विकास बहल बॉलीवुड के उन डायरेक्टर्स में से हैं, जिन्होंने बॉलीवुड को 'उड़ता पंजाब', 'क्वीन', 'हंसी तो फंसी' से लेकर 'सुपर 30' तक जैसी शानदार फिल्में दी हैं। लेकिन, 2023 में सिनेमाघरों एक फिल्म रिलीज हुई, जिसने मेकर्स से लेकर दर्शकों तक सबको हैरानी में डाल दिया। ये एक साई-फाई थ्रिलर फिल्म थी, जिसे बनाते वक्त खुद फिल्म के डायरेक्टर यानी विकास बहल को भी नहीं पता था कि वो क्या बना रहे हैं और फिल्म रिलीज होने के बाद वह इस बात को लेकर कन्फ्यूज थे कि आखिर उन्होंने ये फिल्म बनाई क्यों। हम बात कर रहे हैं 2023 में रिलीज हुई 'गणपत' की, जिसमें टाइगर श्रॉफ, कृति सेनन और अमिताभ बच्चन जैसे स्टार नजर आए थे। विकास बहल ने इस साई-फाई थ्रिलर फिल्म में 200 करोड़ लगा दिए थे, लेकिन ये बॉक्स ऑफिस पर 20 करोड़ भी नहीं कलेक्ट कर पाई थी और साल की सबसे बड़ी फ्लॉप साबित हुई।
2023 की महा-फ्लॉप फिल्म
जब फिल्म रिलीज हुई मेकर्स को इससे काफी उम्मीदें थीं। लेकिन, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई। फिल्म के सिनेमाघरों में दस्तक देने के बाद इसका हाल तो हैरान करने वाला था ही, साथ ही साथ बॉक्स ऑफिस पर इसका हाल देखकर फिल्म के डायरेक्टर विकास बहल ने जो कहा वो और भी चौंकाने वाला था। विकास बहल का कहना था कि ये फिल्म बनाते वक्त वो खुद भी सेल्फ डाउट में थे। उन्हें नहीं पता था कि उन्होंने ये फिल्म क्यों बनाई और वह क्या बनाना चाहते थे।
20 करोड़ भी नहीं कमा पाई थी फिल्म
गणपत जब सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो इसे फिल्म क्रिटिक्स से निगेटिव रिव्यूज मिले और दर्शकों को इंप्रेस करने में भी ये बुरी तरह फेल रही। फिल्म का हाल ये रहा कि करीब 200 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म 20 करोड़ का आंकड़ा भी टच नहीं कर पाई। दर्शकों ने फिल्म का रिव्यू देते हुए यहां तक कह दिया था कि गणपत की कहानी के ना तो सिर का पता था और ना ही पैर का। यानी मेकर्स ने फ्लॉप स्टोरी वाली एक फिल्म दर्शकों के सामने परोस दी। फिल्म को लगातार मिल रहे निगेटिव रिव्यूज पर फिल्म के डायरेक्टर विकास बहल ने भी प्रतिक्रिया दी थी।
मुझे बस ये पता था कि इसे पूरा करना है- विकास बहल
विकास बहल ने फिल्म के हालातों को देखते हुए कहा था कि उन्हें खुद भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर गणपत की कहानी किस दिशा में जा रही है। उन्हें फिल्म की कहानी को लेकर काफी डाउट था। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि गणपत उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्होंने बहुत ही शिद्दत के साथ फिल्म पर काम शुरू किया, लेकिन धीरे-धीरे फिल्म की कहानी उस दिशा से हटती चली गई, जैसा उन्होंने सोचा था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था- 'मैं गणपत की कहानी लिख रहा था और लिखता चला गया। धीरे-धीरे कहानी बदलती चली गई और मुझे खुद समझ नहीं आया कि ये कब फ्यूचर वाले बैकड्रॉप में चली गई। मैंने जब कहानी पढ़ी, मुझे खुद समझ नहीं आया कि ये कैसे सुनानी है। बस ये पता था कि इसे पूरा करना है।'