट करते हैं। यह सोचकर कि जो चीजें पहले काम कर चुका है, वह फिर से काम कर सकती हैं। चाहे वह गाने के रीमिक्स हों, एक्शन सीक्वेंस हों, स्टोरीलाइन हों या डायलॉग हों, बॉलीवुड हर पुनारी हिट फिल्मों की कहानी को दोहराता है और उसी तरह हिट मूवी होने की उम्मीद करने लगते हैं। वहीं 'बैड कॉप' की कहानी में भी 90 के दशक की झलक देखने को मिली है। ऐसा लगता है कि यह 90 के दशक की पुलिस और लुटेरों की कहानी है, जिसमें 90 के दशक का धमाका और 2024 का तड़का लगाया गया है, लेकिन इस सीरीज के किरदार और आज के समय के हिसाब से ये काफी निराशाजनक है।

'बैड कॉप' की शुरुआत अर्जुन और उसकी गर्लफ्रेंड द्वारा होटल के कमरे में एक आदमी को लूटने के लिए हनी ट्रैप लगाने से होती है। इन सब के बीच कई कॉमेडी सीन्स भी देखने को मिलते हैं। अर्जुन भागने की कोशिश करता है, लेकिन एक पत्रकार की हत्या का गवाह बन जाता है। उस आदमी को बचाने की कोशिश में वह खून से लथपथ हो जाता है और अपना डीएनए उसी जगह पर छोड़ देता है जहां हत्या हुई थी। अगले शॉट में करण का इंट्रो होता है जो एक पुलिस अधिकारी है। वह एक स्थानीय गुंडे से पूछताछ कर रहा होता है तभी उसकी पत्नी देविका  सामने आती है और उसे बीच में रोक देती है। घटनाओं की एक सीरीज करण और अर्जुन को काज़बे के गुर्गों के साथ गोलीबारी में ले जाती है, जिसके कारण दोनों को गोली लग जाती है और वे नदी में गिर जाते हैं। फिल्म में इसके बाद नया मोड़ देखने को मिलता है। अर्जुन किसी तरह करण की जगह ले लेता है। उसकी पहचान को अपना बना लेता है और किसी को भी उसके बदलाव के बारे में पता नहीं चलता। कहानी का बाकी हिस्सा अर्जुन पर दिखाया जाएगा।

डिज्नी+ हॉटस्टार की नई सीरीज 'बैड कॉप' में मजेदार पुलिस और लुटेरों की कहानी दिखाई है जो हमें स्क्रीन से चिपका कर रखती है। गुलशन देवैया और अनुराग कश्यप अभिनीत इस सीरीज़ में शानदार एक्शन सीक्वेंस और प्रतिभाशाली कलाकार को दमदार रोल में देखने को मिल रहा है। हालांकि, इन सब के बीच कहानी में एक ऐसी सच्चाई छिपी हुई है जो क्लिच से भरी हुई है। बता दें कि क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज 'बैड कॉप' का रिव्यू 8 में से पहले 6 एपिसोड पर आधारित है।

'बैड कॉप' में अच्छाई और बुराई के बीच धुंधली रेखाओं को अच्छे से पेश करने की कोशिश की है। उदाहरण के लिए, एक पल में हाथी का सिर काटा जाता है और अगले पल में गणपति पूजा को दर्शाया दिखाया जाता है। जबकि शो की कहानी दर्शकों को गहराई तक ले जाने की कोशिश करता है, लेकिन हर सीन सस्पेंस से भरा हुआ है, जिससे के कारण दर्शक इस सीरीज को पूरा देखना चाहते हैं। सीरीज में एक्शन सीक्वेंस अच्छी तरह से कोरियोग्राफ किए गए हैं और एड्रेनालाईन को पंप करते हैं। सिनेमैटोग्राफी शानदार है जो मुंबई की हलचल भरी सड़कों और घने जंगलों को कैप्चर करती है। वहीं काजबे में काम करते लोग भी दिखाई दिए है। बैकग्राउंड स्कोर सस्पेंस को और बढ़ाता है।

हालांकि, जब कहानी की बात आती है तो 'बैड कॉप' कुछ खास नहीं है। गुलशन देवैया और अनुराग कश्यप के दमदार अभिनय के बावजूद, किरदार में वहीं पुरानी फिल्मों की झलक देखने को मिलती है। सीरीज़ किरदार के लाइफ के बारे में बात करें तो, करण अपनी पत्नी देविका के साथ खुश नहीं है दोनों एक-दूसरे से परेशान हैं। हालांकि एक्शन सीन बहुत दमदार हैं जो सीरीज को थोड़ा खास बनाते हैं। बता दें कि कहानी में वास्तविक को गहराई से जोड़ने में फिल्म मेकर विफल दिखे। जुड़वां भाई का ट्विस्ट, हालांकि शुरू में दिलचस्प लगा, लेकिन वहीं पुनर्मिलन के कारण कहानी में दम नहीं दिखा।

गुलशन देवैया ने सराहनीय अभिनय किया है, जो भाइयों के बीच सहजता से लड़ाई कर देता है। यह दूसरा अवसर है जब गुलशन देवैया स्क्रीन पर विलेन की भूमिका निभा रहे हैं, इससे पहले उन्होंने 2018 की एक्शन-कॉमेडी 'मर्द को दर्द नहीं होता' में ये भूमिका निभाई थी। देवैया उन सीन्स में बेहतरीन काम करते दिखाई दिए हैं जहां अर्जुन-करण के जीवन में घुलने-मिलने का प्रयास कर रहा है। उनका अभिनय किसी और की ज़िंदगी जीने और दोहरी पहचान को संभालने की बेचैनी को साफ तारीके से पेश करता है। वहीं सौरभ सचदेवा, सीबीआई इंस्पेक्टर आरिफ खान के रूप में, जो अपने पत्रकार मित्र की हत्या की जांच कर रहा है, अपनी मजबूत स्क्रीन उपस्थिति से ध्यान आकर्षित करता है, हालांकि उसकी भूमिका काफी हद तक निराशा में अधीनस्थों पर चिल्लाने तक ही सीमित है। हरलीन सेठी, जो उग्र पुलिस-पत्नी की भूमिका निभाती हुए एक शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन उनका चरित्र कई अन्य लोगों की तरह उतना अच्छा नहीं बन पाया। ऐश्वर्या सुष्मिता, जो अर्जुन की प्रेमिका और एक ठग की भूमिका निभा रही हैं सीमित स्क्रीन समय और छोटी भूमिका मिली है।

'बैड कॉप' बॉलीवुड की कहानियों पर आधारित है। इसमें जुड़वां भाई, एक गुंडा जिसे सबसे खतरनाक माना जाता है। वहीं एक कानून का पालन करने वाला पुलिस इंस्पेक्टर और एक सीबीआई अधिकारी है जो एक हत्या के मामले को सुलझाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। यह सीरीज मौलिकता से बहुत दूर लगती है। इसमें बॉलीवुड फिल्मों में अनगिनत बार देखे गए सीन को फिर से इस्तेमाल किया गया है, जिस के कारण कहानी घिसी-पिटी लगती है। इसके बावजूद, 'बैड कॉप' निस्संदेह देखने लायक है। एक्शन सीक्वेंस अच्छे हैं, अभिनय शानदार है, और डार्क ह्यूमर मजेदार है।

'बैड कॉप' ने अपने दो एपिसोड रिलीज कर दिए हैं। अगर आप एक्शन सीक्वेंस से भरपूर वेब सीरीज की तलाश में हैं तो यह सीरीज़ आपके लिए सही हो सकती है। बता दें कि 'बैड कॉप' के पहले दो एपिसोड अब डिज्नी+होस्टार पर स्ट्रीम हो रहे हैं।

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