बॅालीवुड में 'जवान','पठान','गदर 2', 'ड्रीम गर्ल 2', 'ओएमजी 2' जैसी सैकड़ों फिल्में हर साल बनाई जाती हैं। कुछ फिल्म के नाम से ही फिल्म की कहानी प्रेरित होती हैं, जैसे की रक्षाबंधन जैसी फिल्में, जिसके नाम से ही दर्शक समझ जाते हैं कि फिल्म की कहानी कुछ इस पर आधारित होगी। लेकिन क्या आप जानते है कि बाॅलीवुड में कुछ ऐसी अटपटी नामों वाली फिल्में भी बनी हैं, जिसके अजीबोगरीब नाम सुनकर आपकी हंसी नहीं रुकेगी। आज इस रिपोर्ट में पढ़ें ऐसी ही फिल्मों के नाम, जिन्हें सुनकर आपकी हंसी छूट जाएगी।
जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली
1971 में रिलीज हुई इस फिल्म में वत्सला देशमुख, दीना पाठक और संध्या संतराम जैसे स्टार्स लीड रोल में नजर आए थे। फिल्म को वी संतराम ने डायरेक्ट किया था। लेकिन फिल्म का नाम सुनकर तो केवल हंसी ही छूट रही है।
मेहंदी बन गई खून
इस अजीब से नाम वाली फिल्म में जूही चावला मुख्य किरदार में हैं, जो अपने प्यार की खातिर सेक्रिफाइज़ करती हैं और ससुराल में टॉर्चर झेलती हैं।
मुर्दे की जान खतरे में
ये क्या टाइटल हुआ ...एक मुर्दे की जान खतरे में कैसे हो सकती है भला?
अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान
ये तो एक कहावत ही है, लेकिन फिल्म का नाम पूरी की पूरी कहावत पर ही रखने की क्या ज़रूरत थी?
उधार का सिंदूर
इस फिल्म में जितेंद्र कपूर, रीना रॉय और आशा पारेख लीड कैरेक्टर में हैं। हालांकि देखने से लगता है कि अच्छी फिल्म होती लेकिन इसका टाइटल थोड़ा अच्छा रखते तो सही रहता।
धोती लोटा और चौपाटी
इस अजीब से नाम वाली फिल्म में लीड किरदार में धर्मेंद्र नज़र आए थें। इतना ही नहीं संजीव कुमार और फरीदा जलाल भी इस फिल्म में थे। लेकिन इस फिल्म का नाम ऐसा क्यों है ये तो बनाने वाला ही जानें।
थोड़ासा रूमानी हो जाएं
इस फिल्म का नाम सुनकर आपको यकीन नहीं होगा कि इस फिल्म में लीड किरदार में नाना पाटेकर थे। तो वहीं ये फिल्म अमोल पालेकर ने बनाई थी।
दीवाना हूं पागल नहीं
'आवारा पागल दीवाना', 'दीवाने हुए पागल' ये नाम भी कुछ खास तो नहीं लेकिन सुने हैं। लेकिन ये नाम तो काफी अटपटा है।
सस्ती दुल्हन महंगा दूल्हा
भप्पी सोनी के निर्देशन में बनी फिल्म 'सस्ती दुल्हन महंगा दुल्हा' साल 1986 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म का नाम भी बेहद ही यूनिक है।इस फिल्म में आदित्य पंचोली, प्रिया तेंदुलकर बीना बनर्जी जैसे सितारे नजर आए थे।