भारतीय बिजनेस ताइकून मुकेश अंबानी और उनका पूरा परिवार सुर्खियों में बना रहता है। अपने काम के साथ-साथ अंबानी परिवार अपने सामाजिक कार्यों से भी लोगों को प्रभावित करता है। इस परिवार में हर कार्यक्रम किसी जलसे से कम नहीं होता। सामूहिक विवाह से लेकर परिवार के सदस्यों की शादी और दिवाली सेलिब्रेशन से लेकर गणपति पूजा तक हर एक कार्यक्रम लाइमलाइट में बना रहता है और हो ऐसा हो भी क्यों न हर फंक्शन इतना ग्रैंड जो होता है, ऐसे में उसकी चर्चा लाजमी हो जाती है। वैसे ये सभी कार्यक्रम एक शख्स के बिना अधूरे रहते हैं। अनंत अंबानी की शादी से लेकर हाल में हुई गणपति पूजा तक हर कार्यक्रम में ये शख्स शामिल हुआ। अंबानी परिवार में इनकी खास जगह है। ये कोई और नहीं बल्कि अंबानी परिवार के गुरु रमेश भाई ओझा हैं, जिनका सम्मान और कहना अंबानी परिवार का हर सदस्य मानता है।
कौन हैं अंबानी परिवार के गुरु
अब आपको ये जानने में दिलचस्पी जरूर होगी कि ये कौन हैं? अंबानी परिवार के इतने करीब कैसे आए? अंबानी परिवार में इनका क्या स्थान है? इन सभी सवालों का जवाब हम आपके लिए लाए हैं। अंबानी परिवार के गुरु रमेश भाई ओझा आध्यात्मिक गुरु हैं। गुजरात के पोरबंदर में इनका आश्रम है। इसका नाम 'संदीपनी विद्यानिकेतन आश्रम' है। इस आश्रम में अंबानी परिवार के सदस्यों के साथ ही देश के कई और नामी लोग जाते रहते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के तमाम बड़े नेता और बिजनेसमैन इस आश्रम में गुरु रमेश भाई ओझा से मिलने जाते रहे हैं।
इनके आशीर्वाद से संपन्न होता है हर कार्यक्रम
बताया जाता है कि रमेश भाई ओझा अंबानी परिवार के साथ सालों से हैं। धीरूभाई अंबानी ने इन्हें अपने गुरु के तौर पर चुना था। ये पहली बार तब चर्चा में आए जब धीरूभाई अंबानी अपनी सफलता के शिखर पर थे। इनकी अहमियत अंबानी परिवार के बच्चे-बच्चे के लिए काफी ज्यादा है। परिवार के हर छोटे-बड़े फैसले में इनकी सलाह मानी जाती है। इनके आशीर्वाद के साथ हर कार्यक्रम पूरा होता है। कहा जाता है कि मुकेश अंबानी बिजनेस में भी इनकी सलाह लेते हैं और अनका आशीष ग्रहण कर ही कोई नया कार्य शुरू करते हैं।
इस तरह परिवार ने रमेश भाई ओझा को चुना गुरु
धीरुभाई अंबानी की पत्नी कोकिलाबेन अकसर आश्रम जाती हैं और रमेश भाई ओझा के वीडियो भी देखा करती हैं। सालों से वो उनके वीडियो देख रही हैं और उनसे ही प्रभावित होकर साल 1997 में उन्होंने अपने घर का नाम 'राम कथा' कराने के लिए आमंत्रित किया था। इसकी के बाद से वो अंबानी परिवार के काफी करीब आ गए हैं और यहीं से पूरे परिवार ने उन्हें गुरु के रूप में अपना लिया।