नई दिल्ली: फिल्म निर्देशक शरमीन ओबेद के निर्देशन में बनीं 'द गर्ल इन द रिवर, द प्राइस ऑफ फॉरगिवनेस ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री (शार्ट सब्जेक्ट) का अवार्ड जीत लिया है। यह पाकिस्तान की पहली ऐसी डॉक्युमेंट्री बन गई है जिसे ऑस्कर मिला है, हालांकि इस फिल्म का पाकिस्तान में कट़टरपंथी लोगों ने यह कहकर विरोध किया था कि यह फिल्म पाकिस्तान की गलत तस्वीर पेश करती है जिसके चलते देश की छवि खराब होती है। द गर्ल इन द रिवर डा ऑनर किलिंग की सच्ची घटना पर आधारित है।
क्या है फिल्म की कहानी
उसका गुनाह सिर्फ इतना था कि वह अपनी मर्जी से शादी करना चाहती थी, लेकिन 18 साल की सबा के पिता और चाचा को उसकी यह बात पसंद नहीं आई। फिर क्या था सबा के पिता और चाचा ने मिलकर उसे जमकर पीटा और अधमरा कर मरने के लिए नदी में फेंक दिया। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था और सबा किसी तरह से जिंदा बच गई। सबा की इस सच्ची दास्तान पर पाकिस्तानी फिल्म निर्देशक शरमीन ओबेद ने शार्ट डाक्यूमेंट्री बनाई है और इस फिल्म ने ऑस्कर अवार्ड 2016 में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री (शार्ट सब्जेक्ट) का अवार्ड जीतकर पाकिस्तान के फिल्म इतिहास में ऑस्कर जीतने वाली पहली फिल्म बन गई है।
पाकिस्तान में ऑनर किलिंग की दास्तान बताती इस फिल्म को बेस्ट डाक्यमेंट्री श्रेणी में ऑस्कर अवार्ड का मजबूत दावेदार बताया जा रहा था और इसकी कहानी की जबरदस्त चर्चा थी जो सही साबित हुई।
बेटी बेहतर पाकिस्तान में जी सके इसलिए बनाई फिल्म
फिल्म की निर्देशिका शरमीन ओबेद का कहना है कि दरअसल यह फिल्म मैंने अपनी बेटी एमिली के लिए बनाई है,ताकि वह एक बेहतर पाकिस्तान में जी सके। गौरतलब है कि पाकिस्तान में हर साल एक हजार लड़कियों का मर्डर ऑनर किलिंग के चलते हो जाता है। शरमीन के अनुसार ऑनर किलिंग केवल पाकिस्तान ही नहीं भारत, बांग्लादेश और मध्यपूर्व देशों की समस्या है और इस समस्या का धर्म और राष्ट्र से इसका कोई लेना देना नही हैं।
पाकिस्तान में हुआ कड़ा विरोध
फिल्म निर्देशिका शरमीन ओबेद की फिल्म ‘ए गर्ल इन द रिवर’ को जहां विदेशों में बेहद पसंद किया जा रहा है वहीं उनको अपने देश में फिल्म को लेकर विरोध प्रदर्शन का सामना करना भी करना पड़ा। पाक सगठनों का दावा है कि यह फिल्म पाकिस्तान की नकरात्मक छवि दुनिया को दिखाती है और बदनाम करने वाली है। हालांकि पाक पीएम नवाज शरीफ ने इस फिल्म को विशेष स्क्रीनिंग के दौरान देखा और जमकर तारीफ पहले ही कर चुके हैं।
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