Sunday, December 15, 2024
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गरीबी के दिनों में ट्रेन के फर्श पर लेटकर की यात्रा, बड़े होकर बने तबला के किंग, लगातार 3 साल जीता ग्रैमी अवॉर्ड

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की रविवार को हालत गंभीर है। 18 से ज्यादा फिल्मों में अपनी कला का जादू बिखेर चुके जाकिर हुसैन को 73 साल की उम्र में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके जाकिर हुसैन ने लगातार 3 बार और कुल 5 ग्रैमी अवॉर्ड जीते थे।

Written By: Shyamoo Pathak
Published : Dec 15, 2024 22:42 IST, Updated : Dec 15, 2024 23:26 IST
Zakir Hussain- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM जाकिर हुसैन

लगातार 3 बार समेत कुल 5 बार ग्रैमी,  पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सम्मानों के सरतार जाकिर हुसैन की हालत रविवार को गंभीर हो गई। जाकिर हुसैन को अमेरिका के शहर सैन फ्रेंसिस्को के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। 9 मार्च 191 को मुंबई में जन्मे जाकिर हुसैन बचपन से ही जहीन दिमाग और कला प्रेमी रहे हैं। जाकिर हुसैन ने अपनी स्कूलिंग सेंट मिचेल हाई स्कूल माहिम से पूरी की। बचपन से ही संगीत की दुनिया में नाम कमाने वाले जाकिर हुसैन ने कम उम्र से ही तबला बजाना शुरू कर दिया था। साल 1973 में जाकिर हुसैन ने जॉर्ज हैरिसन के एल्बम में अपने संगीत का जादू दिखाया था। यहां से जाकिर हुसैन की संगीत की यात्रा पूरी दुनिया में सफर के लिए निकली। 

अमेरिका से की थी म्यूजिक की पढ़ाई

जाकिर ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री पूरी की। उन्होंने 1991 में प्लैनेट ड्रम के लिए ड्रमर मिकी हार्ट के साथ एल्बम में काम किया। इस एल्बम के लिए जाकिर हुसैन को ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित किया। हुसैन ने कई फिल्मों के साउंडट्रैक में भी अपना जादू पिरोया है। जाकिर हुसैन को 1991 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह अटलांटा में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए संगीत तैयार करने वाली टीम का भी हिस्सा थे। वह पहले भारतीय संगीतकार भी हैं जिन्हें 2016 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया था। जाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

पैसों की किल्लत झेल चुनी म्यूजिक की जर्नी

जाकिर हुसैन ने बचपन में काफी संघर्ष भी किया है। अपने करियर के शुरुआती दिनों में जाकिर हुसैन को काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना पड़ा था। पैसों की कमी के चलते जाकिर हुसैन ट्रेन में जनरल कोच में यात्रा करते थे। इतना ही नहीं सीट नहीं मिलने पर ट्रेन कोच के जमीन पर ही अखबार बिछाकर सो जाया करते थए। लेकिन आगे जाकर जाकिर खान ने अपने संगीत से दुनिया में नाम कमाया। जाकिर हुसैन संगीत की दुनिया के साथ फिल्मों से भी जुड़े रहे। इतना ही नहीं जाकिर हुसैन ने हॉलीवुड फिल्म में भी एक्टिंग की है। जाकिर हुसैन को 1983 में ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट में भी काम करने का मौका मिला था। इस फिल्म में जाकिर हुसैन के साथ शशि कपूर भी अहम किरदार में नजर आए थे। 

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