'शमशेरा' में नजर आने वाली अभिनेत्री वाणी कपूर का कहना है कि वह कभी भी यह सोचकर फिल्में नहीं चुनती हैं कि वह उनके लिए पुरस्कार जीतेंगी, वह हर फिल्म अपने दिल से चुनती हैं। वाणी कहती हैं कि 'मैंने कभी भी यह सोचकर फिल्मों का चयन नहीं किया कि मैं उनके लिए पुरस्कार जीतूंगी। मैंने हमेशा अपने दिल से परियोजनाओं को चुना है और इसलिए मैं भाग्यशाली हूं कि मेरी फिल्मोग्राफी में 'चंडीगढ़ करे आशिकी' जैसी फिल्म हैं।'
'ऐसा प्रोजेक्ट मिलना दुर्लभ है जो आपको निखारे, चुनौती दे। मानवी एक विचार और दुनिया के लिए एक आदर्श है और मैं धन्य हूं कि मुझे इस किरदार को निभाने का मौका मिला।'
उन्होंने कहा कि अगर लोगों ने मेरे अभिनय को पसंद किया है तो ऐसा इसलिए है क्योंकि चरित्र को 'खूबसूरती से और गरिमा के साथ' लिखा गया है।
अभिनेत्री ने कहा, 'अगर मुझे पुरस्कार मिला, तो मैं उसे भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय को समर्पित कर दूंगी। अगर फिल्म जीतती है या मेरा प्रदर्शन जीतता है, तो यह लोगों को दिखाएगा कि मुख्यधारा का मीडिया इस विचार को स्वीकार कर रहा है। यह बहुत जरूरी बदलाव है।
'मुख्यधारा के मीडिया में समाजों को बदलने, इसे विकसित करने और बेहतर बनने की शक्ति है। लेकिन हमने पुरस्कारों को ध्यान में रखते हुए फिल्म नहीं बनाई है। अभिषेक कपूर चाहते थे कि फिल्म हम सबके दिमागों को खोलें।'
उन्होंने कहा कि हमने खुद को बदलने, समाज कैसा है और आने वाली पीढ़ियों के लिए समाज कैसा होना चाहिए, इस बारे में विचार करने के लिए फिल्म बनाई है।